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8th Pay Commission: शहरों के हिसाब से कितना बढ़ेगा HRA, बेसिक सैलरी के साथ इन भत्तों में भी होगा इजाफा ?


नई दिल्ली: जब भी कोई कर्मतारी 8वें वेतन आयोग की बात करता है, तो उसका ध्यान सिर्फ फिटमेंट फैक्टर और बेसिक सैलरी पर ही होता है, जबकि महीने की सैलरी का हिसाब सिर्फ बेसिक सैलरी से पूरा नहीं होता. असली ‘टेक-होम’ सैलरी में कई भत्ते शामिल होते हैं. ऐसे में 8वें वेतन आयोग के तहत बेसिक सैलरी के साथ-साथ इन भत्तों के नियमों में भी बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं.

मीडियाा रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार नए वेतन आयोग में हाउस रेंट अलाउंस (HRA), मेडिकल अलाउंस और यात्रा भत्ते के मौजूदा स्ट्रक्चर को बढ़ती महंगाई के हिसाब से फिर से तैयार कर सकती है. अगर ऐसा होता है यह बदलाव लाखों कर्मचारियों के लिए दोगुना खुशी लेकर आएगा. तो चलिए अहब आपको बताते हैं कि 8वें वेतन आयोग में क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं और इसका आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा.

हाउस रेंट अलाउंस
सरकार अपने कर्मचारियों को किराए के घर में रहने के लिए, जो भत्ता देती है, उसे मकान किराया भत्ता यानी HRA कहा जाता है. गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग ने शहरों को उनकी आबादी के हिसाब से तीन कैटेगरी में बांटा था. इनमें मेट्रो, बडे़ शहर और छोटे शहर शामिल हैं.

7वें वेतन आयोग का नियम क्या था?
जब 1 जनवरी 2016 को 7वां वेतन आयोग लागू हुआ, तो HRA दरें मेट्रो शहर के लिए बेसिक सैलरी का 24 प्रतिशत, बड़े शहर के लिए बेसिक सैलरी का 16 फीसदी और छोटे शहरों के लिए बेसिक सैलरी का 8 पर्सेंट थीं.

इसमें नियम भी शामिल था कि जब महंगाई भत्ता 25 प्रतिशत को पार करेगा तो दरें 27, 18, 9 पर्सेंट हो जाएंगी. इसी तरह DA 50 प्रतिशत को पार करेगा तो HRA के दरें 30, 20, 10 फीसदी हो जाएंगी.

8वें वेतन आयोग में HRA दरें होंगी रीसेट
ऐसा माना जा रहा है कि जैसे ही 8वें वेतन आयोग में DA शून्य हो जाएगा. वैसे ही HRA की दरें भी अपने मूल बेस रेट यानी 24, 16, और 8 प्रतिशत पर वापस आ जाएंगी. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि HRA की गणना नई और बढ़ी हुई बेसिक सैलरी पर होगी.\

उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 35,400 रुपये है और वह मेट्रो सिटी में रहता हैं. तो फिलहाल उसका HRA 30 प्रतिशत की दर से 10,620 होगा. ऐसे मेंअगर 8वें वेतन आयोग में आपकी बेसिक सैलरी बढ़कर 90,000 हो जाती है. तो इस पर 24 प्रतिशत की दर के आधार पर आपका नया HRA 21,600 रुपये होगा.

मेडिकल भत्ता में बदलाव
7वें वेतन आयोग ने ज्यादातर कर्मचारियों के लिए फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस खत्म कर दिया था और उसकी जगह CGHS हेल्थ स्कीम शुरू कर दी था.हालांकि, जो पेंशनर्स CGHS के दायरे में नहीं आते, उन्हें एक फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस मिलता है.मौजूदा समय में पेंशनर्स को फिलहाल 1000 रुपये प्रति महीना फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस (FMA) मिलता है.

2017 से अब तक दवाइयों और डॉक्टर की फीस में भारी बढ़ोतरी हुई है. इसे देखते हुए माना जा रहा है कि 8वां वेतन आयोग पेंशनर्स के लिए फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस को 1000 रुपये से बढ़ाकर कम से कम 2000 प्रति माह कर सकता है.

बढ़ेगा यात्रा भत्ता
कर्मचारियों को उनके घर से ऑफिस आने-जाने के लिए यात्रा भत्ता दिया जाता है. मौजूदा समय में जब भी DA बढ़ता है, तो TA की कुल राशि पर भी उसका असर पड़ता है. ऐसे में आठवें वेतन आयोग में भी इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद है. अगर 8वें वेतन आयोग में मौजूदा DA को बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा, तो ट्रैवल अलाउंसका कैलकुलेशन पूरी तरह से बदल जाएगा.

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