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बड़ा बदलाव: अब मत करिए रिटायरमेंट का इंतजार, 10 साल बाद जब मन करे तब निकालें PF का पूरा पैसा!


नई दिल्ली: केंद्र जल्द ही ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) खातों से पैसे निकालने के नियमों में बड़ा बदलाव कर सकता है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेवानिवृत्ति निधि निकाय ने एक प्रस्ताव पेश किया है जिसमें सुझाव दिया गया है कि ईपीएफओ सदस्यों को हर 10 साल में एक बार अपनी पूरी राशि या उसका कुछ हिस्सा निकालने की अनुमति दी जाए.

अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो इससे संगठित निजी क्षेत्र में कार्यरत 7 करोड़ से ज्यादा सक्रिय ईपीएफओ सदस्यों को राहत मिलेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद सदस्यों द्वारा पैसे निकासी के नियमों को आसान बनाने पर विचार कर रही है.

ऐसा क्यों किया जा रहा है?
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस पर उन लोगों की मदद के लिए विचार किया जा रहा है जो जल्दी रिटायर होना चाहते हैं और उन्हें आधिकारिक सेवानिवृत्ति की 58 साल की उम्र तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है. यानी अब अगर कोई व्यक्ति जल्दी रिटायर होना चाहता है या किसी मजबूरी की वजह से नौकरी छोड़ता है, तो उसे अपनी मेहनत की कमाई- ईपीएफ फंड निकालने के लिए 58 साल की उम्र तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

ईपीएफ निकासी नियमों में बदलाव क्यों जरूरी है?
अभी तक, ईपीएफ से पूरी राशि तभी निकाली जा सकती थी जब कोई कर्मचारी 58 साल की उम्र में रिटायर हो या नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद भी बेरोजगार रहे. लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो 35-40 की उम्र में करियर बदलना चाहते हैं या किसी वजह से नियमित नौकरी नहीं कर पाते.

ईपीएफओ योजना में ढील
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (ईडीएलआई) योजना के ग्राहकों के लिए आसान मानदंडों को नोटिफाई किया. अधिसूचना के अनुसार कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में लाभार्थी परिवार न्यूनतम 50,000 रुपये के आश्वासन लाभ के लिए पात्र होगा. भले ही कर्मचारी का औसत भविष्य निधि शेष 50,000 रुपये से कम हो.

इसके अलावा योजना के तहत देय न्यूनतम आश्वासन लाभ की पात्रता के लिए आवश्यक 12 महीने की निरंतर अवधि निर्धारित करने के उद्देश्य से दो बार नौकरी करने के बीच 60 दिनों तक के अंतराल को नजरअंदाज कर दिया जाएगा और ऐसी कई सेवाओं को जोड़ा जाएगा, जिन्हें निरंतर सेवा माना जाएगा.

इसमें कहा गया है कि अगर कोई कर्मचारी, जो निधि या अधिनियम की धारा 17 के तहत छूट प्राप्त भविष्य निधि का सदस्य है. नियोक्ता के रोल पर रहते हुए अंतिम अंशदान प्राप्त होने के छह महीने के भीतर सेवा में मर जाता है, तो ऐसे कर्मचारी को योजना के अनुसार आश्वासन लाभ मिलेगा.

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