मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को यस बैंक से जुड़े कथित 3,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी के सिलसिले में बिजनेसमैन अनिल अंबानी और उनकी समूह कंपनियों से जुड़े 40 से 50 स्थानों पर व्यापक तलाशी शुरू किया.
बता दें, यह कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसके प्रमोटर-निदेशक अनिल डी अंबानी को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत किए जाने के कुछ ही दिनों बाद की गई है
Enforcement Directorate conducts raid on properties linked to Anil Ambani in connection with alleged offence of money laundering by RAAGA companies (Reliance Anil Ambani Group Companies).
(Visuals from Reliance Centre in Mumbai) pic.twitter.com/IcXIXmNBGu
— ANI (@ANI) July 24, 2025
हालांकि अंबानी के निजी आवास पर तलाशी अभियान नहीं चलाया गया, लेकिन दिल्ली और मुंबई से आई ईडी की टीमों ने उनके समूह की कुछ कंपनियों से जुड़े परिसरों का दौरा किया. यह जांच RAAGA (रिलायंस अनिल अंबानी समूह) कंपनियों के कथित पैसे शोधन से संबंधित है.
ईडी सूत्रों के अनुसार यह छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई तथा यह रिलायंस अनिल अंबानी समूह (आरएएजीए) की कंपनियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई दो एफआईआर के बाद की गई.
रेडबॉक्सग्लोबल इंडिया ने एक्स पर पोस्ट किया कि ईडी अनिल अंबानी समूह की कंपनियों को यस बैंक के लोन की जांच कर रही है. एक अलग अपडेट में, प्लेटफॉर्म ने यह भी कहा कि ईडी ने बैंक धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी पर छापा मारा.
बता दें कि रिपोर्टों के अनुसार यह मामला सेबी, राष्ट्रीय आवास बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) सहित कई एजेंसियों से प्राप्त शिकायतों और खुफिया सूचनाओं पर आधारित है.
यस बैंक के लोन जांच के घेरे में
यह जांच 2017 से 2019 के दौरान यस बैंक से लिए गए 3,000 करोड़ रुपये के लोन के संदिग्ध अवैध डायवर्जन पर केंद्रित है. ईडी अधिकारियों के अनुसार समूह की कंपनियों को लोन वितरित किए जाने से कुछ समय पहले ही बैंक के प्रवर्तकों से जुड़ी संस्थाओं को पैसे ट्रांसफर कर दी गई थी.
अधिकारियों ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) से संबंधित जानकारी ईडी के साथ साझा की है. एक प्रमुख चिंता का विषय कॉर्पोरेट लोन वितरण में अचानक बढ़ोतरी है, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपये हो गया.
यस बैंक के पूर्व प्रवर्तकों से जुड़े रिश्वतखोरी के पहलू की भी जांच की जा रही है.
सेबी का खुलासा
रिपोर्टों के अनुसार सेबी ने अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) से संबंधित अपने निष्कर्ष ईडी के साथ साझा किए हैं. आरएचएफएल की कॉर्पोरेट लोन बुक में भारी उछाल आया है, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपये हो गई है, जो अब ईडी की जांच के दायरे में है.
एसबीआई ने आरकॉम और अनिल अंबानी को धोखाधड़ी घोषित किया
एसबीआई ने हाल ही में अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को ‘धोखाधड़ी’ घोषित किया है. 13 जून, 2025 को, धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर भारतीय रिजर्व बैंक के जारी दिशानिर्देशों और अपनी आंतरिक नीति के अनुसार, एसबीआई ने कंपनी और उसके प्रमोटर को चिह्नित किया.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा को बताया कि एसबीआई ने 24 जून, 2025 को आरबीआई को इस मामले की सूचना दी थी. बैंक अब सीबीआई में औपचारिक शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है.