नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का व्यापार शुल्कों पर हमला जारी है. ट्रंप ने एक बार फिर ब्रिक्स समूह की आलोचना की है. ब्रिक्स समूह में भारत भी शामिल है. साथ ही तांबे पर 50 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाला एक प्रमुख उत्पाद है.
भारत को एक ऐसे व्यापार समझौते की उम्मीद है जो इनमें से कुछ शुल्कों को संतुलित कर दे या हटा दे. इस पर कुछ सप्ताह से बातचीत चल रही है. लेकिन ट्रंप ने मंगलवार को यह भी कहा कि फार्मास्यूटिकल्स पर शुल्क 200 फीसदी तक बढ़ सकता है. ट्रंप ने कहा कि टैरिफ को उस स्तर तक ले जाने के लिए वह एक वर्ष तक इंतजार करेंगे.
तांबे पर टैरिफ
भारत ने 2024-25 में वैश्विक स्तर पर 2 अरब डॉलर मूल्य का तांबा और तांबा उत्पादों का निर्यात किया. इसमें से अमेरिकी बाजारों को निर्यात 36 करोड़ डॉलर या 17 फीसदी रहा. व्यापार आंकड़ों के अनुसार, सऊदी अरब (26 फीसदी) और चीन (18 फीसदी) के बाद अमेरिका भारत का तीसरा सबसे बड़ा तांबा निर्यात बाजार है.
लेकिन तांबा एक महत्वपूर्ण खनिज है और इसका ऊर्जा, विनिर्माण और बुनियादी ढांचे सहित सभी क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. नए टैरिफ के बाद अमेरिकी मांग में किसी भी गिरावट का बोझ घरेलू उद्योग द्वारा वहन किए जाने की संभावना है.
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा दवा निर्यात बाजार
फार्मा या दवाइयां भारत के लिए निर्यात का एक प्रमुख क्षेत्र है, जिसके विनिर्माण केंद्र हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना सहित अन्य स्थानों में हैं. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा दवा निर्यात बाजार है. 2024-25 में 9.8 अरब डॉलर का, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 20 फीसदी अधिक है. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के कुल दवा निर्यात में अमेरिका का हिस्सा 40 फीसदी है.
ट्रंप ने ब्रिक्स की फिर आलोचना की
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स के प्रति अपनी नापसंदगी दोहराई. ब्रिक्स में वर्तमान में 11 सदस्य हैं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका मूल सदस्य हैं, साथ ही मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के अलावा इंडोनेशिया भी इसके सदस्य हैं.
ट्रंप ने कहा कि इन देशों को 10 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. ट्रंप ने दावा किया कि इस समूह की स्थापना अमेरिका को नुकसान पहुंचाने और डॉलर को कमजोर करने के लिए की गई है.