नई दिल्ली: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने हमारी डेली लाइफ को बहुत आसान बना दिया है. यूपीआई की मदद से हम न सिर्फ ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, बल्कि अपनी मासिक सेवाओं के बिल भी UPI के जरिए आसानी से चुका सकते हैं. इतना ही नहीं आज पान की दुकान से लेकर किराने के सामान का पेमेंट करने तक के लिए यूपीआई का इस्तेमाल हो रहा है.
ऐसे में अगर आप भी यूपीआई पेमेंट करते हैं और फोनपे, गूगल पे या पेटीएम जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है. दरअसल, 20 दिन बाद नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) यूपीआई से जुड़े नए नियम लागू करने जा रहा है.
यह नियम नियम UPI ट्रांजेक्शन के तरीके को बदल सकते है. नए नियमों का उद्देश्य UPI सिस्टम को फास्ट, सिक्योर और अधिक भरोसेमंद बनाना है. साथ ही इन बदलावों से UPI सर्वर पर लोड को कम होगा और बार-बार होने वाले आउटेज जैसी समस्याओं से भी राहत मिलेगी.
कब और क्या होंगे बदलाव ?
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यूपीआई से जुड़े जिन बदलावों को लागू करने जा रहा है, उनमें बैलेंस चेक लिमिट, लिंक अकाउंट की जानकारी, ऑटोपे पेमेंट के लिए समय स्लॉट और UPI लेनदेन स्टेटस चेक पर लिमिट शामिल है.
UPI लेनदेन स्टेटस चेक पर लगेगी लिमिट
अगर आप किसी को पेमेंट करते हैं और आपका पेमेंट अटक जाता है, तो नए नियमानुसार अब आप इसका स्टेटस सिर्फ तीन बार ही चेक कर पाएंगे और हर चेक के बीच कम से कम 90 सेकंड का गैप जरूरी होगा.
ऑटोपे पेमेंट को लेकर बदलाव
अब सब्सक्रिप्शन-बेस्ड ऑटो डेबिट केवल नॉन-पीक टाइम के दौरान ही प्रोसेस किए जाएंगे. यह समय सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच, और रात 9 बजकर 30 मिनट के बाद होगा.
लिंक्ड अकाउंट की जानकारी
इतना ही नहीं आपका मोबाइल नंबर किन बैंक अकाउंट से जुड़ा है, इसकी जानकारी भी अब आप दिन में केवल 25 बार ही देख सकेंगे.
बार-बार चेक नहीं कर पाएंगे बैलेंस
इसके अलावा NPCI बैलेंस चेक करने पर भी लिमिट लगाने जा रहा है. नए नियम लागू होने के बाद आप प्रति UPI ऐप दिन में सिर्फ 50 बार ही अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर पाएंगे.
क्या है बदलाव का उद्देश्य?
बता दें कि देशभर में हर महीने लगभग 16 बिलियन ट्रांजेक्शन यूपीआई के जरिए होते हैं. ऐसे में सर्वर पर भार बढ़ रहा है. अप्रैल और मई में बार-बार UPI सर्वर में आउटेज की शिकायतें आईं, जिससे लाखों यूजर्स प्रभावित हुए.
NPCI का मानना है कि ज्यादातर समस्याएं हर 2 मिनट में बैलेंस चेक करने या एक ही लेनदेन को बार-बार रिफ्रेश करने से हुई थीं. ऐसे में नया नियम इन अनावश्यक कॉलों को रोकेगा, जिससे सिस्टम अधिक तेज, सुगम और विश्वसनीय बनेगा.
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