नई दिल्ली: भारतभर के केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी आगामी 8वें वेतन आयोग को लेकर होने वाले घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं. इससे उनके वेतन और पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है. इस बीच एम्बिट कैपिटल ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया है कि नए पे कमीशन में कर्माचारियों की सैलरी में 30 से 34 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक 8वें वेतन आयोग का असर देशभर के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और रिटायर कर्मियों पर पड़ेगा. अगर इसे लागू किया जाता है, तो यह संशोधन 2026 या वित्तीय वर्ष 2027 तक लागू हो सकता हैऔर इससे सरकारी खजाने पर 1.8 लाख करोड़ रुपये का भारी बोझ पड़ सकता है.
हर दस साल में नए आयोग का गठन
बता दें कि वर्तमान सैलरी और पेंशन स्ट्रक्चर सातवें वेतन आयोग पर आधारित है, जो जनवरी 2016 में लागू हुआ था. जीवन-यापन की लागत, मुद्रास्फीति और आर्थिक बदलावों को ध्यान में रखते हुए वेतन संरचना में संशोधन के लिए आमतौर पर हर दस साल में एक नया आयोग गठित किया जाता है.
उम्मीद है कि आठवें वेतन आयोग द्वारा भी यह परंपरा जारी रहेगी और रक्षा कर्मियों और पेंशनभोगियों सहित केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए संशोधित वेतनमान की पेशकश की जाएगी.
वेतन वृद्धि को गति देने वाला फिटमेंट फैक्टर
अपेक्षित संशोधन के मुख्य कंपोनेंट में से एक फिटमेंट फैक्टर है. यह एक गुणक है, जिसका इस्तेमाल नए मूल वेतन को निर्धारित करने के लिए किया जाता है. एम्बिट कैपिटल का अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है. इसका मतलब है कि मिनिमम सैलरी, जो वर्तमान में 18000 रुपये है, बढ़कर 32,940 रुपये से 44,280 रुपये के बीच हो सकती है.
रिवाइज सैलरी स्ट्रक्टर से महंगाई भत्ते को मुद्रास्फीति के साथ अधिक सटीक रूप से संरेखित करने और पेंशन भुगतान को तदनुसार अपडेट करने की भी उम्मीद है.
आर्थिक विकास को बढ़ावा
ऐसा माना जा रहा है कि नया वेतन आयोग आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा, क्योंकि बढ़े हुए वेतन से उपभोग में वृद्धि, स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुंच, बेहतर आवास और मनोरंजन पर अधिक खर्च हो सकता है.
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