नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी और कीर स्टारमर ने भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड समझौते पर साइन किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन पहुंचने के साथ ही सभी की निगाहें लंबे समय से प्रतीक्षित भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड समझौते (FTA) टिकी हुई थी. आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ब्रिटेन अपनी नई 10 वर्षीय औद्योगिक रणनीति पर आगे बढ़ रहा है. इस फ्री ट्रेड समझौते से विशेष रूप से टेक्नोलॉजी, मैन्यूफैक्चुरिंग और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़े अवसर खुलने की उम्मीद है. यह यात्रा दोनों देशों के लिए एक अधिक गतिशील और भविष्य-उन्मुख साझेदारी को आकार देने में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह समझौता केवल एक आर्थिक समझौता नहीं है, बल्कि साझा समृद्धि की योजना भी है. एक ओर भारतीय कपड़ा, जूते, रत्न एवं आभूषण, समुद्री खाद्य और इंजीनियरिंग वस्तुओं को ब्रिटेन में बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी. भारत के कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग के लिए ब्रिटेन के बाजार में नए अवसर पैदा होंगे. इस समझौते से विशेष रूप से भारतीय युवाओं, किसानों, मछुआरों और एमएसएमई क्षेत्र को लाभ होगा. दूसरी ओर, भारत के लोगों और उद्योग जगत के लिए, चिकित्सा उपकरणों जैसे ब्रिटेन में बने उत्पाद उचित और किफायती दामों पर उपलब्ध होंगे.
#WATCH | London, UK: PM Narendra Modi says, ” today marks a historic day in our relations. i am delighted that after the hard work of several years, today our two nations have signed the comprehensive economic and trade agreement.”
(video source: ani=”” dd)#PMModiInUK pic.twitter.com/ZioLb9qNgt
— ANI (@ANI) July 24, 2025
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने क्या कहा?
भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि यह एक ऐसा समझौता है जिससे दोनों देशों को भारी लाभ होगा, वेतन में वृद्धि होगी, जीवन स्तर में सुधार होगा और कामकाजी लोगों की जेब में अधिक पैसा आएगा. यह नौकरियों के लिए अच्छा है, यह व्यापार के लिए अच्छा है, टैरिफ में कटौती करेगा और व्यापार को सस्ता, जल्दी और आसान बनाएगा.
#WATCH | London: As India-UK sign the Free Trade Agreement, UK PM Keir Starmer says, ” it is a deal that will bring huge benefits to both of our countries, boosting wages, raising living standards and putting more money in the pockets of working people. it is good for jobs, it is… pic.twitter.com/Adnv5Rxvkn
— ANI (@ANI) July 24, 2025
डील से पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने भारत के साथ नए व्यापार समझौते को देश भर में रोजगार और आर्थिक विकास के लिए एक बड़ा बढ़ावा बताया. वहीं, व्यापार और वाणिज्य मंत्री ने नए निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि इस समझौते से देश भर के समुदायों को लाभ होगा और एक वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में ब्रिटेन की स्थिति मजबूत होगी.
प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कल जारी एक बयान में कहा कि भारत के साथ हमारा ऐतिहासिक व्यापार समझौता ब्रिटेन के लिए एक बड़ी जीत है. यह पूरे ब्रिटेन में हजारों ब्रिटिश नौकरियां पैदा करेगा, व्यवसायों के लिए नए अवसर खोलेगा और देश के हर कोने में विकास को गति देगा, जिससे हमारी बदलाव योजना साकार होगी. उन्होंने आगे कहा कि हम मेहनती ब्रिटिश नागरिकों की जेब में ज्यादा पैसा डाल रहे हैं और परिवारों को जीवन-यापन की लागत कम करने में मदद कर रहे हैं और हम ब्रिटेन में अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाने और जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए और आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
ब्रिटेन के व्यापार और वाणिज्य सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने कहा कि आज हस्ताक्षरित व्यापार समझौते से हमारी अर्थव्यवस्था में आने वाले अरबों डॉलर ब्रिटेन के सभी क्षेत्रों और देशों तक पहुंचेंगे ताकि हर समुदाय के कामकाजी लोग इसका लाभ उठा सकें. आज घोषित लगभग 6 अरब पाउंड के नए निवेश और निर्यात लाभ हजारों नौकरियां पैदा करेंगे और भारत के साथ हमारी साझेदारी की मजबूती को दिखाते हैं क्योंकि हम यह सुनिश्चित करते हैं कि ब्रिटेन निवेश और व्यापार के लिए दुनिया में सबसे अच्छी जगह है. उन्होंने कहा कि यह सरकार बार-बार यह साबित कर रही है कि हम अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, जेब में अधिक पैसा डालने और परिवर्तन की अपनी योजना के तहत जीवन स्तर को बेहतर बनाने के अपने मिशन को पूरा कर सकते हैं.
भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड से ब्रिटेन को फायदा
ब्रिटेन सरकार ने “यूके-भारत फ्री ट्रेड समझौता और औद्योगिक रणनीति क्षेत्रों पर प्रभाव” नामक एक डॉक्यूमेंट भी जारी किया है. इस डॉक्यूमेंट के अनुसार भारत-यूके व्यापार समझौते में एडवांस विनिर्माण एक बड़ी सफलता साबित होगा. उच्च तकनीक विनिर्माण में लीडिंग ब्रिटेन के लिए इसका मतलब है भारत के तेजी से बढ़ते बाजार तक बेहतर पहुंच. कारों, विमान के पुर्जों और लेंस व माइक्रोस्कोप जैसे ऑप्टिकल उत्पादों सहित अन्य वस्तुओं पर टैरिफ में भारी कटौती की जाएगी, जिससे ब्रिटेन का निर्यात और अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगा.
यह समझौता व्यवसायों के समय और पैसे की बचत के लिए तेज और सरल सीमा शुल्क प्रक्रियाओं का भी वादा करता है, इसके अलावा पेटेंट, ट्रेडमार्क और डिजाइनों के लिए मजबूत सुरक्षा ब्रिटेन के निर्माताओं को अधिक आत्मविश्वास के साथ इनोवेशन और विस्तार करने में मदद करेगी. चूंकि भारत 2031 तक विनिर्माण को अपने सकल घरेलू उत्पाद के 20 फीसदी से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य रखता है, यह साझेदारी दोनों पक्षों के लिए सही समय पर आई है.
इस डॉक्यूमेंट में यह भी स्वीकार किया गया है कि भारत का हरित क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, जो 2070 तक नेट जीरो तक पहुंचने जैसे महत्वाकांक्षी लक्ष्यों से प्रेरित है.ऑफशोर विंड, ग्रीन फाइनेंस और एनर्जी सिस्टम में ब्रिटेन की मजबूती इस स्वच्छ ऊर्जा अभियान को समर्थन देगी.
यह व्यापार समझौता दोनों देशों को ग्रीन टेक के विकास और साझाकरण पर मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे नए विचारों को साकार करना आसान हो जाएगा. यह पर्यावरणीय वस्तुओं और सेवाओं से जुड़े व्यवसायों के लिए नए अवसर भी खोलेगा, जिसका उद्देश्य ग्रीन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और भारत और ब्रिटेन दोनों के लिए निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाना है.
ब्रिटिश कंपनियों को भारत के बाजार में पहुंच हुआ आसान
इसमें आगे कहा गया है कि एआई, फिनटेक और साइबर सुरक्षा में ब्रिटेन की ताकत भारत के तेजी से बढ़ते सॉफ्टवेयर उद्योग और डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए पूरी तरह से अनुकूल है. भारत के पहले दूरसंचार अध्याय के शामिल होने से ब्रिटिश तकनीकी कंपनियों को भारत के विशाल बाजार तक आसान पहुंच मिलेगी, निष्पक्ष व्यवहार और पारदर्शी लाइसेंसिंग से व्यापार करना आसान हो जाएगा.
इसके अलावा, ब्रिटेन के चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र को भी लाभ होगा, क्योंकि एक्स-रे जैसे चिकित्सा उपकरणों पर शुल्क कम या हटा दिए गए हैं. इसका मतलब है कि ब्रिटेन की मेडटेक कंपनियां भारत के तेजी से बढ़ते स्वास्थ्य सेवा बाजार में अधिक आसानी से प्रवेश कर सकती हैं. स्पष्ट सीमा शुल्क नियम और लचीली लेबलिंग आवश्यकताएं निश्चित रूप से निर्यात प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद करेंगी.
सेवाओं के मामले में, परामर्श और लेखा जैसे क्षेत्रों में ब्रिटेन की विशेषज्ञता भारत की बढ़ती व्यावसायिक सेवाओं के अनुकूल है. इसमें आगे कहा गया है कि यह समझौता सुनिश्चित करता है कि ब्रिटेन की कंपनियों को अनुचित बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा और पेशेवर योग्यताओं को पारस्परिक मान्यता देगा, जिससे दोनों देशों में काम करने वाले पेशेवरों के समय और लागत की बचत होगी.
यूके की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
अर्न्स्ट एंड यंग में ईएमईआईए और यूकेआई सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रबंध भागीदार रोहन मलिक के हवाले से इस दस्तावेज में आगे कहा गया है कि पिछले एक दशक में यूके और भारत के बीच कुल व्यापार मूल्य 16.6 बिलियन यूरो से दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 40 बिलियन यूरो हो गया है और यह समझौता दोनों देशों के बीच फलते-फूलते आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा. दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक तक बेहतर पहुंच से वित्तीय और व्यावसायिक सेवा व्यवसायों को काफी फायदा होगा. व्यावसायिक अवसरों के द्वार खुलेंगे और यूके की अर्थव्यवस्था के दो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा.
फ्री ट्रेड पर एक्सपर्ट की राय
रोल्स-रॉयस के सीईओ तुफान एर्गिनबिलिगिक ने कहा कि भारत हमारे व्यवसाय के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है, जहां भारतीय उद्योग और भारत सरकार के साथ हमारी 90 वर्षों से ज्यादा की साझेदारी है. हम इस मुक्त व्यापार समझौते के प्रावधानों का स्वागत करते हैं, जिनमें वे प्रावधान भी शामिल हैं जो नागरिक एयरोस्पेस व्यापार के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ और अधिक निकटता से जुड़ते हैं. इन समझौतों से रोल्स-रॉयस और हमारे ग्राहकों को लाभ होगा, जिससे भारत में भविष्य में एयरोस्पेस के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
डियाजियो के अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक झंगियानी ने कहा कि यह समझौता स्कॉच और स्कॉटलैंड दोनों के लिए एक महान क्षण है, और हम उन सभी लोगों के लिए जॉनी वॉकर का गिलास उठाएंगे जिन्होंने इसे हासिल करने के लिए इतनी मेहनत की है.
बीसीसी में व्यापार नीति प्रमुख विलियम बैन ने कहा कि इस समझौते पर हस्ताक्षर मुक्त और निष्पक्ष व्यापार के प्रति ब्रिटेन की निरंतर प्रतिबद्धता का एक स्पष्ट संकेत है. यह हमारे व्यवसायों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा और दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच निवेश को बढ़ावा देगा. वर्तमान में लगभग 16,000 ब्रिटिश कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ वस्तुओं का व्यापार कर रही हैं, और हमारे चैंबर नेटवर्क में इसे बढ़ाने की गहरी रुचि है. यह समझौता वित्त और व्यावसायिक सेवाओं में पारंपरिक क्षमताओं के साथ-साथ परिवहन, यात्रा, रचनात्मक और व्यावसायिक सहायता क्षेत्रों में नए अवसर पैदा करेगा.
चिवास ब्रदर्स के अध्यक्ष और सीईओ जीन-एटिएन गोर्गेस ने कहा कि ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर, स्पिरिट उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण समय में आशा की किरण है. भारत मात्रा के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा व्हिस्की बाजार है और यहां पहुंच बढ़ने से हमारे स्कॉच व्हिस्की ब्रांडों, जैसे चिवास रीगल और बैलेंटाइन, के निर्यात में बड़ा बदलाव आएगा. यह समझौता स्पाईसाइड स्थित हमारी डिस्टिलरी और किल्मलिड स्थित हमारे बॉटलिंग प्लांट में दीर्घकालिक निवेश और रोजगार को बढ़ावा देगा और अगले दशक में स्कॉटलैंड और भारत दोनों में विकास को गति देने में मदद करेगा. आशा है कि दोनों सरकारें शीघ्र ही अनुमोदन की दिशा में आगे बढ़ेंगी ताकि व्यवसाय इस समझौते को लागू करने में जुट सकें!