नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक न सिर्फ देशभर के सभी बैंकों को नियंत्रित करता है बल्कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी नियंत्रित करता है. जब भी कोई कंपनी नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई (RBI Action) की जाती है. 12 जून को RBI की एक और कार्रवाई सामने आई है.
पश्चिम बंगाल और ओडिशा में स्थित 6 NBFC का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन यानी लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है. RBI की इस कार्रवाई के बाद कंपनियों को गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान के तौर पर कारोबार करने की अनुमति नहीं होगी.
यह कदम RBI एक्ट 1934 की धारा 45IA (6) के तहत उठाया गया है. ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित अधिकार माइक्रोफाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड का CEOR रद्द करने का आदेश 22 मई को जारी किया गया था, कंपनी ने 22 अक्टूबर 2013 को सर्टिफिकेट मुहैया कराया था.
इन बैंकों का लाइसेंस कैंसिल
प्रतीकात्मक फोटो (RBI Website)
RBI ने 16 मई 2025 को कोलकाता की पांच कंपनी NBFC का COR रद्द करने का आदेश जारी किया है. इस सूची में बोबाजार की वोफिन लीजिंग एंड फाइनेंस लिमिट प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है, जिसे 23 मई 2008 को COR दिया गया था. इसके अलावा आउट्रम प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड, एससीएम होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, कलश व्यापार प्राइवेट लिमिटेड और एवरेस्ट विनिमय प्राइवेट लिमिटेड का भी सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है.
चार एनबीएफसी ने अलग-अलग कारणों से आरबीआई को अपने सीओआर सरेंडर कर दिए हैं.
- मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित बेन्को फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड
- पमनानी कैपिटा प्राइवेट लिमिटेड ने एनबीएफआई कारोबार से बाहर निकलने के कारण अपना पंजीकरण प्रमाणपत्र सरेंडर कर दिया है.
- तमिलनाडु में स्थित पैरी इन्वेस्टमेंट लिमिटेड
- महाराष्ट्र की सिनर्जी सिंथेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड