सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की संयुक्त पहल के तहत राजमार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायल लोगों को आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में 1.50 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार मिलेगा।
उत्तराखंड में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि इस योजना को प्रदेश में शुरू कर दिया गया है।
इसके अंतर्गत सड़क हादसे में घायल व्यक्तियों को तुरंत 1.50 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार प्रदान किया जाएगा। दुर्घटना के बाद मरीज को स्थिर करने के लिए अधिकतम सात दिनों तक प्रति व्यक्ति डेढ़ लाख रुपये का कैशलेस उपचार उपलब्ध होगा। यह योजना घायलों के लिए बेहद सहायक साबित होगी।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि इस व्यवस्था के तहत घायल व्यक्ति की अस्पताल में ई-डीएआर यानी डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट जनरेट की जाएगी। इसी आईडी के माध्यम से उपचार शुरू हो जाएगा।
इस सुविधा के लिए मरीज के पास आयुष्मान या किसी अन्य योजना का कार्ड होना अनिवार्य नहीं है। इस योजना के अंतर्गत गंभीर रूप से घायल मरीजों को ट्रामा और पॉलिट्रामा का इलाज प्रदान किया जाएगा।उत्तराखंड सड़क दुर्घटनाओं के मामले में अति संवेदनशील राज्य बन गया है। 2019 से 2023 के बीच, यहां सात हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें चार हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इसके अलावा, साढ़े छह हजार से अधिक लोग घायल हुए। कई बार सड़क हादसों में मौत का कारण समय पर चिकित्सा सहायता न मिल पाना होता है। अब मुफ्त उपचार की सुविधा मिलने से घायलों को तुरंत इलाज उपलब्ध हो सकेगा।