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सरकार का फोन कंपनियों को आदेश, अब हर नए स्मार्टफोन में होगा Sanchar Saathi App


सरकार ने मोबाइल कंपनियों को आदेश दिया है कि Sanchar Saathi ऐप हर नए फोन में प्रीलोडेड हो और यूजर इसे हटाने का विकल्प न पाए. (फोटो क्रेडिट: ETV Bharat via Nothing, Samsung, and Apple)

हैदराबाद: इंटरनेट वाले आजकल के दौर में लोगों के लिए अपनी बहुत सारी समस्याओं का समाधान ढूंढना काफी आसान हो गया है, लेकिन उसके साथ-साथ लोगों के लिए नई परेशानियां भी पनप गई हैं और उन्हीं में से एक बड़ी परेशानी साइबर सिक्योरिटी है. आजकल फ्रॉड कॉल्स, फर्ज़ी लिंक्स और ऑनलाइन स्कैम्स की संख्या इतनी ज्याजा बढ़ गई है कि आम यूज़र्स हर रोज़ किसी न किसी तरह की समस्या का सामना कर रहा है. भारत सरकार भी लोगों को साइबर सिक्योरिटी की परेशानी से निकालने के लिए लगातार काम कर रही है और इसी कड़ी में सरकार ने एक नया और बड़ा कदम उठाया है. आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.

रायटर्स की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने सभी स्मार्टफोन कंपनियों से कहा है कि वो अपने नए फोन में संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल करके दें और फोन में उस ऐप को हटाने या डिसेबल करने का ऑप्शन भी नहीं होना चाहिए. संचार साथी के बारे में बात करें तो यह भारत सरकार के द्वारा जारी किया गया एक ऐसा ऐप है, जिसके जरिए लोग अपने साथ हुए किसी भी तरह के फ्रॉड, फर्ज़ी कॉल्स या फ्रॉड होने की संभावना की शिकायत कर सकते हैं.

संचार साथी ऐप क्या करता है?

सरकार लगातार अपने इस ऐप को प्रमोट करती है और इसके प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने की कोशिश करती है, लेकिन अभी तक काफी सारे लोगों को इस ऐप के बारे में जानकारी भी नहीं है. इस कारण अब सरकार ने मोबाइल बनाने वाली कंपनियों को ही ऐसा आदेश दिया है कि वो अपने फोन में भारत सरकार के संचार साथी ऐप को पहले ही इंस्टॉल करके लोगों को बेचे और फोन में उस ऐप को हटाने का ऑप्शन भी ना हो, ताकि अगर यूज़र उस ऐप को हटाने की कोशिश भी करें तो वो वैसा नहीं कर पाए. इस ऐप को जनवरी 2025 में लॉन्च किया गया था. शुरुआत में इसे लोगों के लिए एक सरल सिक्योरिटी टूल की तरह लाया गया था, लेकिन इसकी सफलता के बाद सरकार अब इसे हर फोन का पार्ट बनाना चाहती है.

भारत में साइबरक्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. उसके कारण बैंकिंग फ्रॉड, व्हाट्सएप स्कैम और हैकिंग के केस रोज नए रिकॉर्ड्स बना रहे हैं. ऐसे में भारत के संचार मंत्रालय का ऐसा मानना है कि अगर यूज़र्स के फोन में पहले से ही संचार साथी ऐप मौजूद होगा तो वो आसानी से किसी भी धोखाधड़ी की शिकायत कर सकेंगे और चोरी हुए फोन को भी जल्दी ब्लॉक या ट्रैक किया जा सकेगा.

इसके बारे में 28 नवंबर को मंत्रालय ने मोबाइल ब्रांड्स को प्राइवेट तौर पर नोटिस भेजा और साफ कहा कि:

  • ऐप हर नए स्मार्टफोन में प्रीलोडेड होना चाहिए
  • इसे अनइंस्टॉल या डिसेबल नहीं किया जा सकेगा
  • 90 दिनों के अंदर इसे लागू करना होगा
  • जो फोन पहले से बन रहे हैं, उनमें OTA अपडेट के जरिए ऐप डालना होगा

भारत में लोगों यूज़र्स

2024 में काउंटरपॉइंट की रिपोर्ट आई थी कि भारत में करीब 690 मिलियन यानी 69 करोड़ स्मार्टफोन यूजर हैं. इसका मतलब है कि अगर सरकार चाहती है कि ये ऐप हर मोबाइल में पहुंच जाए, तो ऐसा करना स्मार्टफोन कंपनियों के लिए काफी मुश्किल काम होगा. हालांकि, सरकार की प्राथमिकता बिल्कुल साफ है, क्योंकि अभी तक संचार साथी की मदद से सात लाख से ज्यादा खोए हुए फोन रिकवर किए जा चुके हैं. यहां तक कि सिर्फ अक्टूब में ही पचास हजार फोन वापस मिले थे.

Sanchar Saathi में क्या क्या मिलता है?

Sanchar Saathi सिर्फ एक शिकायत वाला ऐप नहीं है. ये कई तरह की सुरक्षा और जागरूकता से जुड़ी सुविधाएं देता है. इसकी सबसे खास फीचर है Chakshu Portal.

फीचर क्या करता है
Chakshu Portal फ्रॉड कॉल, SMS, WhatsApp संदेश की रिपोर्ट
Lost or Stolen Phone Block चोरी या गुम हुआ फोन तुरंत ब्लॉक करने का विकल्प
Nationwide Tracking किसी भी नेटवर्क पर फोन ट्रैक कर सकता है
Mobile Connection Check आपके नाम पर कितने मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हैं, ये दिखाता है
Unwanted Connections Report गलत या अनचाही सिम को रिपोर्ट करने का विकल्प

अगर यह फैसला पूरी तरह लागू हो गया तो साइबर फ्रॉड में कमी आने की संभावना है. हालांकि कंपनियों को OTA अपडेट और प्रीलोडिंग दोनों का मैनेजमेंट करना होगा, जो एक बड़ा तकनीकी काम है. लेकिन यूजर की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम लंबे समय में काफी असरदार साबित हो सकता है.

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