नई दिल्ली: ईपीएफओ सदस्य अब पीएफ खाता खोलने के केवल 3 साल बाद ही अपने पीएफ के पैसे से घर खरीद सकते हैं. पहले इस नियम के तहत 5 साल बाद ही निकासी की अनुमति थी. ईपीएफ योजना 1952 में एक नया नियम पैरा 68-बीडी, जोड़ा गया है. इस नियम के तहत, सदस्य अपने पीएफ खाते में जमा राशि का 90 फीसदी तक निकाल सकते हैं. इस राशि का उपयोग घर के डाउन पेमेंट या ईएमआई के लिए किया जा सकता है.
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) नियमों में सरकार ने हाल ही में किए गए बदलाव, खासकर उन वेतनभोगी लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं जो पहली बार घर खरीदना चाहते हैं. लेकिन डाउन पेमेंट का इंतजाम करने में उन्हें दिक्कत आ रही है. अब कर्मचारी डाउन पेमेंट के लिए अपने PF खाते से पैसे निकाल सकेंगे, जिससे घर खरीदने की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगी.
घर खरीदने वालों के लिए नए पीएफ निकासी नियम
अब, ईपीएफओ सदस्य अपने ईपीएफ खाता खोलने के 3 साल बाद अपनी आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इस निधि का उपयोग कर सकते हैं. ईपीएफ योजना, 1952 में नए जोड़े गए पैरा 68-बीडी के अनुसार, ईपीएफओ सदस्य ईपीएफओ खाते में जमा राशि का 90 फीसदी तक निकाल सकते हैं. इस 90 फीसदी निकासी राशि का उपयोग डाउन पेमेंट या ईएमआई भुगतान, या नए घर के निर्माण के लिए किया जा सकता है.
इससे पहले ईपीएफओ सदस्य के रूप में 5 साल पूरे होने के बाद ही पैसे निकालने की अनुमति थी. अधिकतम निकासी सीमा की गणना कर्मचारी और नियोक्ता के 36 महीनों के कुल योगदान के साथ-साथ ब्याज राशि या संपत्ति की लागत, जो भी कम हो, के आधार पर की जाती थी. इस नियम के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी आवास योजना का सदस्य है, तो उसे भी धनराशि निकालने की अनुमति नहीं थी.
ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 68-बीडी के तहत नियमों में बदलाव के साथ, ईपीएफओ अंशधारकों के पास अब अपनी धनराशि का उपयोग करने के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध हैं. नए नियम में सबसे बड़ा बदलाव नई समय सीमा (खाता खोलने से) है – जिससे खाता खोलने के 3 साल बाद पैसे निकालने की अनुमति मिलती है. हालांकि, घर खरीदने के लिए निकासी की सुविधा सदस्य को जीवन में केवल एक बार ही दी जाती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से न केवल रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ेगी, बल्कि मध्यम वर्ग के लिए अपने सपनों के घर को हकीकत में बदलने का रास्ता भी खुलेगा.