वन विभाग में अफसरों की कमी (Photo- ETV Bharat)
देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में नए मुखिया की ताजपोशी एक नई चिंता को पैदा कर रही है. दरअसल वन विभाग के पास पीसीसीएफ यानी सबसे ऊंची रैंक के अधिकारियों का जबरदस्त टोटा हो गया है. लगातार हो रही सेवानिवृत्ति के चलते इस रैंक के अधिकारी महकमे में बेहद कम रह गए हैं. जबकि आने वाले महीनों में ये दिक्कत और भी बढ़ने जा रही है. ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.
नए मुखिया की ताजपोशी के साथ ही बढ़ी वन विभाग की मुश्किलें: करीब 71 प्रतिशत वन क्षेत्र वाले उत्तराखंड में भारतीय वन सेवा के अफसरों का टोटा बना हुआ है. हालात ये हैं कि महकमे में टॉप रैंक के अफसरों की कमी दिखाई देने लगी है. जबकि आने वाले महीनों में ये कमी और भी ज्यादा बढ़ने वाली है. खास बात ये है कि खुद विभाग के अफसर और मंत्री भी अधिकारियों की इस कमी को चिंताजनक मानकर इसपर रास्ता निकालने की बात कहते दिख रहे हैं.
वन विभाग में अफसरों की कमी (Video- ETV Bharat)
प्रतिनियुक्ति और रिटायरमेंट ने बढ़ाई मुश्किल: फिलहाल विभाग के पास 5 PCCF स्तर के अधिकारी हैं. इनमें से 2 अधिकारी राज्य प्रतिनियुक्ति पर ही विभाग से बाहर हैं. जबकि अगले 24 दिन में बीपी गुप्ता की सेवानिवृत्ति के बाद इनकी संख्या 4 ही रह जाएगी. उधर करीब 7 महीने में प्रमुख वन संरक्षक हॉफ रंजन कुमार मिश्र भी रिटायर हो जाएंगे. फिर PCCF रैंक के 3 ही अफसर होंगे. इनमें कपिल लाल, नीना ग्रेवाल और एसपी सुबुद्धि शामिल हैं.
प्रतिनियुक्ति पर हैं इतने वन अधिकारी: खास बात यह है कि इसके बाद एपीसीसीएफ रैंक के भी राज्य में 6 ही अधिकारी हैं. इनमें से 3 अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर राज्य से बाहर हैं. यानी इस रैंक के भी प्रदेश में फिलहाल तीन ही अधिकारी मौजूद हैं. हालांकि इसके बाद प्रदेश में सीसीएफ रैंक के अधिकारियों की अच्छी खासी संख्या है. फिलहाल कुल 9 CCF स्टाफ के अधिकारी हैं. इनमें से 2 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. एक अधिकारी राज्य प्रतिनियुक्ति पर विभाग से बाहर तैनात हैं. वैसे 2 CCF जल्द विभाग को प्रमोशन के बाद मिलने वाले हैं.
जल्द दो सीएफ वन विभाग को मिलेंगे: इसके बाद CF रैंक के भी राज्य में काफी अधिकारी हैं. हालांकि यहां भी कई अधिकारियों के केंद्रीय और राज्य प्रतिनियुक्ति पर होने के कारण समीकरण बिगड़े हुए हैं. लेकिन यहां जल्द दो स्थाई CF विभाग को मिलने जा रहे हैं.
डीएफओ की भी कमी: राज्य में डीएफओ स्तर पर भी अधिकारियों की कमी दिखाई देती है. वन विभाग के लिहाज से यह पद फील्ड पोस्टिंग में सबसे अहम माना जाता है. प्रदेश में ऐसी कई डिवीजन हैं, जहां अधिकारियों को दोहरे चार्ज देने पड़ रहे हैं या प्रभारी व्यवस्था पर डिवीजन में डीएफओ तैनात करने पड़ रहे हैं.
मंत्री ने कहा अलग फॉर्मूला निकालेंगे: इस मामले में वन मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि-
प्रदेश में अधिकारियों की कमी चिंताजनक है. वन विभाग में कई पदों पर अधिकारी तैनात करने के लिए उनकी कमी दिखाई देती है. हालांकि इसके लिए भी अलग फॉर्मूला निकाल कर अधिकारियों की तैनाती की जाएगी.
-सुबोध उनियाल, वन मंत्री, उत्तराखंड-
6 पीसीसीएफ स्तर के अफसर हो चुके रिटायर: फिलहाल वन विभाग से पिछले कुछ समय में ही कई अधिकारी सेवानिवृत हुए हैं. यहां से विभाग में अधिकारियों की कमी का सिलसिला और भी बढ़ता हुआ दिखाई दिया है. पिछले 1 साल से डेढ़ साल में ही करीब 6 PCCF स्तर के अधिकारी रिटायर हो चुके हैं, जहां से महकमे में इस रैंक पर कमी बढ़ी है.
प्रमुख वन संरक्षक को है ये विश्वास: प्रमुख वन संरक्षक रंजन कुमार मिश्रा भी विभाग में अधिकारियों की कमी होने की बात कहते हुए नजर आते हैं. हालांकि वह कहते हैं कि विभाग के पास बेहद जिम्मेदारी और काबिल अधिकारी हैं. ऐसे में महकमे में मौजूद विभिन्न पदों पर इनकी बेहतर तरीके से तैनाती की जाएगी.
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