नई दिल्ली: सरकार कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण पर काम कर रही है. अब सरकार ने घोषणा की है कि आईडीबीआई बैंक की रणनीतिक बिक्री अक्टूबर महीने तक पूरी हो जाएगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईडीबीआई बैंक की प्रक्रिया में तेजी आ गई है. फिलहाल संभावित खरीदारों के साथ शेयर खरीद सौदे (एसपीए) की तैयारी चल रही है. यह प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ रही है.
सरकार और एलआईसी के पास हिस्सेदारी
बताया गया कि 7 जनवरी, 2023 को निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी के लिए कई ईओआई प्राप्त हुए. इसमें सरकार की 30.48 फीसदी हिस्सेदारी (करीब 33,000 करोड़ रुपये) और एलआईसी की 30.24 फीसदी हिस्सेदारी शामिल है. इसके साथ ही बैंक का प्रबंधन भी हस्तांतरित किया जाएगा. चयनित बोलीदाताओं में फेयरफैक्स इंडिया होल्डिंग्स (सीएसबी बैंक की प्रवर्तक), एमिरेट्स एनबीडी और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं। इन कंपनियों को जल्द ही अपनी वित्तीय बोलियाँ जमा करनी होंगी.
बिक्री से सरकार को लाभ
आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी बेचने से सरकार को ब्याज मुक्त पूंजी प्राप्त करने में मदद मिलेगी. सरकार ने वित्त वर्ष 2026 के लिए विनिवेश और परिसंपत्ति मुद्रीकरण से 47,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। बिक्री को सुगम बनाने के लिए, सरकार शेयर खरीद समझौते में खरीदारों को बैंक के संचालन में पूरी स्वतंत्रता देने का आश्वासन दे सकती है, जैसे प्रबंधन में बदलाव आदि.
उचित प्रावधान किए जाएंगे
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के अनुसार, एक शेयरधारक या एक साथ काम करने वाले शेयरधारकों का मताधिकार 26 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता, भले ही उनकी हिस्सेदारी इससे अधिक हो. बिक्री से संबंधित शर्तें तय करते समय मौजूदा कर्मचारियों और अन्य हितधारकों की चिंताओं को ध्यान में रखा जाएगा. शेयर खरीद समझौते में इसके लिए उचित प्रावधान किए जाएंगे.
देश का सबसे बड़ा सौदा
यह सौदा देश के बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा सौदा होगा. कुल मिलाकर, फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट सौदे के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा सौदा होगा.