Homeबिजनेसआर्थिक रूप से सशक्त भारत के निर्माण के लिए 'आपका पैसा, आपका...

आर्थिक रूप से सशक्त भारत के निर्माण के लिए ‘आपका पैसा, आपका अधिकार’ आंदोलन: पीयूष गोयल


नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस) केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि “आपका पैसा, आपका अधिकार” आंदोलन वित्तीय रूप से सशक्त और समावेशी भारत के निर्माण के लिए एक “परिवर्तनकारी पहल” है।


मंत्री ने नागरिकों से जागरूकता फैलाने और लाभार्थियों का समर्थन करने का आग्रह किया।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “‘आपका पैसा, आपका अधिकार’ आंदोलन एक परिवर्तनकारी पहल है जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से सशक्त और समावेशी भारत का निर्माण करना है।”

मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि असली मालिकों को उनका हक मिले।”

उन्होंने कहा, “इस आंदोलन को और मजबूत करने के पीएम मोदी के आह्वान के बाद, आइए हम सभी जागरूकता फैलाने, लाभार्थियों का समर्थन करने और पूरे देश में इस आंदोलन को बढ़ाने में मदद करने के लिए एक साथ आएं।”

इससे पहले दिन में, पीएम मोदी ने कहा कि ‘आपका पैसा, आपका अधिकार’ पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक अपना अधिकार वापस पा सके, क्योंकि भारतीय बैंकों, बीमा और म्यूचुअल फंड कंपनियों में हजारों करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं।

सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि नागरिकों को लावारिस बैंक जमा, बीमा आय, लाभांश, शेयर, म्यूचुअल फंड और पेंशन की वसूली में मदद करने के लिए 4 अक्टूबर को शुरू किया गया राष्ट्रव्यापी अभियान, अपने पहले दो महीनों में वास्तविक मालिकों को लगभग 2,000 करोड़ रुपये लौटा चुका है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर साझा की गई एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा कि “यहां एक भूली हुई वित्तीय संपत्ति को एक नए अवसर में बदलने का मौका है”, साथ में उन्होंने कहा, “आइए हम एक पारदर्शी, वित्तीय रूप से सशक्त और समावेशी भारत का निर्माण करें!”

प्रधान मंत्री ने पहले उल्लेख किया था कि भारतीय बैंकों के पास “हमारे अपने नागरिकों का 78,000 करोड़ रुपये का लावारिस धन है।”

उन्होंने कहा, “बीमा कंपनियों के पास लगभग 14,000 करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास लगभग 3,000 करोड़ रुपये हैं, और 9,000 करोड़ रुपये के लाभांश भी लावारिस हैं।”

तीन महीने का अभियान (अक्टूबर-दिसंबर 2025) हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया गया है।

सरकार ने बताया, “अक्टूबर से 5 दिसंबर 2025 तक 477 जिलों में जन प्रतिनिधियों, जिला प्रशासन और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों की भागीदारी के साथ शिविर आयोजित किए गए हैं।”

–आईएएनएस

एआर/आरवीटी/

एक नजर