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भ्रष्टाचार के आरोपों ने छीनी MD की कुर्सी, ब्रिडकुल के प्रबंध निदेशक को हटाने का आदेश


ब्रिडकुल के प्रबंध निदेशक पर बड़ा एक्शन (PHOTO- ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड की प्रमुख निर्माण एजेंसी ब्रिज रोपवे, टनल एंड अदर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (ब्रिडकुल) एक बार फिर चर्चाओं में है. राज्य सरकार ने ब्रिडकुल के प्रबंध निदेशक एनपी सिंह के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार ने उन्हें उनके वर्तमान पद से अवमुक्त करते हुए अपर सचिव, लोक निर्माण विभाग के कार्यालय में संबद्ध किया है.

ब्रिडकुल के प्रबंध निदेशक के खिलाफ आई शिकायत ने उनके लिए मुश्किलें बढ़ा दी है. फिलहाल एफिडेविट पर की गई इस शिकायत के बाद शासन ने प्रबंध निदेशक को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी प्रबंध निदेशक एनपी सिंह की शिकायत पहुंची थी, जिसके बाद उच्च स्तर पर लिए गए अनुमोदन के बाद ही उन्हें हटाने का फैसला लिया गया है.

ACTION ON BRIDKUL MANAGING DIRECTOR

ब्रिडकुल के प्रबंध निदेशक पर बड़ा एक्शन (PHOTO- उत्तराखंड शासन)

शासन द्वारा जारी आदेश के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि ब्रिडकुल के शीर्ष स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल एक गंभीर शिकायत के बाद किया गया है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय को एक कंपनी द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से भ्रष्टाचार से जुड़ी गंभीर शिकायत भेजी गई थी. इस शिकायत को प्रारंभिक तौर पर गंभीर मानते हुए शासन ने तुरंत कार्रवाई करने का निर्णय लिया. आदेश में उल्लेख है कि आरोप अत्यंत गंभीर प्रकृति के हैं और इनके लिए उच्च स्तरीय, निष्पक्ष जांच कराई जाना आवश्यक है.

एनपी सिंह को वर्ष 2024 के जून महीने में ही ब्रिडकुल का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था. इससे पहले वे लोक निर्माण विभाग में चीफ इंजीनियर के पद से सेवाएं दे चुके थे और सेवानिवृत्ति के बाद ब्रिडकुल में नियुक्त हुए थे. उनके कार्यकाल में एजेंसी कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही थी, लेकिन अब उन पर आए आरोपों ने पूरे विभाग को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.

शासन द्वारा दिए गए आदेश में यह भी स्पष्ट कहा गया है कि प्रबंध निदेशक जैसे उच्च पद पर रहते हुए जांच प्रभावित हो सकती है. इसलिए निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें पद से हटाना आवश्यक था. इसी कारण जांच पूरी होने तक उन्हें प्रबंध निदेशक पद से दूर रखा जाएगा.

अब इस पूरे प्रकरण पर विभागीय जांच के साथ-साथ किसी स्वतंत्र एजेंसी से भी जांच कराए जाने पर विचार किया जा रहा है. सरकार चाहती है कि आरोपों की सत्यता का पता लगाने में कोई संदेह न रहे और जांच पूरी तरह पारदर्शी हो.

ब्रिडकुल राज्य की सबसे महत्वपूर्ण निर्माण एजेंसियों में से एक मानी जाती है, जो पुल, रोपवे, टनल और अन्य बड़े अवसंरचना प्रोजेक्ट्स को अंजाम देती है. ऐसे में उसके शीर्ष जिम्मेदार अधिकारी पर लगे आरोपों ने विभाग की प्रतिष्ठा पर भी असर डाला है. सरकार की इस कार्रवाई के बाद अब सभी की निगाहें होने वाली जांच पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि आरोपों में कितना दम है और आगे पूरे मामले में क्या कदम उठाए जाएंगे.

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