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कप्तान बनने के बाद सूर्यकुमार यादव ने साझा की अपनी भावनाएँ.. क्रिकेट जिंदगी नहीं

भारत और श्रीलंका के बीच शनिवार से तीन मैचों की टी20 सीरीज शुरू हो रही है, जिसमें सूर्यकुमार यादव भारत के टी20 कप्तान के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इस सीरीज की शुरुआत से पहले, सूर्यकुमार यादव ने एक महत्वपूर्ण बात साझा की है कि क्रिकेट उनके जीवन की पूरी कहानी नहीं है, बल्कि यह केवल जिंदगी का एक हिस्सा है।सूर्यकुमार यादव ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह सिखा है कि क्रिकेट, हालांकि उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह उनकी पूरी जिंदगी नहीं है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट के साथ-साथ जीवन में कई और पहलू हैं जो अधिक महत्वपूर्ण हैं और जो उन्हें इस खेल के माध्यम से समझने को मिले हैं।

यह दृष्टिकोण सूर्यकुमार के जीवन और खेल के प्रति उनके संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। उनके अनुसार, क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है, लेकिन उन्होंने समझा है कि जीवन की व्यापकता और अनुभव इससे कहीं अधिक हैं।

इस सीरीज की शुरुआत से पहले, सूर्यकुमार यादव ने अपनी कप्तानी और क्रिकेट करियर पर बीसीसीआई की मीडिया टीम से बात की। सूर्यकुमार ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि क्रिकेट ने उन्हें यह समझने में मदद की कि कैसे एक पेशेवर खिलाड़ी होने के साथ-साथ व्यक्तिगत जीवन को भी समान महत्व देना चाहिए। यह दृष्टिकोण उन्हें खेल में और बाहर की चुनौतियों का सामना करने में सहायक रहा है।

सूर्यकुमार यादव ने कहा विनम्रता है क्रिकेट की सबसे बड़ी सीख

सूर्यकुमार यादव ने अपनी बातचीत में बताया कि क्रिकेट ने उन्हें सबसे महत्वपूर्ण जीवन की सीख दी है: विनम्रता। उन्होंने कहा, “जब आप कुछ हासिल कर लेते हैं या जब आपके प्रदर्शन में गिरावट होती है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप कितने विनम्र रहते हैं। “सूर्यकुमार ने आगे कहा, “जब आप मैदान पर कुछ करते हैं, तो इसे मैदान पर ही छोड़ देना चाहिए। मैदान के बाहर इसे नहीं ले जाना चाहिए।”उन्होंने बताया कि यह खेल उन्हें सिखाता है कि सफलता और असफलता के बीच भी विनम्रता बनाए रखना कितना जरूरी है। सूर्यकुमार का मानना है कि क्रिकेट के इस पहलू ने उन्हें अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद की है।

सूर्यकुमार यादव ने कहा क्रिकेट जीवन का हिस्सा है, पूरी जिंदगी नहीं

सूर्यकुमार यादव ने अपनी बातचीत में स्पष्ट किया कि क्रिकेट मैदान पर जो कुछ भी होता है, वह आपकी पूरी जिंदगी नहीं है, बल्कि आपके जीवन का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा, “ये आपका जीवन नहीं है, बल्कि आपके जीवन का हिस्सा है।”सूर्यकुमार ने इस पर जोर देते हुए कहा, “इसलिए यह नहीं होना चाहिए कि जब आप अच्छा कर रहे हों तो आप शीर्ष पर हों और जब अच्छा नहीं कर रहे हों तो नीचे चले जाएं। ऐसा करना एक स्पोर्ट्समैन के तौर पर सही नहीं है।”

उन्होंने बताया कि यह समझ उन्हें जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। क्रिकेट के मैदान पर और बाहर की स्थिति को अलग-अलग देखकर और सही दृष्टिकोण अपनाकर, उन्होंने जीवन में स्थिरता और संतुलन बनाए रखने की महत्वपूर्ण शिक्षा प्राप्त की है।

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