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कर्मचारियों को राहत, UPS चुनने की डेडलाइन 30 सितंबर तक बढ़ी


नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को राहत देते हुए यूपीएस पेंशन का विकल्प चुनने की डेडलाइन तीन महीने बढ़ा दी है. अब केंद्रीय कर्मचारी 30 सितंबर 2025 तक राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (NPS) के स्थान पर एकीकृत पेंशन स्कीम (UPS) को चुन सकेंगे. इससे पहले सरकार ने 30 जून की समय-सीमा तय की थी. इस फैसले से तीन महीने की राहत मिल गई है.

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 23 जून को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी घोषणा की. मंत्रालय ने कहा कि कई हितधारकों के अनुरोधों के बाद समय-सीमा बढ़ाने का फैसला लिया गया है. आधिकारिक बयान में कहा गया है, “कट-ऑफ तिथि के विस्तार का अनुरोध करने वाले हितधारकों से प्राप्त पत्र के मद्देनजर, भारत सरकार ने यूपीएस के लिए विकल्प चुनने की कट-ऑफ तिथि को तीन महीने तक बढ़ाने का फैसला किया है.”

मंत्रालय ने कहा कि यह विस्तार पात्र मौजूदा कर्मचारियों, पूर्व सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा मृतक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कानूनी रूप से विवाहित जीवनसाथियों पर लागू होता है.

यूपीएस का विकल्प चुनने की पात्रता
सरकार ने इसके लिए कर्मचारियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है. 1 अप्रैल, 2025 तक सेवा में आने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारी; 31 मार्च, 2025 तक सेवानिवृत्त कर्मचारी (बशर्ते उन्होंने कम से कम 10 वर्ष तक सेवा की हो या विशिष्ट नियमों के तहत सेवानिवृत्त हुए हों, जिन्हें दंड नहीं माना जाता); और मृतक पात्र सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कानूनी रूप से विवाहित जीवनसाथी.

नए कर्मचारियों के लिए नियम
नए कर्मचारियों के लिए यूपीएस चुनने का समय सरकारी सेवा में शामिल होने के 30 दिनों के भीतर है. जब कोई कर्मचारी एक बार यूपीएस का विकल्प चुन लेता है, तो उसका निर्णय अंतिम होता है और इसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता है. नियम के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी समय सीमा तक कोई विकल्प चुनने में विफल रहता है, तो वह डिफॉल्ट रूप से NPS में ही रहेगा.

अगर कोई मौजूदा कर्मचारी एनपीएस से यूपीएस योजना को चुनता है तो उसकी मौजूदा पेंशन राशि को एकीकृत पेंशन योजना के तहत टैग किए गए PRAN (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) में ट्रांसफर कर दी जाएगी.

यूपीएस बनाम एनपीएस
एकीकृत पेंशन योजना 1 अप्रैल 2025 को शुरू की गई और यूपीएस को एनपीएस के मुकाबले अधिक सुरक्षित विकल्प के रूप में पेश किया गया है. एनपीएस गारंटीकृत पेंशन के बिना बाजार से जुड़े रिटर्न की पेशकश करती है, जबकि यूपीएस सुनिश्चित मासिक भुगतान और सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त राशि का वादा करती है. सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को दोनों पेंशन स्कीम में से कोई एक योजना चुनने का विकल्प दिया है. यूपीएस में कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी लाभ शामिल किया गया है.

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