नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में बिक्री प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसका व्यापक लक्ष्य सरकार के विनिवेश लक्ष्यों को प्राप्त करना और इस बीमा कंपनी में वैल्यू एड करना है. ये मनीकंट्रोल की रिपोर्ट है. 10 जुलाई को सुबह कंपनी के शेयर एनएसई पर 1.23 फीसदी की गिरावट के साथ 934.35 रुपये पर कारोबार कर रहे.
एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि आज की तारीख में, केंद्र के पास इस सरकारी कंपनी में 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि बाकी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है. जिसमें सार्वजनिक हिस्सेदारी 3.5 फीसदी है. रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का बाजार पूंजीकरण लगभग 6 लाख करोड़ रुपये है और 1 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से भी सरकार को 6,000 करोड़ रुपये तक का लाभ हो सकता है. एलआईसी का बाजार पूंजीकरण 5.98 लाख करोड़ रुपये है, इसलिए प्रत्येक 1 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से सरकारी खजाने को लगभग 6,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार अगर इसकी पुष्टि हो जाती है तो ओएफएस चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार की विनिवेश योजनाओं के प्रमुख लेनदेन में से एक होगा.
इससे पहले यह बताया गया था कि सरकार सेबी के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों का अनुपालन करने और शेयर बिक्री शुरू करने के अपने प्रयास के तहत अगले दो वर्षों में कई किस्तों में कंपनी की 6.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है.
सरकारी बीमा कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में नेट प्रॉफिट में 38 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की थी, जो 19,013 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 13,763 करोड़ रुपये था.
तिमाही के दौरान इसकी कुल आय घटकर 241,625 करोड़ रुपये रह गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 250,923 करोड़ रुपये थी. कंपनी के बोर्ड ने 12 रुपये प्रति शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है.