नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को रेपो रेट में 50 आधार अंकों (0.50 फीसदी) की कटौती की. यह लगातार तीसरी बार है जब केंद्रीय बैंक ने इस साल रेपो रेट में कटौती की है. अब यह ब्याज दर तीन साल से भी अधिक समय में सबसे निचले स्तर पर आ गई है. इसका होम लोन, पर्सनल लोन और अन्य फ्लोटिंग-रेट लोन की EMI पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा.
केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दर को 50 आधार अंकों से घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया, जिससे लोन लेने वालों को बहुत जरूरी राहत मिली. इससे पहले फरवरी और अप्रैल 2025 की मौद्रिक नीति बैठकों में आरबीआई ने दो बार रेपो दर में 0.25 फीसदी की कटौती करके इसे 6 फीसदी पर ला दिया था. फरवरी में की गई कटौती मई 2020 के बाद पहली थी.
50 लाख रुपये के लोन पर 50 बीपीएस रेपो दर में कटौती का प्रभाव
प्रतीकात्मक फोटो (ETV Bharat)
बैंक आपके होम लोन की रेट कैसे तय करते हैं?
होम लोन की ब्याज दर तीन भागों में तय होती है-
रेपो रेट- जिसे RBI तय करता है.
बैंक स्प्रेड- बैंक का अपना मार्जिन क्रेडिट रिस्क प्रीमियम.
क्रेडिट रिस्क प्रीमियम- ग्राहक के क्रेडिट स्कोर के आधार पर अतिरिक्त शुल्क
हालांकि, फरवरी और अप्रैल में कटौती के बाद सभी बैंकों ने नया लोन लेते समय ग्राहकों को इसका आंशिक लाभ दिया है. लेकिन अगर अब 100 बीपीएस कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचेगा तो EMI में और राहत मिलेगी.