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पेस्ट्री, पालतू जानवरों का खाना और शराब! भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते के बाद क्या सस्ता हो जाएगा?


नई दिल्ली: भारत ने यूनाइटेड किंगडम के साथ हाल ही में साइन किए कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक और ट्रेड एग्रीमेंट (CETA) के तहत ब्रिटिश वस्तुओं की एक विस्तृत चेन पर चरणबद्ध टैरिफ रियायतें प्रदान की हैं. यह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट केक और पालतू जानवरों के भोजन से लेकर सौंदर्य प्रसाधनों और होम एप्लायंस तक, विभिन्न उत्पादों तकड्यूटी फ्री एक्सेस का वादा करता है, जबकि घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए संवेदनशील क्षेत्रों को रणनीतिक रूप से बाहर रखा गया है.

यह समझौता, जिसे अभी ब्रिटिश संसद से अप्रूवल की जरूरत है और जिसके लगभग एक साल में लागू होने की उम्मीद है. हाल के वर्षों में भारत के सबसे महत्वपूर्ण व्यापार उदारीकरण प्रयासों में से एक है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) का अनुमान है कि इस समझौते के तहत ब्रिटेन से आने वाले लगभग 90 प्रतिशत सामान आयात शुल्क में कमी या समाप्ति से लाभान्वित होंगे.

GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, “इस समझौते में चॉकलेट और कंज्युमर अप्लायंस से लेकर औद्योगिक इनपुट तक कई क्षेत्रों में चरणबद्ध रियायतें शामिल हैं, जबकि चाय, कॉफी और सोने जैसी संवेदनशील वस्तुओं को रणनीतिक रूप से बाहर रखा गया है.”

विभिन्न क्षेत्रों में चरणबद्ध शुल्क कटौती
CETA के तहत चॉकलेट, जिस पर वर्तमान में 33 प्रतिशत ड्यूटी है, उसे कटौती के माध्यम से सात साल में शून्य कर दिया जाएगा. पेस्ट्री और केक जिन पर 33 फीसदी और प्रोटीन कॉन्संट्रेट पर 44 पर्सेंट शुल्क वाले स्नैक आइटम 10 साल की अवधि तक ड्यूटी फ्री रहेंगे.

इसके अलावा कुत्ते और बिल्ली जैसे पालतू जानवरों के फूड प्रोडक्ट, जिन पर अभी 22 पर्सेंट टैक्स लगता है, वे भी सात साल के भीतर पूरी तरह ड्यूटी फ्री हो जाएंगे. हालांकि, प्रोसेस्ड फूड कैटेगरी में सॉसेज (110 फीसदी) जैसी हाई-डयूटी वाले प्रोडक्ट शामिल नहीं हैं और घरेलू उत्पादकों को संरक्षण प्रदान किया जाता रहेगा.

यह एग्रीमेंट पर्सनल केयर और हाइजीन क्षेत्र में भारत एक दशक में कॉस्मेटिक पर 22 प्रतिशत और साबुन पर 11 फीसदी शुल्क को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर देगा. शेविंग क्रीम, जैल और डिटर्जेंट पर शुल्क, जिन पर वर्तमान में 11फीसदी टैक्स लगता है, लागू होते ही तुरंत समाप्त कर दिए जाएंगे.

इतना ही नहीं इसमें होम अप्लायंस में भी उदारीकरण देखने को मिलेगा. एयर कंडीशनर और वाशिंग मशीनों पर 22 प्रतिशत ड्यूटी अगले 10 साल में चरणबद्ध तरीके से खत्म कर दिया जाएगा, जबकि माइक्रोवेव ओवन ड्यबटी फ्री हो जाएंगे.

एल्कोहॉलिक पेय और लग्जरी गुड्स
भारत ने व्हिस्की, जिन और वोडका सहित कुछ ब्रिटिश एल्कोहल पेय पदार्थों पर अपने 110 प्रतिशत के भारी आयात शुल्क को कम करने पर भी सहमति व्यक्त की है – लेकिन केवल 6 डॉलर प्रति 750 मिलीलीटर से अधिक कीमत वाली बोतलों के लिए. इन आयातों के लिए शुल्क पहले सालष में 75प्रतिशत और दसवें वर्ष तक 40 फीसदी तक कम हो जाएगा, जिससे सस्ती शराब के घरेलू निर्माताओं को संरक्षण देते हुए बाजार में एंट्री का एक सस्ता मार्ग उपलब्ध होगा.

इंडस्ट्रियल और रीसाइकिलेबल गुड्स
भारत ने औद्योगिक इनपुट और रिसाइकलेबल मटेरियल के लिए एक अनुकूलित दृष्टिकोण अपनाया है. इसके तहत रद्दी कागज (11 प्रतिशत शुल्क) और सिल्वर बार (10.75 प्रतिशत) 10 साल में ड्यूटी फ्री हो जाएंगी. आयरन स्क्रैप, जिस पर न्यूनतम 2.75 प्रतिशत शुल्क है, इसको तुरंत छूट दी जाएगी, जबकि पीतल स्क्रैप पर 10 साल की समय-सीमा लागू होगी. एल्युमीनियम स्क्रैप को समझौते के दायरे से बाहर रखा गया है.

25 किलोन्यूटन से अधिक थ्रस्ट वाले टर्बो-जेट जैसे हाई-टेक आयात, जिन पर वर्तमान में 8.25 प्रतिशत टैक्स लगता है, सात साल में ड्यूटी फ्री हो जाएंगे – जिससे भारत के एयरोस्पेस और मशीनरी क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा.

घरेलू हितों की रक्षा
व्यापक रियायतों के बावजूद, भारत ने उच्च-संवेदनशील क्षेत्रों की दृढ़ता से रक्षा की है. चाय, कॉफी, सॉसेज और गोल्ड स्टिक जैसे प्रोडक्ट – जिन पर 110 फीसदी तक का आयात शुल्क लगता है – सीईटीए के तहत किसी भी शुल्क राहत से बाहर हैं. श्रीवास्तव ने पीटीआई को बताया, “यह व्यापार को उदार बनाने और अपने किसानों और लघु उद्योगों की सुरक्षा के बीच भारत के सावधानीपूर्वक संतुलन को दर्शाता है.”

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