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अब Aadhaar Card में बार-बार नहीं बदल पाएंगे DOB, बायोमेट्रिक्स अपडेट की होगी लिमिट


नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) एडवांस तकनीकों का यूज करके आधार कार्ड और फर्जी यूआईडी नंबरों से जुड़ी धोखाधड़ी से निपटने की तैयारी कर रहा है. UIDAI आधार कार्ड में धोखाधड़ी और बार-बार होने वाले बदलावों को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसे एडवांस उपकरणों का उपयोग करने की योजना बना रहा है.

इन प्रयासों का उद्देश्य फर्जी आधार कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकना है, जो बैंकिंग और अलग-अलग सामाजिक सेवाओं को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं.

क्या-क्या बदलेगा?
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने हाल ही में घोषणा की कि एजेंसी जन्मतिथि और बायोमेट्रिक्स में बार-बार होने वाले बदलावों को रोकने की योजना बना रही है. और गलत फोटो और मिश्रित बायोमेट्रिक्स को हटाने के लिए AI और ML जैसी तकनीकों का उपयोग करेगी.

कई यूजर धोखाधड़ी करने के लिए अपने आधार रिकॉर्ड में इन डिटेल्स को बार-बार अपडेट करते हैं. कुछ तो अपने पैरों, दूसरों या यहां तक कि किसी मृत व्यक्ति के फिंगरप्रिंट के साथ अपनी उंगलियों के निशान भी मिला देते हैं. यूआईडीएआई इन तकनीकों का उपयोग इन विसंगतियों का पता लगाने और गलत या असंगत बायोमेट्रिक्स वाले आधार कार्ड की पहचान करने के लिए करेगा.

आधार आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी
इसके अलावा यूआईडीएआई आधार आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन बनाने पर काम कर रहा है, जिससे दस्तावेजों में बदलाव की संभावना कम हो जाएगी. एजेंसी सभी जानकारी सीधे स्रोत से सत्यापित करेगी, जैसे पैन, मनरेगा और सीबीएसई.

एजेंसी लोगों द्वारा अपनी उंगलियों के निशान बदलने की संख्या पर भी प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है. यह एडल्ट को बच्चों के लिए बने आधार कार्ड के लिए आवेदन करने से रोकने के लिए एआई-आधारित कैमरे का भी उपयोग करेगा, जिसमें बायोमेट्रिक्स की आवश्यकता नहीं होती है.

ऐसे हो रही है धोखाधड़ी
यूआईडीएआई के सीईओ ने आम धोखाधड़ी के परिदृश्यों पर प्रकाश डालते हुए एक उदाहरण दिया. और कहा कि कोई व्यक्ति क्रिकेट टीम में शामिल होने के लिए अपनी उम्र कम करना चाहता है या नौकरी पाने के लिए अपनी उम्र बढ़ाना चाहता है. कई लोग अपनी जन्मतिथि अपडेट करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र का दुरुपयोग करते हैं, और इस प्रथा पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

इसके अलावा गैर-भारतीय आवेदक केवल तभी आधार कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं जब वे 180 दिनों या उससे अधिक समय तक भारत में रहे हों. यूआईडीएआई ने बताया कि पिछले छह महीनों में ऐसे 1,456 आवेदन खारिज किए गए, जिनमें ऐसे उपयोगकर्ता शामिल थे जो भारत के निवासी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने भारतीय नागरिक के रूप में आधार के लिए आवेदन किया था.

इसके अलावा यूआईडीएआई ने 1.17 करोड़ से ज्यादा ऐसे लोगों के आधार कार्ड रद्द कर दिए हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, क्योंकि उनके परिवारों ने इन कार्डों को रद्द करने के लिए आवेदन नहीं किया था.

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