नई दिल्ली: कई लोगों की समस्या यह होती है कि खाते में पैसे न होने पर बैंक ने औसत न्यूनतम बैलेंस चार्ज काट लिया जाता है. कई लोगों की समस्या यह होती है कि खाते में पैसे न होने पर बैंक औसत न्यूनतम बैलेंस चार्ज काट लिया जाता है. लेकिन अब बचत खातों के ग्राहकों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. हाल ही में एसबीआई समेत छह बड़े बैंकों ने औसत मासिक बैलेंस के तौर पर लगने वाले चार्ज को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. यानी अब अगर आपका खाता खाली भी रहता है, तो भी बैंक कोई चार्ज नहीं काटा जाएगा.
इन बैंकों ने खत्म किया न्यूनतम बैलेंस चार्ज
- भारतीय स्टेट बैंक- 2020 से औसत न्यूनतम शेष राशि शुल्क ले रहे भारतीय स्टेट बैंक ने भी अब इसे समाप्त कर दिया है. यानी अब बचत खाते पर न्यूनतम शेष राशि की शर्तें पूरी न होने पर भी कोई शुल्क नहीं लगेगा.
- बैंक ऑफ बड़ौदा- बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1 जुलाई, 2025 से सभी मानक बचत खातों पर न्यूनतम शेष राशि की शर्तें पूरी न करने पर लगने वाला शुल्क समाप्त कर दिया है. हालांकि, प्रीमियम बचत खाता योजनाओं पर यह शुल्क समाप्त नहीं किया गया है.
- इंडियन बैंक- इंडियन बैंक ने भी न्यूनतम बैलेंस शुल्क को पूरी तरह से समाप्त करने की घोषणा की है. सभी प्रकार के बचत खातों पर औसत न्यूनतम बैलेंस शुल्क 7 जुलाई 2025 से समाप्त कर दिया गया है.
- केनरा बैंक- केनरा बैंक ने इस साल मई महीने में नियमित बचत खातों सहित सभी प्रकार के बचत खातों पर न्यूनतम शेष राशि शुल्क समाप्त कर दिया है. इनमें वेतन और एनआरआई बचत खाते भी शामिल हैं.
- पीएनबी- पंजाब नेशनल बैंक ने भी सभी प्रकार के बचत खातों पर न्यूनतम औसत शेष राशि शुल्क समाप्त करके अपने ग्राहकों को राहत दी है.
- बैंक ऑफ इंडिया- बैंक ऑफ इंडिया ने बचत खातों पर न्यूनतम शेष राशि के जुर्माने को माफ कर दिया है.
न्यूनतम बैलेंस चार्ज (एएमबी)
औसत मासिक शेष (एएमबी) वह न्यूनतम शेष राशि है जो एक ग्राहक को अपने बैंक खाते में बनाए रखना आवश्यक है. अगर बैंक खाते में शेष राशि आवश्यक राशि से कम हो जाती है, तो बैंक एएमबी बनाए रखने में विफल रहने पर जुर्माना लगाते हैं. यह जुर्माना बचत खाते के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होता है.