नई दिल्ली : वित्तीय वर्ष 2025 की शुरुआत में ही केंद्र सरकार को आर्थिक मोर्चे पर झटका लगा है. 10 जुलाई तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि, इस गिरावट को लेकर बहुत अधिक चिंता नहीं जाहिर की जा रही है. सरकार के अनुसार इसकी वजह टैक्स रिफंड्स सेवा है. सरकार ने इस बार समय पर लोगों के पैसे लौटाए हैं. आंकड़ों के मुताबिक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 5.63 लाख करोड़ रु. है. पिछले साल के मुकाबले यह 1.3 फीसदी कम है.
कॉरपोरेट टैक्स में घटोतरी और कॉरपोरेट खर्च बढ़ने को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है. सरकार ने इस वित्तीय वर्ष को लेकर जो टारगेट तय कर रखे हैं, उनका 22.34 फीसदी जुटा लिया गया है. पिछले साल की तुलना में टैक्स रिफंड 38 फीसदी अधिक हुए हैं. इस बार सरकार ने 1.02 लाख करोड़ की राशि टैक्स रिफंड में जोड़े हैं. रिफंड से पहले की राशि की बात करें तो सरकार ने अधिक फंड जुटाए हैं.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बताते हैं कि आयकर पोर्टल पर 13.10 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत उपयोगकर्ता पंजीकृत हैं. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अब तक कुल 1.16 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जा चुके हैं. इनमें से 1.12 करोड़ रिटर्न करदाताओं द्वारा सत्यापित किए जा चुके हैं. एक बार रिटर्न दाखिल हो जाने के बाद, उसे संसाधित करने के लिए सत्यापन अनिवार्य है. सत्यापन की अधिक संख्या दर्शाती है कि सबकुछ नियत समय पर हो रहा है. विभाग पहले ही 71.35 लाख सत्यापित आईटीआर संसाधित कर चुका है. आंकड़े दर्शाते हैं कि रिटर्न दाखिल करने और प्रसंस्करण साइकिल अच्छी तरह से चल रहा है, और 15 सितंबर, 2025 की विस्तारित नियत तारीख से पहले ही रिटर्न का एक बड़ा हिस्सा विभिन्न चरणों से गुजर रहा है.
टैक्स एक्सपर्ट युवोंद्र कपूर ने ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ सौरभ शुक्ला से बात करते हुए कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अपने सिस्टम और रिटर्न फॉर्म को अपग्रेड करने की प्रक्रिया में लगा हुआ है. उसने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स फाइल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर तक बढ़ा दी है. आईटीआर फॉर्म को भी संशोधित किया गया है. इसकी वजह जुलाई 2024 से पहले या बाद में क्रिप्टो से होने वाली आय और संपत्ति पर होने वाले कैपिटल गेन समेत अन्य स्रोतों की जानकारी को शामिल करना है. संपत्ति और देनदारियों के प्रकटीकरण के लिए 50 लाख की सीमा को संशोधित कर 1 करोड़ कर दिया गया है. आयकर विभाग इस वर्ष तेजी से आईटीआर प्रसंस्करण और आईटीआर फाइलिंग के एक सप्ताह के भीतर रिफंड जारी करने के संबंध में अपनी गति बनाए रखने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इस बार हमारे पास 8 करोड़ से अधिक आईटीआर फाइलर होंगे.
कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 3.7 फीसदी की कमी आई है. गैर कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 0.04 फीसदी की कमी आई है. टैक्स कलेक्शन में कमी को रिफंड्स से जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि सरकार ने रिफंड्स के तौर पर लगभग 89863 करोड़ रु. लौटाए हैं, लिहाजा इस राशि को कॉरपोरेट टैक्स में जोड़ दिया जाए, तो पिछले साल के मुकाबले यह राशि लगभग 9.42 प्रतिशत अधिक पड़ेगी. पिछले साल से तुलना करें तो रिफंड्स 56.85 फीसदी अधिक हुई है.
सिक्योरिटीज ट्रंजैक्शन टैक्स, एसटीटी, में वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले साल यह राशि 16632 करोड़ थी, जबकि इस साल यह राशि बढ़कर 17874 करोड़ हो गई है. यानी इसमें पौने आठ फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी गई है. जो लोग शेयर मार्केट में खरीद बिक्री करते हैं, उन पर एसीटीटी लगाया जाता है.
रिफंड्स को लेकर जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उनके मुताबिक टैक्स डिपार्टमेंट ने करीब 1.02 लाख करोड़ की रिफंड जारी की है. पिछले साल के मुकाबले यह 38 फीसदी ज्यादा है.
कुछ लोग मानते हैं कि रिफंड्स बढ़ने की वजह से ही डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी दर्ज की गई है.
रिफंड्स से पहले ग्रॉस टैक्स कलेक्शन 6.65 लाख करोड़ रु था. 10 जून तक यह आंकड़ा 5.45 लाख करोड़ का था.
जहां तक नॉन कॉरपोरेट टैक्स पेयर्स की बात है, तो वहां पर रिफंड घटे हैं. सालाना स्तर पर देखें तो यह राशि 27 फीसदी तक कम होग गई है. यानी इनमें आम फैमिली, फर्म, ग्रुप, लोकल बॉडी वगैरह आते हैं. इस कैटेगरी में 12114 करोड़ की राशि रिफंड की गई है. कलेक्शन 3.45 लाख करोड़ का है.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने करेंट फाइनेंशियल ईयर के लिए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का अनुमान 25.2 लाख करोड़ का रखा है. पिछले साल यह राशि 22.26 लाख करोड़ की थी. पिछले साल की तुलना में यह राशि 13.57 फीसदी अधिक है.
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