मुंबई: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने 24 जुलाई को आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर किए, जिससे एक-दूसरे के बाजारों तक पहुंच खुल गई. टैरिफ में कमी और कुछ मामलों में टैरिफ के खत्म होने से कई शेयरों और क्षेत्रों को फायदा होने की उम्मीद है.
कपड़ा क्षेत्र
भारत का कपड़ा उद्योग अगले पांच से छह सालों में ब्रिटेन में अपना निर्यात दोगुना करने की तैयारी में है, और इसकी अनुमानित 11 फीसदी (CAGR) है. इस सौदे से रिसाइकल पॉलिएस्टर जैसे उभरते क्षेत्रों को भी लाभ होगा, जिससे भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में टिकाऊ कपड़ों की मांग को पूरा कर सकेंगी. वर्धमान टेक्सटाइल्स और अरविंद जैसी कंपनियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में 8-12 फीसदी लागत लाभ का लाभ मिलेगा, जिससे नए निर्यात ऑर्डर मिलेंगे.
ऑटोमोटिव क्षेत्र
एफटीए ने इंटरनल कंबशन इंजन (आईसीई), इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड और हाइड्रोजन-संचालित वाहनों में पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (सीबीयू) पर आयात शुल्क भी कम कर दिया है. इससे टाटा मोटर्स, भारत फोर्ज और सोना कॉमस्टार को फायदा हो सकता है.
कृषि और समुद्री क्षेत्र
मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के बाद भारत के कृषि निर्यात को उल्लेखनीय बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो 95 फीसदी भारतीय कृषि निर्यात टैरिफ लाइनों तक शुल्क-मुक्त पहुंच देता है. इस फ्री ट्रेड समझौते से अगले तीन वर्षों में भारत के कृषि निर्यात में 20 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है. अवंती फीड्स जैसे समुद्री निर्यातक टैरिफ बाधाओं को हटा दिए जाने के बाद तेजी से मात्रा बढ़ा सकते हैं.
दवा क्षेत्र
इस क्षेत्र में लाभ चुनिंदा दवा कंपनियों से संचालित होगा जो नियामक सामंजस्य और ब्रिटिश बाजार में जेनेरिक दवाओं की तेज मंज़ूरी का लाभ उठा सकती हैं.
रत्न एवं आभूषण क्षेत्र
फ्री ट्रेड समझौते (एफटीए) के कारण भारतीय रत्न एवं आभूषणों पर ब्रिटेन द्वारा लगाए जाने वाले 4 फीसदी शुल्क को माफ कर दिया गया है. ब्रिटेन हर साल लगभग 3 अरब डॉलर मूल्य के आभूषणों का आयात करता है, जो भारतीय रत्न एवं आभूषण निर्यातकों के लिए विकास का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है. भारत वर्तमान में ब्रिटेन को 94.1 करोड़ डॉलर मूल्य के रत्न एवं आभूषण निर्यात करता है, जिसमें अकेले आभूषण क्षेत्र का योगदान 40 करोड़ डॉलर है. टाइटन और कल्याण ज्वैलर्स जैसी आभूषण और रत्न कंपनियों को ब्रिटेन जैसे उच्च-मार्जिन वाले बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच का लाभ मिलेगा.
चमड़ा और जूते
भारत के चमड़े और जूतों पर 16 फीसदी से शून्य टैरिफ हटा दिए गए हैं. उम्मीद है कि इस समझौते से रिलैक्सो और बाटा इंडिया को फायदा होगा.
स्पिरिट्स
ब्रिटिश सरकार के अनुसार, व्यापार समझौते के तहत, स्कॉच व्हिस्की पर टैरिफ 150 फीसदी से घटकर 75 फीसदी हो जाएगा, और फिर अगले दशक में 40 फीसदी तक कम हो जाएगा. यह ब्रिटेन स्थित डियाजियो पीएलसी की सहायक कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स के लिए अच्छा संकेत है.