नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। चुनावी सुधारों पर चर्चा को लेकर मंगलवार को राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच बहस देखने को मिली। मंगलवार को विपक्ष ने नियम 267 के तहत एसआईआर पर चर्चा कराने पर जोर दिया, जबकि सरकार ने विपक्ष से सदन की निर्धारित कार्यसूची के अनुरूप आगे बढ़ने की अपील की।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में कहा कि सरकार विपक्ष की मांगों को देखते हुए चुनाव सुधारों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन इसे अन्य सभी निर्धारित कार्यों से ऊपर रखने की शर्त स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं खुश हूं कि सभी माननीय सदस्य धैर्यपूर्वक बैठे हैं। सरकार चुनाव सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष यह शर्त न लगाए कि इसे बाकी अन्य सभी संसदीय कार्यों से पहले लिया जाए।”
उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जानी है। पहली बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सरकार ने वंदेमातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा का प्रस्ताव रखा था, और यह चर्चा सूची में शामिल है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव सुधार भी महत्वपूर्ण विषय है, जबकि वंदेमातरम् स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा मुद्दा है। वहीं, कई सदस्य अपने-अपने राज्यों से जुड़े मुद्दे भी उठाना चाहते हैं। इसलिए सभी विषयों को क्रम से लेने देना चाहिए।
उन्होंने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि कृपया यह जोर न दें कि यह चर्चा किसी निश्चित समयसीमा में ही कराई जाए। सरकार तैयार है, लेकिन सदन को सूचीबद्ध कामकाज पूरा करने दीजिए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार की इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि नियम 267 के तहत दिए गए गई नोटिस को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जो भी कार्यसूची सदन के सामने है, उसे एक तरफ रखा जा सकता है। नियम 267 कहता है कि अन्य सभी कामकाज रोककर पहले उसी मुद्दे पर चर्चा कराई जाए जिसके लिए नोटिस दिया गया है। इसलिए हमने 267 के तहत एसआईआर पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। यह विषय जरूरी व त्वरित चर्चा के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यदि इस विषय को प्राथमिकता नहीं देनी होती तो नोटिस देने की आवश्यकता ही क्यों पड़ती?
उन्होंने कहा कि हम बार-बार मांग कर रहे हैं कि एसआईआर पर चर्चा शुरू करने की अनुमति दी जाए। यही कारण रहा कि संसद की कार्यवाही पहले दो बजे तक के लिए स्थगित की गई, लेकिन दो बजे कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी सदन में गतिरोध की स्थिति बनी रही। विपक्ष अपने मुद्दे को पहले उठाने की जिद पर कायम रहा।
डीएमके के त्रिरूची शिवा व सीपीआई एम के जॉन ब्रिटास ने भी तुरंत चर्चा कराए जाने की मांग की। विपक्षी सांसदों ने कहा कि वंदेमातरम् अनिवार्य व आवश्यक विषय है, लेकिन एसआईआर पर चर्चा कराना भी बेहद जरूरी है। वहीं सरकार चाहती है कि पहले सूचीबद्ध कार्य निपटाए जाएं। दोनों पक्षों के बीच सहमति न बन पाने के कारण सदन में शोर-शराबा जारी रहा और कार्यवाही प्रभावित होती रही।
इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया और सदन से वॉकआउट किया। इस बीच मंगलवार को राज्यसभा में मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स विधेयक के दूसरे संशोधन पर चर्चा हुई। यह संशोधन विधेयक सदन में विचार व लौटाए जाने के लिए पेश किया गया था।
–आईएएनएस
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