झमाझम बारिश के बीच जय भोले की ध्वनि गूंज रही है। शिवालयों में बम-बम भोले की जयकार से देवभूमि उत्तराखंड में उठ खड़े हैं। सावन माह आज से ही शुरू हो गया है, जो भगवान शिव के प्रिय माने जाते हैं। नगर से गाँव तक सभी शिवालयों में विशेष सजावट की गई है, और सुबह से ही शिवालय में भक्तों की भारी भीड़ जमा है जलाभिषेक के लिए।
पुलिस प्रशासन ने भीड़ को ध्यान में रखते हुए कांवड़ पटरी पर वाहनों की चलाई जा रही ध्वनि पर रोक लगा दी है। सावन के इस महीने में लाखों कांवड़ियों ने हरिद्वार पहुंच कर जल भरने का काम शुरू कर दिया है। सोलानी पार्क मार्ग से हाईवे को जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है। नगर निगम चौक पर पुलिसकर्मी तैनात हैं जो कांवड़ यात्रियों को ट्रैफिक रोककर निकाल रहे हैं। चंद्रशेखर चौक पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और बोट क्लब तिराहे को भी बंद कर दिया गया है। एसबीआई मुख्य शाखा वाले मार्ग पर भी बांस और बल्लियां लगा दी गई हैं। गणेशपुर पुल से पटरी वाले मार्ग पर भी बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। आसफनगर झाल के तिराहे को भी बंद कर दिया गया है। केवल कांवड़ यात्रियों के लिए ही कांवड़ पटरी को खोला गया है।
हाईवे शिवमय हो गया जहां भोले के जयकारे गूंज रहे
महाशिवरात्रि के अवसर पर हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिव का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ियों की भारी संख्या में हाईवे पर चल रही है। इन कांवड़ियों का उत्साह देखने योग्य है। वे भगवान शिव के जयकारे और भक्ति गीतों के साथ अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।
दिल्ली से हरिद्वार गंगाजल लेने जा रहे कांवड़ियों का बड़ा काफिला ट्रकों, बसों और निजी वाहनों में हाईवे पर बढ़ रहा है। हाईवे के विभिन्न स्थानों पर कांवड़ियों के समूह देखने को मिल रहे हैं। सुबह और शाम में, नारसन कस्बे में भारी संख्या में कांवड़िए हाईवे से गुजर रहे हैं। दोपहर में धूप बढ़ने पर कांवड़िए हाईवे के किनारे ढाबों, दुकानों आदि पर आराम करते हैं। शाम के समय, नारसन तिराहे, मोहम्मदपुर जट्ट, उल्हेड़ा आदि स्थानों पर भी लोग बड़ी संख्या में कांवड़ियों को देखने के लिए आ रहे हैं।