कुछ पौधे न सिर्फ खूबसूरती के लिए, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं. घर में उगने वाला हर पौधा किसी न किसी तरह से सेहत के लिए फायदेमंद होता है. ऐसे ही पौधों में से एक है एलीफैंट ईयर प्लांट. जैसा कि नाम से ही जाहिर है, इस पौधे की पत्तियां हाथी के कान के आकार की होती हैं, घर में इस पौधे को लगाने से घर की खूबसूरती में चार चांद लग जाती है. इतना ही नहीं, ये पौधा सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. खासकर ये ब्लड प्रेशर कम करने में मदद करता है. साथ ही चिंता और तनाव को दूर करने में भी मदद करता है. इतने सारे फायदों वाले इस पौधे को घर पर कैसे उगाएं? इसे लंबे समय तक हरा-भरा रखने के लिए क्या करें? आइए इस खबर के माध्यम से जानते हैं…
इसे इन जगहों पर भी आसानी से उगाया जा सकता है
अपने घर में उगाएं यह एक पौधा, ब्लड प्रेशर को कम कर दूर करेगा सारा तनाव, जानें इसे उगाने का तरीका (GETTY IMAGES)
अगर आप इस पौधे को ध्यान से देखेंगे, तो आपको समझ आ जाएगा कि इसे एलिफेंट ईयर प्लांट क्यों कहते हैं. इसके पत्ते बहुत बड़े होते हैं, जिनका आकार हाथी के कान जैसा होता है. ज्यादातर ट्रॉपिकल एरिया में उगने वाला यह पौधा घर में भी आसानी से उगाया जा सकता है. साथ ही, यह जिस कमरे में रखा जाता है, उसकी खूबसूरती भी बढ़ाता है. अगर आप इसे ऐसी जगह पर भी रखेंगे जहां धूप कम आती हो तो भी यह पौधा कई दिनों तक ताजा बना रहेगा. सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ, इस पौधे की पत्तियां बहुत नुकसानदायक होती हैं. बच्चों को भूलकर भी इनके संपर्क में नहीं आने देना चाहिए. अगर वे गलती से भी इसे मुंह में डाल लें, तो मुसीबत में पड़ सकते हैं. इसके फायदे पाने के लिए, बस थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है.
जानिए इस पौधे को कैसे उगाएं
हाथी कान के पौधे को कोलोकेसिया (Colocasia) के नाम से भी जाना जाता है. इसे घर के अंदर उगाना बहुत आसान है. अगर आप कुछ सावधानियां बरतें, तो यह कई सालों तक वैसा ही बना रहेगा. ये सावधानियां गमले के चुनाव से शुरू होती हैं. इस पौधे को उगाने के लिए आपको एक बड़े गमले की जरूरत होगी. कम से कम 25 सेंटीमीटर चौड़ा गमला. यह पौधा लगभग सभी नर्सरियों में मिल जाता है. इन पौधों को सीधी धूप में न रखें, क्योंकि इन पौधों को कम गर्मी की जरूरत होती है. इन्हें कमरे के तापमान पर रखना बेहतर होता है. इसलिए, इन्हें घर के अंदर ही रखना चाहिए. इस पौधे को अच्छी तरह से विकसित करने के लिए, आपको रोजाना 2 टाईम पानी देना पड़ेगा, क्योंकि इन पौधों को भरपूर पानी की जरूरत होती है. हालांकि, बहुत ज्यादा पानी देना भी अच्छा नहीं है. इससे जड़ों को नुकसान पहुंच सकता है.
कितना तापमान इस पौधे के लिए है आवश्यक
हाथी कान के पौधे 18-29 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अच्छी तरह उगते हैं. इन्हें ज्यादा नमी की जरूरत होती है. इसलिए, इस पौधे को ज्यादा नमी वाली जगहों पर उगाना बेहतर होता है. किचन और बाथरूम जैसी जगहों पर थोड़ी ज्यादा नमी होती है. इन्हें वहीं किसी कोने में उगाना बेहतर होगा. इसके साथ ही, जब पत्तियां पीली या भूरी हो जाएं, तो उन्हें पूरी तरह से हटा देना चाहिए. हर दो-तीन साल में गमला बदलना सही रहता है. क्योंकि इनकी जड़ें बहुत तेजी से बढ़ती हैं. जैसे-जैसे ये बढ़ेंगी, गमले का आकार भी बदलना होगा.
मन को शांत करता है यह पौधा
आमतौर पर कोई भी पौधा मन को शांत करता है. हरा रंग यही एहसास दिलाता है. इसके अलावा, इनसे आने वाली हवा और सुगंध भी सकारात्मक प्रभाव डालती है. लेकिन, हाथी कान के पौधे भी उसी तरह सकारात्मक प्रभाव डालते हैं. इसकी मुख्य वजह है इनके पत्तों का आकार. ये बहुत बड़े होते हैं. आप इन्हें देर तक निहार सकते हैं. इनका आकार और रंग मन को आनंद प्रदान करते हैं.
ब्लड प्रेशर और चिंता जैसी समस्याओं से ग्रस्त लोग के लिए फायदेमंद
NIH में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कोलोकेसिया एस्कुलेंटा लिन (सीई) का पारंपरिक रूप से हाई ब्लड प्रेशर, गठिया के दर्द, Pulmonary tightness आदि जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है. इसलिए, इस अध्ययन में, चूहों में एंटी ब्लड प्रेशर और acute diuretic एक्टिविटी के लिए सीई की पत्तियों के जलीय अर्क (एईसीई) के प्रभाव का मूल्यांकन किया गया. परिणामों से पता चला कि इस पौधे की पत्तियों का अर्क वास्तव में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकता है.
इसके साथ ही विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ देर बैठकर किसी भी पौधे को देखने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. कई अध्ययनों से यह बात सामने आ चुकी है कि पौधों के साथ ज्यादा समय बिताने से तनाव कम होता है. तनाव कम होने का मतलब है कि ब्लड प्रेशर भी सामान्य हो जाता है. दिल के आकार के पत्तों को देखने से सकारात्मकता का एहसास होता है. इसीलिए तनाव कम होता है.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी स्वास्थ्य जानकारी और निर्देश केवल आपकी समझ के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक शोध, अध्ययन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. हालांकि, इनका पालन करने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना सबसे अच्छा है.)