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केदारनाथ यात्रा पर लगा ब्रेक, गौरीकुंड में पहाड़ी ढहने से पैदल मार्ग बंद, यात्रियों का सुरक्षित रेस्क्यू


रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम की यात्रा पर एक बार फिर से ब्रेक लग गया. आसमान से बरसी आफत के कारण गौरीकुंड पैदल मार्ग से कुछ दूरी पर पहाड़ी भरभराकर टूट गई, जिस कारण पैदल मार्ग बंद हो गया और प्रशासन को यात्रा को रोकना पड़ा. इसके बाद किसी तरह पैदल मार्ग को आवाजाही लायक बनाया गया, जिससे केदारनाथ धाम की ओर से आ रहे तीर्थयात्री को सुरक्षित निकालते हुए गौरीकुंड भेजा गया.

आपदा प्रबंधन व पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दोपहर साढ़े तीन बजे तक केदारनाथ धाम की तरफ से 1600 यात्रियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. घटना में किसी तरह की जनहानि व पशुहानि की सूचना नहीं है.

केदारनाथ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. (Video- ETV Bharat)

दरअसल, 25 जुलाई देर रात करीब साढ़े तीन बजे गौरीकुंड के पास केदारनाथ धाम जाने वाले पैदल मार्ग पर पहाड़ी दरकने से पैदल मार्ग बाधित हो गया, जिस कारण प्रशासन को यात्रा को रोकना पड़ा. पैदल मार्ग बंद होने से केदारनाथ धाम जाने वाले और धाम से लौटने वाले तीर्थयात्री मार्ग पर फंस गए. मार्ग पर बड़े-बड़े बोल्डर आने से आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई. मार्ग से बोल्डर हटाने को लेकर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ ही अन्य सुरक्षा जवानों ने कड़ी मशक्कत की. दोपहर एक बजे के करीब मार्ग को पैदल आवाजाही लायक बनाया गया, जिसके बाद केदारनाथ धाम से लौट रहे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित तरीके से गौरीकुंड की ओर भेजा गया.

केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को रोका: पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग के गौरीकुंड के पास पहाड़ी दरकने से मार्ग बंद हो गया. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ लोनिवि के मजदूरों ने पैदल मार्ग से किसी तरह बोल्डर हटाकर मार्ग को आवाजाही लायक बनाया. बताया कि यहां पर मार्ग को चलने योग्य बनाए जाने पर केदारनाथ की ओर से वापस आ रहे यात्रियों को सुरक्षा बलों ने सहारा देकर पार कराया.

वहीं, गौरीकुंड से केदारनाथ की तरफ जाने वाले यात्रियों को मार्ग के पूरी तरह से आवागमन करने योग्य बनाए जाने तक रोका गया है. सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सहित आपदा प्रबन्धन की टीमें मौजूद हैं.

आसमानी आफत से तबाही: दूसरी तरफ रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बीती देर रात 1 बजे से 4 बजे के बीच रुद्रप्रयाग तहसील में चमेली, रूमसी, चमरारा तोक और विजयनगर क्षेत्र में सौड़ी गदेरे और बेडू बगड़ नाले में भारी मात्रा में पानी और मलबा आने से कई घरों, गौशालाओं, शौचालयों और संपर्क मार्गों में कटाव हुआ. कई भवनों में मलबा घुस गया.

कई घंटों तक हुई भारी बारिश के कारण पानी के साथ आया मलबा लोगों के घरों में घुस गया. रात को हुए इई भारी बारिश के कारण लोग डरे सहमे रात गुजारने में मजबूर रहे. भारी बारिश के कारण आई आपदा में कई मकान मलबे में दब गए. जबकि कई वाहन में मलबे के चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए. घटना की गंभीरता को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, पुलिस विभाग व स्वास्थ्य विभाग की ज्वाइंट टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. राहत शिविरों में आवास, भोजन, चिकित्सा व आवश्यक सेवाएं दी जा रही हैं. प्रशासन नुकसान का जायजा ले रहा है.

सरकार द्वारा लोगों से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन की ओर से जारी की गई सूचना पर ही अमल करें. वहीं, किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी राहत केंद्र या कंट्रोल रूम से संपर्क करें.

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