नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस) आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) द्वारा मंगलवार को जारी आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, उच्च निजी खपत और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर भारी सरकारी व्यय के कारण भारत 2025-26 में 6.7 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत की वास्तविक जीडीपी वित्तीय वर्ष 2025-26 में 6.7 प्रतिशत, 2026-27 में 6.2 प्रतिशत और 2027-28 में 6.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लागू उच्च टैरिफ से निर्यात पर असर पड़ने की उम्मीद है, लेकिन बढ़ती वास्तविक आय से निजी खपत को समर्थन मिलेगा क्योंकि मुद्रास्फीति कम रहेगी और उपभोग कर में गिरावट आएगी।”
उधार लेने की लागत में कमी और मजबूत सार्वजनिक पूंजी व्यय से तीव्र निवेश कायम रहेगा। वर्तमान निम्न हेडलाइन मुद्रास्फीति धीरे-धीरे 4 प्रतिशत लक्ष्य की ओर बढ़ने का अनुमान है। जोखिम मोटे तौर पर संतुलित हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय बातचीत से टैरिफ कम हो सकता है और निर्यात और निवेश को बढ़ावा मिल सकता है, जबकि तेल आयात की ऊंची कीमतें मुद्रास्फीति का दबाव पैदा कर सकती हैं।
इसमें यह भी बताया गया है कि मौजूदा मोटे तौर पर तटस्थ राजकोषीय रुख वैश्विक व्यापार बाधाओं के सामने राजकोषीय बफर के पुनर्निर्माण और सार्वजनिक ऋण को अधिक विवेकपूर्ण रास्ते पर लाने की आवश्यकता के साथ विकास को समर्थन देता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत सार्वजनिक निवेश को बनाए रखने और बढ़ी हुई सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने से बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी आएगी और लगातार आने वाली बाधाओं में कमी आएगी।
3-5 दिसंबर को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक से ठीक पहले, ओईसीडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल की शुरुआत से भारत की मौद्रिक नीति में नरमी आई है, लेकिन लक्ष्य से नीचे मुद्रास्फीति और प्रवृत्ति से कम वृद्धि के साथ, नीति दर में और कटौती की गुंजाइश है।
वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर बढ़कर 8.2 प्रतिशत हो गई, जिससे अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2026 के लिए अपना अनुमान 7 प्रतिशत से अधिक बढ़ा दिया है।
ओईसीडी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल लचीली साबित हुई है, लेकिन अंतर्निहित कमजोरियां बनी हुई हैं। इसमें अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक वृद्धि 2025 में 3.2 प्रतिशत से घटकर 2026 में 2.9 प्रतिशत हो जाएगी, जो 2027 में 3.1 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
अमेरिका में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2025 में 2.0 प्रतिशत से घटकर 2026 में 1.7 प्रतिशत और 2027 में 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यूरो क्षेत्र में, वृद्धि 2025 में 1.3 प्रतिशत, 2026 में 1.2 प्रतिशत और 2027 में 1.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। चीन की वृद्धि दर 5 प्रतिशत से कम होने का अनुमान है। 2025 से 2026 में 4.4 प्रतिशत और 2027 में 4.3 प्रतिशत।
–आईएएनएस
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