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उत्तराखंड में 2,447 करोड़ की परियोजनाओं एडीबी ने परियोजनाओं के वित्त पोषण की दी मंजूरी.

प्रदेश में 2,447 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए केंद्र, राज्य सरकार और एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के बीच बुधवार को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। कुछ दिन पहले, एडीबी ने इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की मंजूरी दी थी।

यह परियोजनाएं राज्य के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं, और इनका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का सुधार करना, जल आपूर्ति और परिवहन जैसी सेवाओं में सुधार लाना है। एडीबी के साथ यह सहयोग राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में एक अहम कदम होगा।

उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में चल रही प्रमुख योजनाएं और उनके कार्य:

  1. कोटद्वार पेयजल योजना – 373 करोड़ रुपये
    • कार्य: 330 किमी पेयजल नेटवर्क बिछाया जाएगा, 22,196 घरेलू पेयजल कनेक्शन दिए जाएंगे, और 4 जलाशयों और नलकूपों का निर्माण कर 4000 किली पेयजल क्षमता की व्यवस्था की जाएगी।
  2. चंपावत पेयजल योजना – 240 करोड़ रुपये
    • कार्य: 160 किमी पेयजल नेटवर्क बिछाया जाएगा, 4,523 घरेलू पेयजल कनेक्शन दिए जाएंगे, 2900 किली पेयजल क्षमता के लिए 4 जलाशयों का निर्माण होगा, और 3.5 एमएलडी क्षमता का पेयजल शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
  3. किच्छा पेयजल आपूर्ति योजना – 463.24 करोड़ रुपये
    • कार्य: 402 किमी पेयजल नेटवर्क बिछाया जाएगा, 20,000 घरेलू पेयजल कनेक्शन दिए जाएंगे, और 6,800 किली पेयजल क्षमता के लिए 4 जलाशयों और नलकूपों का निर्माण किया जाएगा।
  4. विकासनगर पेयजल व सीवरेज योजना – 509.84 करोड़ रुपये
    • कार्य: इस योजना में पेयजल और सीवरेज नेटवर्क के सुधार व विस्तार का काम किया जाएगा।
  5. हल्द्वानी इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट सिस्टम – 400 करोड़ रुपये
    • कार्य: हल्द्वानी में एक उन्नत सूचना प्रौद्योगिकी प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जाएगी, जिससे सरकारी कार्यों को डिजिटल रूप से प्रबंधित किया जाएगा।
  6. हल्द्वानी व्यापक गतिशीलता अर्बन मोबिलिटी योजना – 268 करोड़ रुपये
    • कार्य: हल्द्वानी में नगरीय गतिशीलता (Urban Mobility) को सुधारने के लिए व्यापक योजना बनाई जाएगी, जिसमें यातायात व्यवस्था और सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा। साथ ही, नमो भवन का निर्माण किया जाएगा, जो सभी सरकारी कार्यालयों के लिए एक प्रशासनिक भवन होगा।

इन योजनाओं से प्रदेश में जल आपूर्ति, सीवरेज, यातायात व्यवस्था और अन्य बुनियादी ढांचों में महत्वपूर्ण सुधार होगा, जिससे जनता को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

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