भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी और अमेरिकी अवर सचिव एलिसन हूकर (ANI)
नई दिल्ली: अमेरिका के राजनीतिक मामलों के अवर सचिव एलिसन हुकर ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ बातचीत की. दोनों पक्षों ने फरवरी में हुई मीटिंग के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बताए विजन को ठोस नतीजों में बदलने पर फोकस किया. हूकर रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए पांच दिन के भारत दौरे पर हैं.
अमेरिकी दूतावास के मुताबिक हुकर ने रक्षा, ऊर्जा, तकनीकी, अंतरिक्ष और सप्लाई चेन में लचीलापन जैसे सेक्टर में सहयोग को आगे बढ़ाने के प्रशासन के इरादे से अवगत कराया. इसमें कहा गया, ‘ यह बैठक राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी की फरवरी की मीटिंग के विजन को ठोस प्रगति में बदलने का एक मौका है जो अमेरिकी सुरक्षा, नौकरियां और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है, साथ ही भारत के लंबे समय के लक्ष्यों का समर्थन भी करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश कार्यालय परामर्श तंत्र के तहत आयोजित वार्ता में भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की बड़े पैमाने पर समीक्षा की अनुमति दी गई. एजेंडा में ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, डिफेंस संबंध, सिविल न्यूक्लियर सहयोग, जरूरी मिनरल, नई टेक्नोलॉजी और भरोसेमंद सप्लाई चेन के साथ-साथ चल रही रणनीतिक तकनीकी का इस्तेमाल करके रिश्तों को बदलना पहल शामिल थी.
दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर भी विचार साझा किए और एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए अपने साझा समर्थन को दोहराया. फरवरी में पीएम मोदी के वाशिंगटन दौरे से कई बड़े नतीजे सामने आए, जिसमें भारत ने अमेरिकी तेल, गैस और मिलिट्री प्लेटफॉर्म की खरीद बढ़ाने का वादा किया. नई दिल्ली और वाशिंगटन एक बड़े ट्रेड एग्रीमेंट को आगे बढ़ाने और 2030 तक सालाना बाइलेटरल ट्रेड में 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर का टारगेट तय करने पर भी सहमत हुए.
अमेरिकी दूतावास ने आगे कहा कि अवर सचिव ने ‘रक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और भरोसेमंद सप्लाई चेन में सहयोग को गहरा करने के वाशिंगटन के मकसद और अमेरिका -इंडिया सहयोग के मूल्यों पर जोर दिया जो अमेरिकी नवाचार को बढ़ावा देता है और इंडिया को वैश्विक प्रौद्योगिकी नेता के तौर पर उभरने में मदद करता है.’
इसमें कहा गया कि उन्होंने विदेश सचिव की लगातार साझेदारी के लिए तारीफ की, क्योंकि अमेरिका और भारत दोनों ही ऐसी साझा प्राथमिकताएँ को आगे बढ़ा रहे हैं जो अमेरिकन लोगों को ठोस फायदे देती हैं और इंडिया के राष्ट्रीय मकसद को पूरा करती हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने मौजूदा बातचीत के तरीकों के तहत लगातार हो रही तरक्की का स्वागत किया और रिश्ते के खास हिस्सों में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए सैन्य साझेदारी, तकनीकी और व्यापार को लेकर अवसरों को बढ़ाने पर सहमति जताई.
फरवरी में शुरू हुई रणनीतिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके संबंधों को बदलने के पहल का मकसद सुरक्षित सप्लाई चेन बनाना, नवाचार को बढ़ावा देना और एआई और सेमीकंडक्टर जैसी जरूरी और नई तकनीकी पर सहयोग बढ़ाना है. दोनों सरकारों ने ट्रेड संबंधों को बढ़ाने और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर बातचीत जारी रखने के अपने समर्पण की फिर से पुष्टि की.

