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धामी सरकार बांटेगी निकाय चुनाव के बाद दायित्व…राज्य में तीन आयोगों और एक समिति के अध्यक्ष पद खाली

देहरादून :राज्य में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद पिछले एक साल से रिक्त पड़ा हुआ है। वहीं, सरकार ने उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष पद पर डॉ. गीता खन्ना को नियुक्त किया था। निकाय चुनाव के बाद, धामी सरकार दायित्वों का वितरण कर सकती है। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग और महिला आयोग के अध्यक्ष पद अब खाली हैं, क्योंकि दोनों आयोगों के अध्यक्षों का तीन साल का कार्यकाल इस सप्ताह समाप्त हो गया है।

इन आयोगों के साथ ही श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है। वहीं, राज्य में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद पिछले एक साल से खाली पड़ा हुआ है। सरकार ने उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग में डॉ. गीता खन्ना को अध्यक्ष नियुक्त किया था।

दो उपाध्यक्षों के पद भी खाली हैं। छह जनवरी 2022 को डॉ. गीता खन्ना को बाल अधिकार संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद, आयोग में छह सदस्य भी नामित किए गए थे। अब इन छह सदस्यों का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है, साथ ही अध्यक्ष पद का कार्यकाल भी खत्म हो गया है। उसी दिन राज्य महिला आयोग में कुसुम कंडवाल और श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति में अजेंद्र अजय को अध्यक्ष नामित किया गया था।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष पद के साथ-साथ राज्य महिला आयोग और श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्षों का कार्यकाल भी पूरा हो गया है। वहीं, उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष पद दिसंबर 2023 से खाली पड़ा है। आयोग में अध्यक्ष के अलावा दो उपाध्यक्षों के पद भी खाली हैं। उपाध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह का कार्यकाल अप्रैल 2024 और उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब का कार्यकाल सितंबर 2024 में समाप्त हो जाएगा।

राज्य में निकाय चुनाव के कारण आचार संहिता लागू है। आचार संहिता के समाप्त होते ही कई आयोगों और श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पद पर नए दायित्वों का आवंटन किया जा सकता है।

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