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बजट सत्र से पूर्व, होगी धामी कैबिनेट बैठक..सड़क दुर्घटनओं को रोकने के लिए तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव सामने आएंगे

देहरादून: बजट सत्र से पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, भू-कानून संशोधन प्रस्ताव भी आने की संभावना है। इसके अलावा, पेपरलेस और वर्चुअल रजिस्ट्री का प्रस्ताव भी कैबिनेट में लाए जाने की तैयारी है। राज्य विधानसभा के बजट सत्र से पूर्व बुधवार को धामी कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें सड़क हादसे रोकने से संबंधित तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, भू-कानून संशोधन और पेपरलेस व वर्चुअल रजिस्ट्री से संबंधित प्रस्ताव भी सामने आने की संभावना है।

राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर, धामी सरकार तीन महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है। सचिव परिवहन ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके तहत पर्वतीय क्षेत्रों में एआरटीओ के 11 नए पद सृजित किए जाने का प्रस्ताव है, जिससे पहाड़ों में वाहनों की जांच करना आसान हो सके। इनमें से 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से और 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।

इसी प्रकार, सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में अनुबंधित बस परमिट को पूरी तरह से समाप्त करने का निर्णय ले सकती है। पर्वतीय मार्गों पर परिवहन निगम अपनी बसें संचालित करेगा, जिसके लिए नई बसों की खरीद की जा रही है। इस पर कैबिनेट में निर्णय लिया जाएगा। तीसरी सड़क सुरक्षा नीति और एक्ट भी कैबिनेट में पेश किए जाएंगे, और इन पर मुहर लगने के बाद विधानसभा पटल पर रखा जाएगा।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी कैबिनेट बैठक में रखी जा सकती है। इसके बाद, हर दुर्घटना की गहन जांच एक समिति द्वारा की जाएगी। जांच में दुर्घटना का कारण स्पष्ट होने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उदाहरण स्वरूप, यदि खराब सड़क या सुरक्षा उपायों की कमी होती है, तो लोक निर्माण विभाग जिम्मेदार होगा, जबकि ड्रिंक एंड ड्राइव जैसे मामलों में स्थानीय पुलिस और यातायात पुलिस को जिम्मेदार माना जाएगा। इसी तरह, ओवरलोडिंग, अनफिट वाहन संचालन, डीएल और परमिट न होने जैसे मामलों के लिए परिवहन विभाग जिम्मेदार होगा। इसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

बजट सत्र से पूर्व, आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी कैबिनेट बैठक में रखी जा सकती है। इसके अलावा, भू-कानून में संशोधन का प्रस्ताव और पेपरलेस व वर्चुअल रजिस्ट्री से संबंधित प्रस्ताव भी कैबिनेट में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।

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