रुद्रप्रयाग: समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम अब बर्फ की मोटी परत से ढक चुका है। यहां तीन से चार फीट तक बर्फ जम चुकी है, जिससे ठंड का प्रकोप और भी बढ़ गया है। आईटीबीपी के जवान इस भयंकर ठंड में भी धाम की सुरक्षा में तैनात हैं। इस समय धाम में दिन के समय धूप खिलने से सुरक्षा जवानों और श्रमिकों को कुछ राहत मिल रही है, लेकिन रात के दौरान तापमान माइनस में चले जाने से उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, यहां कुछ साधु-संत भी ठहरे हुए हैं। वहीं, मिनी स्विटजरलैंड के नाम से मशहूर चोपता में बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण चारों ओर बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है। पिछले कुछ दिनों से शाम होते ही हल्की बर्फबारी हो रही है, जिसके कारण यहां तीन से चार फीट तक बर्फ जमा हो चुकी है। दिन में धूप निकलने से सुरक्षा जवानों को थोड़ी राहत मिल रही है, लेकिन रात के समय तापमान माइनस में चला जाता है, जिससे उन्हें कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। बर्फ को पिघलाकर पानी का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, धाम में कुछ साधु-संत भी ठहरे हुए हैं, जो हर साल शीतकाल में यहां रहते हैं।
केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों के मजदूर अब बर्फबारी बढ़ने के कारण सोनप्रयाग लौट चुके हैं। वर्तमान में यहां वुड स्टोन कंपनी के कुछ मजदूर ही मौजूद हैं, जो भवनों के भीतर कार्य कर रहे हैं। ये मजदूर भी कड़ी ठंड का सामना कर रहे हैं।
वहीं, चोपता के बुग्यालों में भी बर्फ की सफेद चादर बिछी हुई है। बर्फबारी का आनंद लेने और उसे देखने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक चोपता पहुंच रहे हैं। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मुंबई और अन्य राज्यों के पर्यटक यहां पहुंचकर बर्फबारी का लुत्फ उठा रहे हैं और अपने अनुभव भी साझा कर रहे हैं।