सख्त कानून-कड़ी सुरक्षा, फिर क्यों नकल की राह पर युवा? (PHOTO- ETV Bharat)
किरणकांत शर्मा
देहरादून: उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक जैसे मामले हमेशा चर्चाओं में रहते हैं. हाल ही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) का पेपर लीक मामला इतना उछला कि, सरकार के भी माथे पर भी बल पड़ गया. आलम ये रहा कि सड़क से सदन तक मामला गूंजा और सरकार को सीबीआई जांच के लिए हां कहनी पड़ी.
हैरानी की बात ये है कि इन नकल और पेपर लीक के मामलों पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड की धामी सरकार ही सख्त नकलरोधी कानून लाई. इसमें दोषियों पर ₹10 करोड़ तक का जुर्माना और आजीवन कारावास समेत कई प्रावधान शामिल हैं. लेकिन इतने सख्त नकलरोधी कानून के बाद भी भर्ती परीक्षाओं में बैठने वाले ‘मुन्ना भाइयों’ को किसी तरह का कोई डर नहीं है. शायद यही कारण है कि राज्य में आयोजित हो रही अलग-अलग परीक्षाओं में कई ‘मुन्ना भाई’ सामने आ रहे हैं, जो मोबाइल और ब्लूटूथ के जरिए अभी भी नकल करने की कोशिश कर रहे हैं.

उत्तराखंड नकल विरोधी कानून (PHOTO-ETV Bharat)
मंगलवार को देहरादून से पकड़ा गया आरोपी: देहरादून में मंगलवार 2 दिसंबर को पटेल नगर क्षेत्र परीक्षा केंद्र में आयोजित रेलवे भर्ती बोर्ड की कंप्यूटर आधारित परीक्षा के दौरान एक परीक्षार्थी को पकड़ा. ये परीक्षार्थी एक खास मैसेंजर के माध्यम से परीक्षा के सवाल सॉल्व कर रहा था. पुलिस पूछताछ में परीक्षार्थी ने बताया कि उसने हरियाणा के किसी व्यक्ति से परीक्षा के लिए चार लाख रुपए में डील की थी. तलाशी में उसके पास से एक पर्ची भी बरामद हुई. उसने यह भी बताया है कि परीक्षा केंद्र के पास ही तीन लोग उसे एक खास मैसेंजर के माध्यम से सवालों के जवाब बताने के लिए आए थे, लेकिन परीक्षा से पहले ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

परीक्षा नकल मामलों में गिरफ्तारी (PHOTO-ETV Bharat)
अब पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है. साथ ही उस व्यक्ति की खोज कर रही है जो संगठित गिरोह चलाकर पैसे लेकर परीक्षा पास करवाने की गारंटी दे रहा था. पुलिस ने आरोपी के पास से एक मोबाइल भी बरामद किया है. पकड़ा गया आरोपी 22 वर्षीय विवेक निवासी दादरी हरियाणा का रहने वाला है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ तीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
कुमाऊं में छात्रा कर रही थी नकल: उत्तराखंड में यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह कई नकलची नकल करते हुए पकड़े गए हैं. मंगलवार को ही उत्तराखंड के कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में विषम सेमेस्टर (Odd Semester) की परीक्षा के दौरान एक छात्रा मोबाइल से नकल करते हुए पकड़ी गई.
परीक्षा प्रभारी डॉ. दीपक कुमार के मुताबिक, परीक्षा दो शिफ्ट में आयोजित हो रही थी. परीक्षा के दौरान बीएससी की एक छात्रा अपने साथ मोबाइल फोन रखकर लाई और उसके बाद परीक्षा में मोबाइल से ही नकल कर रही थी. लेकिन तभी उसे पकड़ लिया गया. छात्रा का मोबाइल तुरंत जब्त किया गया. हालांकि, अभी इस मामले में पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. लेकिन कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर कार्रवाई करने का मन बना रहा है.

18 नवंबर को देहरादून में आयोजित एसएससी ग्रुप बी परीक्षा में दीपक ब्लूटूथ के जरिए परीक्षा देते गिरफ्तार (PHOTO-ETV Bharat)
पिछले महीने भी देहरादून में पकड़ा गया था आरोपी: ऐसा ही एक और मामला 18 नवंबर को देहरादून से सामने आया था, जब एसएससी की ग्रुप बी की परीक्षा चल रही थी. उस दौरान परीक्षा में तैनात स्टाफ ने एक परीक्षार्थी दीपक को कान में ब्लूटूथ लगा कर परीक्षा देते हुए पकड़ा. पकड़ा गया यह आरोपी भी हरियाणा का रहने वाला था. परीक्षा स्टाफ ने पुलिस को बताया कि परीक्षा सुबह 10 बजे से लेकर 11 बजे तक थी. इसमें सुबह 8:30 बजे तक परीक्षार्थी को क्लासरूम में आना था.

2 दिसंबर को आयोजित रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा में देहरादून से हरियाणा का विवेक गिरफ्तार (PHOTO-ETV Bharat)
परीक्षा शुरू हुई और हरियाणा का रहने वाला दीपक अचानक बाथरूम जाने के बहाने बाहर निकल गया. जब वह वापस आया तो उसके पास एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिली. जब पुलिस ने दीपक से पूछताछ की तो पता चला कि परीक्षा केंद्र में ही सपोर्टिंग स्टाफ कर्मी लकी सिंह ने दीपक को नकल करने के लिए ब्लूटूथ डिवाइस उपलब्ध कराई थी. पुलिस ने दीपक को मौके से ही गिरफ्तार किया, लेकिन उसका साथी लकी फरार हो गया.
UKSSSC पेपर लीक केस: इसी तरह का एक मामला 21 सितंबर 2025 को यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित कराई गई परीक्षा में भी सामने आया था. आरोप है कि परीक्षा के आधे घंटे बाद ही प्रश्न पत्र के कुछ पन्ने परीक्षा केंद्र से बाहर लीक और सोशल मीडिया पर जमकर शेयर हुए. इस मामले में एसआईटी ने मुख्य आरोपी खालिद, उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया. मामले पर युवाओं के हंगामे पर सीएम धामी ने सीबीआई को जांच के लिए संस्तुति की. अब मामले में सीबीआई ने 28 नवंबर को असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को गिरफ्तार किया. सुमन पर आरोप है कि लीक पेपर के प्रश्न पत्रों को हल करने में मदद की थी.
एक साथ पकड़े गए 9 लोग: 4 अगस्त 2025 को नैनीताल पुलिस ने 9 लोगों को भर्ती परीक्षा में नकल से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया. ये सभी 9 लोग उत्तर प्रदेश और हरियाणा के रहने वाले थे. उनके पास से पुलिस ने दो लैपटॉप और कई मोबाइल फोन के साथ-साथ परीक्षा से जुड़े कुछ कागजात भी बरामद किए थे. नैनीताल पुलिस ने इन आरोपियों को कुछ दिन बाद होने वाली एसएससी की परीक्षा से पहले गिरफ्तार किया था. इन 9 लोगों को पुलिस ने होटल से गिरफ्तार किया था.
बताया जा रहा था कि यह लोग हल्द्वानी में रहकर परीक्षा में सेंधमारी और परीक्षार्थियों से मोटे पैसे लेकर उन्हें पास करवाने के लिए नकल की तैयारी कर रहे थे. सभी एक दूसरे के जानकार थे. इन आरोपियों की पहचान सुनील कुमार, परविंदर कुमार निवासी बागपत, रमाकांत निवासी बुलंदशहर, अभिषेक कुमार निवासी हाथरस, विशाल गिरी निवासी बहादराबाद हरिद्वार, आफताब खान निवासी मुजफ्फरनगर, अरुण कुमार निवासी मुजफ्फरनगर, शिव सिंह निवासी हाथरस और जसवीर सिंह निवासी जींद हरियाणा से रूप में हुई.
पुलिस पूछताछ ने आरोपियों ने बताया कि वह सभी पैसों की तंगी से जूझ रहे थे. तभी उन्होंने परीक्षा में बैठने वाले छात्रों से संपर्क करके उनके सवालों के जवाब देकर उन्हें पास करवाने का प्लान बनाया था. लेकिन उनके मंसूबे कामयाब होने से पहले ही नैनीताल पुलिस ने उन्हें होटल से गिरफ्तार कर लिया था.
पुलिस ने कहा- जिंदगी ना करें बर्बाद:
उत्तराखंड में नकलरोधी कानून लागू है. लगातार भिन्न-भिन्न विभागों की परीक्षा भी आयोजित हो रही है. पुलिस हर एग्जाम सेंटर में बारीकी से नजर रखती है, फिर वो कोई भी परीक्षा क्यों ना हो. देहरादून समेत राज्य के अलग अलग इलाकों में हाल ही के दिनों में कई लोगों को नकल मामले में पकड़ा है. देहरादून में जिन लोगों को पकड़ा है, उनकी गिरफ्तारी परीक्षा शुरू होने से पहले ही हुई है. पुलिस धीरे-धीरे उन लोगों तक पहुंच रही है, जो इन छात्रों को बहला रहे हैं.
– अजय सिंह, एसएसपी देहरादून –
एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने छात्रों से अपील की है कि, सभी छात्रों को ये बात समझनी चाहिए कि एक बार किसी भी मामले में अगर पुलिस की डायरी में उनका नाम चढ़ जाता है तो फिर वो किसी भी परीक्षा के प्रतियोगी नहीं बन सकते. जबकि कठोर सजा भी भुगतनी पड़ेगी. उत्तरकांड नकलरोधी कानून के तहत उन पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाती है.
करता एक है, लेकिन भुगतती पीढ़ी है: उत्तराखंड में बीते दिनों नकल को लेकर काफी हल्ला हुआ. उसके बाद भी नकल करने वाले बाज नहीं आ रहे हैं. एसएमजेएन पीजी कॉलेज हरिद्वार के प्रिंसिपल डॉ. सुनील बत्रा कहते हैं कि,
परीक्षा में बैठने वाले कुछ छात्र सोचते हैं कि वो अलग-अलग माध्यम से नकल कर लेंगे, लेकिन वो भूल जाते हैं कि परीक्षा केंद्रों पर भारी सुरक्षा रहती है. ऐसे में रोजाना अलग-अलग राज्य से इस तरह की खबरें आती हैं. एक बार पकड़े जाने पर सिर्फ छात्र ही दंड नहीं भुगतते, बल्कि उनका परिवार और आगे पीढ़ी भी उन करनी का दंड भुगतते हैं. इसलिए ऐसी किसी भी हरकत को करने से पहले सभी पहलुओं पर सोचना चाहिए.
– डॉ. सुनील बत्रा, प्रिंसिपल, एसएमजेएन पीजी कॉलेज हरिद्वार –
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उत्तराखंड के कठोर नकलरोधी कानून के मुख्य बिंदु:
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