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मिसाल: दिव्यांग पति को कांधे पर बैठाकर लाई कांवड़ मेला, स्वस्थ होने की कर रही कामना


हरिद्वार (सुमेश खत्री): जहां एक ओर इंदौर में राजा रघुवंशी हत्याकांड और मेरठ में सौरभ हत्याकांड जैसी डरावनी घटनाएं हुई, वहीं दूसरी और पति-पति के अटूट रिश्ते और समर्पण की एक खूबसूरत तस्वीर कांवड़ मेले से सामने आई है. यहां यूपी मोदीनगर की रहने वाली आशा अपने दिव्यांग पति के स्वस्थ होने के लिए कांधे पर उठाकर कांवड़ लेने पहुंची हैं. आशा और सचिन के साथ उनके दो बच्चे भी इस यात्रा में शामिल हैं. वहीं कांवड़ यात्रा में आशा और सचिन की जोड़ी ने सबका दिल जीत लिया है.

दिव्यांग पति को लेकर कांवड़ लेने पहुंची पत्नी: यूपी मोदीनगर की आशा ने अपने दिव्यांग पति सचिन को कांधों पर बिठाकर 170 किलोमीटर का लंबा सफर तय कांवड़ लेने हरिद्वार पहुंची हैं. आशा ने हरिद्वार पहुंच कर सावन के पहले सोमवार पर कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की. आशा ने बताया कि पहले उन्होंने हरकी पैड़ी से गंगाजल भरा, जिसके बाद उनके पति सचिन ने दक्षेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने व जल चढ़ाने की इच्छा जाहिर की.

दिव्यांग पति को कांधे पर लेकर चल रही पत्नी (Photo-ETV Bharat)

पति के स्वस्थ होने की कामना: दोनों दंपति जिसके बाद दक्षेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे और जहां उन्होंने दर्शन व पूजन किया. यहीं से उनकी कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है. आशा ने आगे बताया कि उसकी शादी 10 साल पहले सचिन से हुई, दोनों का जीवन खुशी से बीत रहा था. लेकिन 1 साल पहले उनके पति की कोई नस दबने के कारण सचिन दिव्यांग हो गया, लेकिन आशा ने हार नहीं मानी और पति और बच्चों का ध्यान रखने लगी. आशा ने बताया कि सचिन दिव्यांग होने से पहल हर साल कांवड़ यात्रा पर आया करते थे. इसलिए मैंने उन्हें कांवड़ यात्रा करानी की सोची और भगवान भोलेनाथ से पति के स्वस्थ होने की कामना की.

UP Modinagar couple Kanwar fair

पत्नी दिव्यांग पति के स्वस्थ होने की कर रही कामना (Photo-ETV Bharat)

हर साल कांवड़ लेने पहुंचता था सचिन: आशा के पति सचिन ने कहा कि भगवान किस्मत वालों को ही ऐसी पत्नी देता है. मैंने कुछ अच्छे कर्म किए होंगे, तभी जाकर मुझे ऐसी पत्नी मिली है, जो मेरे मुझे और बच्चों को भी संभाल रही है. मैं हर साल कांवड़ यात्रा किया करता था, पिछले साल अचानक नस दबने से मेरा चलना-फिरना मुश्किल हो गया. जिसके बाद मेरी पत्नी ने इस साल मुझे कांवड़ यात्रा कराई है. मैं भगवान भोलेनाथ से कामना करना हूं कि वो मेरे परिवार को पहले की तरह सुख-समृद्धि दें. वहीं हरिद्वार में आशा और सचिन की ये जोड़ी चर्चा का विषय बन गई है.

कांवड़ में अलग-अलग रंग: 11 जुलाई से शुरू कांवड़ मेले में अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. रोजाना सैकड़ों की तादाद में कांवड़िए हरिद्वार पहुंच रहे हैं और हरकी पैड़ी से जलकर भरकर अपने-अपने शिवालयों की ओर जा रहे हैं.

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