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लोकसभा में 9-10 दिसंबर को SIR पर होगी चर्चा, 8 दिसंबर को वंदे मातरम् पर डिबेट


लोकसभा में 9-10 दिसंबर को SIR पर होगी चर्चा, बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल मीटिंग में फैसला (ANI)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने विपक्ष की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर चर्चा की मांग को मान लिया है. मंगलवार को हुई संसद की बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल मीटिंग में फैसला लिया गया कि 9-10 दिसंबर को लोकसभा में एसआईआर और चुनाव सुधारों पर चर्चा होगी. इससे पहले 8 दिसंबर को सदन में वंदे मातरम् पर चर्चा होगी.

रिपोर्ट के मुताबिक, वंदे मातरम पर चर्चा सोमवार 8 दिसंबर को होगी. चर्चा के लिए 10 घंटे तय किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वंदे मातरम् पर चर्चा शुरू करेंगे.

इसके बाद मंगलवार 9 दिसंबर को एसआईआर और चुनाव सुधारों पर चर्चा होगी. एसआईआर पर चर्चा के लिए 10 घंटे तय किए गए हैं. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बुधवार 10 दिसंबर को एसआईआर पर चर्चा का जवाब देंगे.

एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर संसद में गतिरोध बना हुआ है, जिसके कारण संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी सदन की कार्यवाही बाधित रही है. सदन में चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद भवन में अपने चैंबर में फ्लोर नेताओं की बैठक बुलाई थी. फ्लोर लीडर्स की बैठक में यह तय किया गया है कि सदन बुधवार से बिना किसी रुकावट के सामान्य रूप से चलेगा.

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 1 दिसंबर को शुरू हुआ. आज संसद सत्र का दूसरा दिन था. लेकिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष की नारेबाजी के कारण दोनों दिन सदन की कार्यवाही बाधित रही. आज भी लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.

इस बीच, SIR पर विपक्ष के विरोध पर राज्यसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “सरकार चुनाव सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है, विपक्ष को घटनाक्रम (टाइमलाइन) पर जोर नहीं देना चाहिए.” इस पर, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “सदस्यों ने SIR पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया था, और सदन को SIR पर चर्चा शुरू करनी चाहिए.”

इससे पहले दिन में, रिजिजू ने कहा कि वह दोपहर 2 बजे के आसपास लोकसभा में SIR पर बहस की विपक्ष की मांग पर सरकार का रुख साफ करेंगे. उन्होंने हंगामे के बीच कहा, “हमने पहले दिन से कहा कि हमें शांत मन से डिबेट करनी चाहिए. कल हमने विपक्ष की नारेबाजी का विरोध किया था. आज मैं फिर से इसके खिलाफ प्रदर्शन करना चाहता हूं.” उन्होंने कहा, “देश में कई मुद्दे हैं, मैं किसी भी मुद्दे को दूसरे से छोटा नहीं मानता, लेकिन संसद नियमों के हिसाब से चलती है, आप दूसरे मुद्दों को दबा नहीं सकते.” इस दौरान सदन में विपक्षी सांसद “वोट चोर, गड्डी छोड़” के नारे लगाते रहे.

मंगलवार को लोकसभा की कार्रवाई स्थगित होने से पहले, लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजे जाने वाले विधेयकों की लिस्ट पढ़ी, जिन्हें पिछले मॉनसून सत्र में मंजूरी दी गई थी. इनमें मणिपुर (GST) संशोधन बिल, 2025, मणिपुर विनियोग नंबर 2 बिल, 2025, टैक्सेशन लॉ (संशोधन) बिल, 2025, और बिल्स ऑफ लैडिंग बिल, 2025 आदि शामिल थे.

ट्रेजरी बेंच के सांसदों ने अलग-अलग स्थायी समितियों के पेपर्स भी विचार के लिए रखे. सदन ने रबर बोर्ड के लिए दो सदस्यों को चुनने का प्रस्ताव भी पास कर दिया, जिसे वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने पेश किया था. प्रस्ताव बिना किसी आपत्ति के स्वीकार कर लिया गया.

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