Homeबिजनेस8वां वेतन आयोग 2027 से लागू हो सकता है, सैलरी में 34%...

8वां वेतन आयोग 2027 से लागू हो सकता है, सैलरी में 34% बढ़ोतरी की उम्मीद


नई दिल्ली: 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा के बाद से सरकारी कर्मचारी बेसब्री से इसकी सिफारिशों का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन बहुत से ब्रोकरेज फर्म वेतन वृद्धि और फिटमेंट फैक्टर को लेकर अपने अनुमान भी बता रहे हैं. इसी कड़ी में एम्बिट कैपिटल ने बुधवार को एक रिसर्च नोट जारी किया है. जिसके अनुसार, 8वां वेतन आयोग वर्ष 2026 के अंत में या 2027 में लागू होने की उम्मीद है. नोट में कहा गया है कि 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन में प्रभावी वृद्धि 30-34% के बीच रहने की संभावना है.

ब्रोकरेज ने बुधवार को जारी एक नोट में कहा कि वेतन बढ़ोतरी से केंद्र सरकार पर 1.8 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ने की संभावना है. जबकि वित्त वर्ष 2017 में सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी खजाने पर अनुमानित 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ा.

फिलहाल आठवां वेतन आयोग लागू होने की समय-सीमा के बारे में अभी तक सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के मुताबिक, इसका कार्यान्वयन वित्त वर्ष 2027 तक टल सकता है क्योंकि अभी तक आयोग का गठन नहीं हो पाया है. आठवें वेतन आयोग के औपचारिक गठन के बाद रिपोर्ट पेश करने में कई महीने लगेंगे. पिछले वेतन आयोग को रिपोर्ट पेश करने में 18 महीने लगे थे. इस प्रक्रिया में आयोग के सदस्य सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करते हैं और वेतन संशोधन के लिए फिटमेंट फैक्टर और अन्य तौर-तरीकों को तय करते हैं.

कितना हो सकता है फिटमेंट फैक्टर
एम्बिट कैपिटल के अनुसार, 8वां वेतन आयोग 1.83 और 2.46 के बीच फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 32,940 रुपये और 44,280 रुपये के बीच हो सकता है. 1.83 के फिटमेंट फैक्टर से बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 32,940 रुपये हो जाएगी. इसी प्रकार 2.46 के फैक्टर से बेसिक सैलरी 44,280 रुपये हो जाएगी.

वेतन आयोग का गठन 10 साल में एक बार किया जाता है, जिसका उद्देश्य मुद्रास्फीति के हिसाब से कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी करना है. हालांकि, केंद्र सरकार साल में दो बार अपने कर्मचारियों के मंहगाई भत्ता (DA) में वृद्धि करती है. एम्बिट कैपिटल ने बताया कि डीए घटक को शून्य पर रीसेट कर दिया गया है, इसलिए फिटमेंट फैक्टर अधिक होने पर भी प्रभावी वेतन वृद्धि कम होगी.

छठे वेतन आयोग के तहत, 7000 रुपये मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी को 15,750 रुपये मिलते थे. सातवें वेतन आयोग ने 2.57 के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की, जिससे न्यूनतम मूल वेतन बढ़कर 18,000 रुपये हो गया.

एम्बिट कैपिटल के नोट में कहा गया है कि केंद्र सरकार के लगभग 1.12 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को संशोधित वेतन और पेंशन का लाभ मिलेगा. जिसमें 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख से ज्यादा पेंशनभोगी हैं.

फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर एक गुणक (multiplier) है जिसका उपयोग नए वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों के मूल वेतन में संशोधन के लिए किया जाता है. इससे मौजूदा मूल वेतन पर फिटमेंट फैक्टर लागू करके नए वेतन का निर्धारण करने में मदद मिलती है.

यह भी पढ़ें- पेंशन पाने के लिए कितने साल करनी होगी नौकरी, 50 साल की उम्र से पहले जॉब छोड़ी तो क्या होगा? जानेंं

एक नजर