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8वां वेतन आयोग: मिनिमम तीन प्रमोशन, पांच साल में पेंशन रिवाइज और वेतनमानों का विलय, NC-JCM सरकार को दिए 15 सुझाव


नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि उसे आठवें वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रिफ्रेंस (ToR) तैयार करने के लिए नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के कर्मचारी पक्ष से सुझाव मिले हैं. एनसी-जेसीएम सरकार और उसके कर्मचारियों के बीच संवाद का एक प्लेटफॉर्म है.

यह जानकारी राज्यसभा सदस्य भुवनेश्वर कलिता द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी गई. सदस्य सरकार से आठवें वेतन आयोग की टर्म ऑफ रिफ्रेंस के लिए एनसी-जेसीएम के कर्मचारी पक्ष से मिले स्पेसिफिक सुझावों के बारे में जानना चाहता था. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार इन सुझावों पर विचार कर रही है या नहीं.

NC-JCM की सिफारिशें (ETV Bharat Graphics)

8वें वेतन आयोग के ToR पर सरकार का जवाब
संसद में पूछे गए सवालों के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्वीकार किया कि सरकार को NC-JCM के कर्मचारी पक्ष से सुझाव प्राप्त हुए हैं. मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के साथ-साथ राज्यों सहित प्रमुख हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं.

सरकार को एनसी-जेसीएम के कर्मचारी पक्ष से सुझाव कब प्राप्त हुए?
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के एक पत्र के जवाब में एनसी-जेसीएम ने मोदी सरकार द्वारा वेतन आयोग की घोषणा के एक महीने के भीतर इस वर्ष फरवरी में आगामी आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के लिए प्रस्तावित कार्य-अवधि संबंधी सुझाव प्रस्तुत किए थे. जानकारी के मुताबिक एनसी-जेसीएम ने सरकार के साथ 15 प्रमुख सिफारिशें साझा कीं.

क्या हैं NC-JCM की सिफारिशें?

  1. एनसी-जेसीएम ने प्रस्ताव दिया कि 8वें वेतन आयोग में केंद्र सरकार, ऑल इंडिया सर्विस, रक्षा और अर्धसैनिक बल, ग्रामीण डाक सेवक, संघ राज्य क्षेत्र के कर्मचारी, लेखा परीक्षा और उच्चतम न्यायालय के कर्मचारी, नियामक निकाय के कर्मचारी (आरबीआई को छोड़कर) और स्वायत्त संस्थानों सहित कर्मचारियों की एक विस्तृत सीरीज को शामिल किया जाएगा.
  2. इसने सिफारिश की कि आयोग सभी कवर किए गए कर्मचारियों के लिए एक व्यापक रिवाइज सैलरी स्ट्रक्चर तैयार करे, जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो.
  3. एनसी-जेसीएम ने आयोग से आग्रह किया कि वह सभ्य और सम्मानजनक जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करे.
  4. काउंसिल ने सैलरी मैट्रिक्स के बेहतर रेशनलाइजेशन के लिए ओवरलैपिंग या नॉन- वायबल जैसे लेवल 1 को 2 के साथ, 3 को 4 के साथ, और 5 को 6 के साथ विलय करने का सुझाव दिया.
  5. इसमें मॉडिफाई अश्योर कैरियर प्रोग्रेस (MACP) योजना में मौजूद खामियों को ठीक करने और स्पष्ट रूप से परिभाषित हैरारकी में कम से कम तीन प्रमोशव सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया है.
  6. काउंसिल की मांग के अनुसार कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को देरी होने पर अंतरिम राहत प्रदान की जानी चाहिए.
  7. काउंसिल ने मूल वेतन और पेंशन के साथ महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) के उपयुक्त प्रतिशत को विलय करने की भी सिफारिश की.
  8. इसने आयोग से कहा कि वह विसंगति और जेसीएम बैठकों में उठाए गए 7वें वेतन आयोग की अनसुलझी खामियों का समाधान किया जाए.
  9. सुझावों में बेहतर पेंशन शर्तें, कम्यूटेड पेंशन की शीघ्र बहाली , पूर्व और भावी पेंशनभोगियों के बीच समानता और हर पांच वर्ष में पेंशन की समीक्षा शामिल है.
  10. एक प्रमुख डिमांड कॉन्ट्रिब्यूटरी NPS को समाप्त करने और सीसीएस (पेंशन) नियम 1972/2021 के तहत पहले से परिभाषित लाभ पेंशन सिस्टम को बहाल करने का था.
  11. परिषद ने CGHS पर संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू करने, निश्चित चिकित्सा भत्ता बढ़ाने, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए नकदी रहित, परेशानी मुक्त मेडिकल केयर सुनिश्चित करने की मांग की.
  12. इसने कर्मचारियों के बच्चों के लिए बाल शिक्षा भत्ता और छात्रावास सब्सिडी को पोस्ट ग्रेजुएशन तक बढ़ाने की मांग की.
  13. वेतन आयोग से आग्रह किया गया कि वह आवश्यकता- बेस्ड एडवांस को शुरू करे और पूर्व में बंद किए गए एडवांस को बहाल करे.
  14. इसने उन सभी भारतीय रेलवे कर्मचारियों को जोखिम और कठिनाई भत्ते के भुगतान की सिफारिश की जो 24 घंटे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं.
  15. रक्षा प्रतिष्ठानों में विस्फोटकों और रसायनों जैसी खतरनाक सामग्रियों के साथ काम करने वाले कर्मचारियों को अलग से जोखिम भत्ता, बीमा कवरेज और पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए.

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