हैदराबाद: वह एक कॉलोनी में रहता है. वह महंगी गाड़ियों में घूमता है. उसके साथ हमेशा दस लोग होते हैं. वह किसी भी त्यौहार या जुलूस में दान करता है. यह सब दिखावा है. इससे पहले कि उसे एहसास हो कि यह उसकी आय में हेराफेरी करने का प्रयास है, वह करोड़ों रुपये कमाकर अपना चेहरा बना लेता है. हैदराबाद महानगर में ठगी करने वालों का यह नया चलन है.
चेन फ्रॉड क्या है?
विदेशी कंपनियां, शेयर बाजार और रियल एस्टेट सेक्टर सभी भोले-भाले लोगों को यह कहकर ठग रहे हैं कि वे ही असली हैं. हाल ही में हैदराबाद के मलकपेट के दो दोस्तों ने स्थानीय स्तर पर रैकेट बनाकर 50 करोड़ रुपए ठग लिए. उन्हें वादा किया गया कि अगर वे उनके बिजनेस में निवेश करेंगे तो उन्हें अप्रत्याशित लाभ होगा. तीन साल तक चली इस चोरी का खुलासा सीसीएस पुलिस के दखल से हुआ. पुलिस ने पाया है कि हैदराबाद के उपनगरों में हजारों लोग इसी तरह चेन फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं.
कैसे करते हैं ठगी?
ये लोग मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव के जरिए मोटी कमीशन की उम्मीद में प्रचार करते हैं. सोशल मीडिया पर लोगों को प्रभावित करते हैं. लोगों को यह विश्वास दिलाते हैं कि स्टील, सोना, शेयर बाजार, फार्मा और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश कर वे रातों-रात किस्मत बदल सकते हैं. महंगे होटलों में मीटिंग कराते हैं. अपने एजेंट को सदस्य के तौर पर पेश करते हैं.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये लोग यह मानकर सदस्य बन रहे हैं कि यह सब सच है. अब जब सोने की कीमत बढ़ गई है, तो उनके संज्ञान में आया है कि एक गिरोह महिलाओं को प्रभावित करने के लिए गोल्ड स्कीम के नाम पर पैसे ऐंठ रहा है. पुलिस ने कहा कि पीड़ित शिकायत करेंगे तो कार्रवाई की जाएगी.
लाभ का जाल
पिछले साल एक जालसाज ने सैकड़ों लोगों को सदस्य बताकर वेलनेस सेंटर में निवेश करने का लालच दिया. उसने अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया, ताकि लेन-देन में उसका नाम न आए. वित्तीय अपराधों में शामिल अधिकांश आरोपी स्थानीय स्तर पर जाने-माने लोग हैं. वे आलीशान जीवन जीते दिखते हैं. संगठन से जुड़ने वाले सदस्यों से कहा जाता है कि उन्हें 4-5 महीने तक उनके खातों में कमीशन और लाभ मिलता रहेगा. नए सदस्यों को विश्वास बनाने के लिए बोनस के रूप में दोगुना कमीशन दिया जाता है. बड़ी मात्रा में नकदी प्राप्त करने के बाद वे खूब हंगामा करते हैं.