देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व दौरे के दौरान सुरक्षा में चूक का मामला अब भी गर्म है. मामले की जांच भी पूरी हो चुकी है. जांच रिपोर्ट के बाद तीन कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया है.
इस मामले में जहां पूर्व में वाहन चालक को निलंबित कर दिया गया तो वहीं अब तीन अन्य कर्मचारियों पर भी गाज गिराई गई है. बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा जैसे गंभीर मामले में उच्च स्तर के किसी भी अधिकारी की जिम्मेदारी नहीं मानी गई है.
कॉर्बेट में सीएम धामी की सुरक्षा में चूक मामला (ETV Bharat)
मुख्यमंत्री की सुरक्षा चूक प्रकरण को लेकर प्रमुख वन संरक्षक हॉफ ने जांच के आदेश दिए थे और यह जांच पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ रंजन कुमार मिश्रा को सौंप गई थी. हालांकि यह पहले ही स्पष्ट था कि नियमों का उल्लंघन किया गया था और इसके कारण मुख्यमंत्री की सुरक्षा के साथ भी लापरवाही बरती गई थी. इसके बावजूद इस मामले की जांच करवाते हुए किस स्तर पर गलती की गई है, इसकी रिपोर्ट मांगी गई थी.
इस अवसर पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत वन विभाग की टीम, स्थानीय समुदाय और पर्यावरण प्रेमियों के सहयोग से 1000 से अधिक पेड़ों का सामूहिक रोपण किया गया। यह केवल एक पेड़ लगाने की क्रिया नहीं बल्कि प्रकृति और मातृत्व के प्रति सम्मान का भावपूर्ण प्रतीक है। साथ ही वन विभाग की… pic.twitter.com/XMxhuzpQYH
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 6, 2025
पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ रंजन कुमार मिश्रा ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक के इस प्रकरण पर जांच पूरी कर दी है और अपनी रिपोर्ट प्रमुख वन संरक्षक हाफ को दे दी है. वन विभाग ने जिन तीन कर्मचारियों को मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक के लिए दोषी पाया है, उनमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और प्रधान सहायक के नाम शामिल है. जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद इन तीनों को ही निलंबित कर दिया गया है.
इससे पहले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक ने गाड़ी के वाहन चालक उमर को निलंबित किया था. बता दें कि बीते दिनों सीएम धामी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व रामनगर में गए थे. इस दौरान वन विभाग के जिस वाहन में सीएम धामी को बैठाकर घुमाया गया था, उसका फिटनेस दो साल पहले ही खत्म हो चुका था.
बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व में वाहन दुर्घटना प्रकरण पर भी 6 कर्मचारियों की मौत के बावजूद ऐसे ही अब तक किसी की जिम्मेदारी नहीं तय की गई है. खासतौर पर किसी बड़े अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं हो पाई है. उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस प्रकरण को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं.
पढ़ें—