नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. इस दुर्घटना में विमान में सवार 241 लोग मारे गए थे. समिति को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करने को कहा गया है. लेकिन इस क्रैश के बाद सवाल एयरलाइंस की सेफ्टी को लेकर उठ रहा है. एयरबस एसई ने एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की घातक दुर्घटना के बाद विमानन सुरक्षा पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित कर कर रहा है.
अर्थव्यवस्था के विकास की वजह से भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई बाजार बन गया है. एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि 2018 और 2022 के बीच, प्रति उड़ान बोर्डिंग पर वैश्विक मृत्यु जोखिम लगभग 13.7 मिलियन में से एक था.
प्रतीकात्मक फोटो (IANS Photo)
यह दुर्घटना पहली बार है जब बोइंग ने 787 मॉडल खो दिया है, जो इस घटना की गंभीरता को दिखाता है. इस दुर्घटना को एक दशक से भी अधिक समय में सबसे खराब नागरिक उड्डयन आपदा माना जाता है, एक ऐसे दौर के बाद जब उद्योग में बड़ी दुर्घटनाओं में कमी देखी गई थी.
भारतीय एयरलाइन की लिस्ट

प्रतीकात्मक फोटो (ETV Bharat)
एयरलाइंस इंश्योरेंस
विमान दुर्घटना के बाद हवाई यात्रा की सुरक्षा और यात्री बीमा के महत्व को लेकर चिंताएं फिर से उभर आई हैं. कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या बीमा को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि यात्रियों के लिए बीमा को गंभीरता से लेने का समय आ गया है. सरकारी नियमों का इंतजार करने के बजाय, व्यक्तियों को खुद ही उचित कवरेज हासिल करने की पहल करनी चाहिए.

प्रतीकात्मक फोटो (ETV Bharat)
वहीं, अगर भारत की एयरलाइन सेफ्टी रैंकिंग को देखें तो दुनिया की टॉप 20 सबसे सुरक्षित एयरलाइंस में भारत के किसी एयरलाइंस का नाम नहीं है. इससे भारत की एयरलाइंस की सेफ्टी पर कड़ा सवाल उठ रहा है. वहीं, दुनिया की 20 सबसे सुरक्षित कम लागत वाली एयरलाइंस में 19 नंबर पर इंडिगो का स्थान है.
भारत का एयरलाइंस बजट
इस साल के बजट में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के लिए सरकार ने 10 फीसदी की कटौती कर इसे 2,400.31 करोड़ रुपये कर दिया. जबकि क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान को 540 करोड़ रुपये की कम राशि की गई थी.
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 में आवंटन संशोधित 2024-25 बजट में 2,658.68 करोड़ रुपये की तुलना में कम है.
1 अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष के लिए कुल आवंटन में से, उड़ान को 540 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो कि एक साल पहले की समान अवधि के 800 करोड़ रुपये की तुलना में 32 फीसदी कम है.
कर्मचारियों की भारी कमी
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विमानन नियामक डीजीसीए और बीसीएएस और सरकारी स्वामित्व वाली एएआई में कर्मचारियों की भारी कमी है. कुल स्वीकृत पदों में से 37 से 48 फीसदी पद खाली हैं. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) में लगभग 48 फीसदी पद खाली हैं, जबकि नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) में यह 37 फीसदी है.
बता दें कि अप्रैल में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल के लोकसभा में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार डीजीसीए में स्वीकृत 1,692 पदों में से 814 पद खाली हैं. बीसीएएस के मामले में 224 रिक्तियां थीं, जबकि स्वीकृत पद 598 हैं.
एएआई में स्वीकृत 25,730 पदों में से 9,502 पद खाली हैं.
भारतीय एयरलाइन के ऑपरेटर

प्रतीकात्मक फोटो (ETV Bharat)
एयर इंडिया समूह, जिसमें मुख्य एयरलाइन एयर इंडिया और इसकी कम लागत वाली सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस शामिल हैं, कुल 132 विमानों के साथ भारत में बोइंग विमानों का सबसे बड़ा ऑपरेटर है.
एयर इंडिया अपने वाइडबॉडी परिचालन के लिए मुख्य रूप से बोइंग जेट का उपयोग करती है और यह देश में बोइंग 777 और 787 विमानों की सबसे बड़ी ऑपरेटर है. वहीं, एयर इंडिया एक्सप्रेस भारत में बोइंग 737 विमानों की सबसे बड़ी ऑपरेटर है.

प्रतीकात्मक फोटो (ETV Bharat)
इसके उलटा इंडिगो के बेड़े में 98 फीसदी एयरबस नैरोबॉडी विमान हैं, जिनमें लगभग 213 A320 और 143 A321 हैं. इंडिगो भारत में A320 और A321 दोनों विमानों का सबसे बड़ा ऑपरेटर है.

प्रतीकात्मक फोटो (ETV Bharat)
बोइंग की बाजार हिस्सेदारी

प्रतीकात्मक फोटो (IANS Photo)
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बोइंग की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 44 फीसदी हो गई है, जिसे एयर इंडिया के बोइंग 777 और 787 विमानों के बेड़े के मजबूत वाइडबॉडी संचालन से बल मिला है.
घरेलू बाजार में इंडिगो का दबदबा

प्रतीकात्मक फोटो (IANS Photo)
घरेलू भारतीय विमानन बाजार में इंडिगो का दबदबा 60 फीसदी से अधिक की बाजार हिस्सेदारी के साथ स्पष्ट है. नतीजतन, पिछले 12 महीनों के सीरियम डियोओ के आंकड़ों के अनुसार, एयरबस विमानों की कुल घरेलू बाजार में हिस्सेदारी 80 फीसदी से अधिक है.
उड़े देश का आम नागरिक

प्रतीकात्मक फोटो (PIB)
भारतीय विमानन उद्योग एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है. सरकार ने 2016 में ‘उड़े देश का आम नागरिक’ का प्रस्ताव रखा था और तब से इसे हकीकत बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. आसमान में भीड़ बढ़ती जा रही है, महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्य हैं और एयरलाइन बेड़े का विस्तार हो रहा है.
भारतीय एयरलाइन की सिक्योरिटी कौन देखता है?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) भारत में विमानन सुरक्षा के लिए जिम्मेदार प्राथमिक एजेंसी है. BCAS हवाई अड्डों और विमानों की सुरक्षा के लिए मानक और उपाय तय करता है. उनकी निगरानी करता है और सुरक्षा सर्वेक्षण करता है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय सुरक्षा सहित पूरे नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए नीतियां और नियम खुद बनाता है.
एयरपोर्ट अथॉरिटी कौन देखता है?

प्रतीकात्मक फोटो (Airports Authority of India)
भारत में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) मुख्य रूप से हवाई अड्डों के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है. एएआई नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है.
अडाणी का एयरपोर्ट में रोल
अडाणी ग्रुप अपनी सहायक कंपनी अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) के माध्यम से भारत के एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में एक प्रमुख खिलाड़ी है. AAHL कई एयरपोर्ट का संचालन और प्रबंधन करता है, जिसमें मुंबई और नवी मुंबई जैसे प्रमुख एयरपोर्ट शामिल हैं. यह अधिग्रहण और ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है.

प्रतीकात्मक फोटो (Adani Airport)
बोइंग को लेकर चिंता

प्रतीकात्मक फोटो (AP Photo)
अहमदाबाद में गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान की सुरक्षा को लेकर व्हिसलब्लोअर्स ने सालों से चिंता जताई जा रही थी. जॉन बार्नेट, जिन्होंने 30 से अधिक वर्षों तक बोइंग के लिए काम किया था और नॉर्थ चार्ल्सटन प्लांट में गुणवत्ता प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे. जो 787 ड्रीमलाइनर का निर्माण करता है. 2019 में बीबीसी से आरोप लगाया था कि दबाव में कर्मचारी उत्पादन लाइन पर देरी को रोकने के लिए उत्पादन लाइन पर विमान में जानबूझकर घटिया पुर्जे फिट कर रहे थे.

प्रतीकात्मक फोटो (IANS Photo)
केंद्र सरकार बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 बेड़े को उड़ान से रोकने पर विचार कर रही है. एयर इंडिया को आपूर्ति किए गए विमानों में से एक विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.