देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस को फ्री हैंड दिए जाने की घोषणा की है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस घोषणा को महज एक दिखावटी प्रयास बताया है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सीएम के इस बयान को मात्र जनता के आंखों में धूल झोंकने वाला प्रयास बताया है. इधर कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने लोक गायक पवन सेमवाल की गिरफ्तारी और जमानत मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
गणेश गोदियाल ने सरकार को घेरा: गणेश गोदियाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि हाल ही में लोक गायक पवन सेमवाल ने मुख्यमंत्री पर एक लोकगीत प्रस्तुत किया था, जिसमें प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार बेरोजगारी, महिला अत्याचार, अव्यवस्था खनन और भू माफियाओं को संरक्षण जैसी कई सच्चाइयों को उजागर किया गया. लेकिन जैसे ही एक गीत सामने आया, तभी सरकार के नुमाइंदों और पुलिस ने मिलकर उभरते हुए लोक कलाकार को गिरफ्तार कर लिया. रात को इस व्यक्ति की खोजबीन की गई और उसे पुलिस स्टेशन लाया गया. रात भर लोक गायक को पुलिस स्टेशन में रखा गया.
विजिलेंस को फ्री हैंड देने पर भड़की कांग्रेस (Video-ETV Bharat)
लोक गायक का उठाया मामला: सेमवाल को वहां इस बात के लिए मजबूर किया गया कि वह सोशल मीडिया में तथाकथित गीत को डिलीट करें. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर यह स्थिति क्यों आई. गणेश गोदियाल ने कहा कि कोई भी कलाकार यदि अपनी लेखनी और कला के माध्यम से अपनी आवाज उठा रहा है तो उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. यह सब का अधिकार बनता है कि लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत जाने वाली सरकार को ऐसा करने से रोका जाए. गणेश गोदियाल ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि बीते 1 महीने से प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में सरकार को कई बार कोर्ट में मुहं की खानी पड़ी है. ऐसे में स्वाभाविक है कि सरकार की मंशा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
आधे मंत्री और अधिकारी होते सलाखों के पीछे: वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के विजिलेंस को कार्रवाई की खुली छूट दिए जाने वाले बयान पर भी पलटवार किया है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष (संगठन प्रशासन) सूर्यकांत धस्माना ने कटाक्ष किया कि बीते साढ़े आठ सालों से धामी सरकार ने विजिलेंस के हाथ बांधकर क्यों रखे हुए थी. उन्होंने कहा कि इन साढ़े आठ सालों में शराब की दुकानों पर लगातार ओवररेटिंग होती रही, लेकिन कोई विजिलेंस जांच नहीं हुई. उसी तरह प्रदेश में खनन माफिया हावी रहे, लेकिन विजिलेंस ने उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि आज समूचा प्रदेश भ्रष्टाचार में लिप्त हो रखा है. अगर विजिलेंस को धामी सरकार अपने कार्यकाल में फ्री हैंड पहले ही दी होती तो भाजपा के आधे मंत्री, सचिव व अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण जेल की सलाखों के पीछे होते.
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