उत्तराखंड में भू-कानूनों का उल्लंघन कर जमीन खरीदने वालों के लिए समस्याएं बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐसे मामलों की जांच के आदेश दिए हैं। यदि किसी एक परिवार के एक या अधिक सदस्य नगर निकाय क्षेत्रों से बाहर 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदते हैं, तो सरकार उस जमीन को अपने कब्जे में ले लेगी। इस संबंध में विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।
प्रदेश में भू-कानूनों का उल्लंघन कर भूमि खरीदने वालों के खिलाफ अब कार्रवाई शुरू हो गई है। यदि किसी एक परिवार के एक या अधिक सदस्यों ने नगर निकाय क्षेत्रों से बाहर 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदी है, तो सरकार उस भूमि को अपने कब्जे में ले लेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में निर्देश दिए थे, और शासन ने सोमवार को आदेश जारी कर दिया।
मुख्यमंत्री ने अगले वर्ष प्रदेश में कड़े भू-कानून लागू करने के संकेत भी दिए हैं। उन्होंने वर्तमान भू-कानून के उल्लंघन पर भी कड़ी निगरानी रखने का आश्वासन दिया। गत 27 सितंबर को उन्होंने बिना अनुमति के नगर निकाय क्षेत्रों से बाहर 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदने और एक ही परिवार के सदस्यों द्वारा अलग-अलग नाम से भूमि खरीदने के मामलों की जांच के आदेश दिए थे।
विशेष रूप से चार जिलों—देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर—में ऐसे मामलों की संख्या अधिक देखी गई है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में शासन ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए इन चार जिलों के साथ अन्य जिलाधिकारियों को भी इन प्रकरणों की जांच के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी इन मामलों की जांच करने के बाद विधिक कार्रवाई करेंगे। राजस्व सचिव एसएन पांडेय ने शासनादेश जारी होने की पुष्टि की है।
शासनादेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य में निवेश के लिए अनुमति लेकर की गई 12.5 एकड़ से अधिक भूमि की खरीद का अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाने के मामलों की भी जांच जिलाधिकारी करेंगे। यदि ऐसी भूमि गलत तरीके से खरीदी गई है या उसका उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया है, तो जिलाधिकारी विधिक कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा है कि वर्ष 2018 में भूमि खरीद से संबंधित नियमों में किए गए परिवर्तनों के सकारात्मक परिणाम नहीं मिले हैं।