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एनएसई के आईपीओ पर सेबी की हरी झंडी, बाजार में हेरफेर पर कड़ा रुख


मुंबई: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने एक महत्वपूर्ण बयान में कहा है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के बहुप्रतीक्षित प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) को आगे बढ़ाने में अब कोई नियामक बाधा नहीं बची है. उन्होंने यह बात FE CFO Awards 2025 के दौरान कही, जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि सेबी की ओर से NSE IPO की प्रक्रिया को लेकर अब कोई अड़चन शेष नहीं है. यह एक अहम बयान है क्योंकि NSE का IPO पिछले कुछ वर्षों से लंबित रहा है.

हालांकि, जब उनसे यह पूछा गया कि क्या यह आईपीओ इस वर्ष दिवाली से पहले आ सकता है, तो उन्होंने किसी भी प्रकार की समयसीमा बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने यह जरूर कहा कि सेबी की ओर से अब इस दिशा में कोई रुकावट नहीं है.

NSE की तैयारी और सेबी से NOC की प्रतीक्षा
इससे पहले NSE के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने मीडिया को बताया था कि एक्सचेंज ने सेबी से ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र’ (No Objection Certificate – NOC) मांगा है. उन्होंने कहा, एनओसी मिलने के बाद हम अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) तैयार करेंगे और फिर इसे सेबी को समीक्षा और मंजूरी के लिए सौंपेंगे.

इसका अर्थ है कि जैसे ही NOC प्राप्त होता है, NSE औपचारिक रूप से IPO प्रक्रिया की शुरुआत कर देगा. DRHP वह दस्तावेज होता है जिसमें कंपनी अपने व्यवसाय, वित्तीय स्थिति, जोखिम और अन्य निवेशक-संबंधी जानकारी प्रस्तुत करती है.

सेबी का रुख: SME IPO और डेरिवेटिव्स में हेरफेर पर कड़ी नजर
FE CFO Awards के मंच से सेबी चेयरमैन ने इस बात पर भी चिंता जताई कि हाल के समय में विशेष रूप से SME IPO के क्षेत्र में हेरफेर के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों ने, फंड साइफनिंग (धन को अनुचित तरीके से बाहर निकालना), आईपीओ के सब्सक्रिप्शन डेटा में हेरफेर, गलत जानकारी प्रस्तुत करना, निवेशकों को गुमराह करने वाली खुलासे करना जैसे गंभीर कृत्य किए हैं. सेबी ने इन मामलों में कई आदेश भी पारित किए हैं और संबंधित पक्षों के खिलाफ जांच प्रक्रिया शुरू की है.

डेरिवेटिव्स मार्केट भी जांच के घेरे में
एक और चिंता का विषय जो चेयरमैन ने उजागर किया, वह था इंडेक्स ऑप्शन्स जैसे डेरिवेटिव्स मार्केट में हो रही हेराफेरी. सेबी को संदेह है कि कुछ संस्थाएं जानबूझकर मार्केट को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, बाजार में हेरफेर को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम सख्त निगरानी कर रहे हैं और भविष्य में और अधिक कड़े कदम उठाएंगे.

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