देहरादून (रोहित सोनी): उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश शासन प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी है. खासकर उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में हुई भारी बारिश की वजह से तमाम जगहों पर आपदा जैसे हालात बन गए हैं. इसको देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से पहले ही चेतावनी जारी की जा चुकी है कि नदियों से दूरी बनाकर रखें. बावजूद इसके देहरादून से महज 15 किलोमीटर दूर मालदेवता में सॉन्ग नदी में पर्यटकों की भीड़ उमड़ी हुई है. सॉन्ग नदी में पहले ही कई बार आपदाएं आ चुकी हैं. बावजूद इसके पर्यटक बेखौफ होकर नदी में गोते लगा रहे हैं और सेल्फी ले रहे हैं. पेश है ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट.
नदियों में जोखिम उठा रहे पर्यटक: हर साल मानसून सीजन के दौरान उत्तराखंड में आपदा जैसी स्थिति बनती रही है. उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से न सिर्फ नदियां उफान पर हैं, बल्कि तमाम संपर्क मार्ग भी टूट गए हैं. इसके चलते स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले पर्यटक संभावित आफत को भूलकर नदियों में गोते लगा रहे हैं. उत्तराखंड में कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जब नदियों में नहाने या फिर पिकनिक मनाने गए तमाम पर्यटक भारी बारिश के चलते फंस गए और फिर आपदा प्रबंधन विभाग इन पर्यटकों का रेस्क्यू करता दिखाई देता रहा है.
मानसून में नदियों में नहाना खतरनाक (Video- ETV Bharat)
ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर लिया जायजा: ईटीवी भारत की टीम राजधानी देहरादून के घंटाघर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित मालदेवता पहुंची. यहां सॉन्ग नदी में बड़ी संख्या में पर्यटक तेज बहाव से बह रही पानी के बीच नहाते और सेल्फी लेते नजर आए. सॉन्ग नदी के समीप ही सिंचाई विभाग की ओर से एक चेतावनी का बोर्ड लगाया गया है. इसमें लिखा हुआ है कि “ये बाढ़ संभावित क्षेत्र है, नदी का जल स्तर बढ़ने की आशंका है. ऐसे में नदी से उचित दूरी बनाए रखें. बावजूद इसके सिंचाई विभाग की ओर से लगाए गए इस चेतावनी बोर्ड को दरकिनार करते हुए तमाम पर्यटक नदी में तेज बहाव के बीच एंजॉय करते दिखाई दिए. कुछ फैमिली ऐसी भी दिखाई दीं जिनके छोटे-छोटे बच्चे भी नदी में बेखौफ खेल रहे थे.
मानसून की बारिश में उत्तराखंड की नदियां उफान पर हैं (Photo- ETV Bharat)
माल देवता में सॉन्ग नदी है रिस्की: हर साल मानसून सीजन के दौरान प्रदेश की नदियों का जलस्तर काफी अधिक बढ़ जाता है. मानसून सीजन के दौरान ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं जब पर्यटक नदी के बीच फंस जाते हैं या फिर पानी के तेज बहाव में बह जाते हैं. इसके बाद एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की ओर से फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जाता है. लेकिन चेतावनी बोर्ड लगाए जाने के बावजूद भी पर्यटक संभावित आशंकाओं को नजर अंदाज करते हुए बेखौफ पानी में गोते लगा रहे हैं. मौसम विभाग ने 7 जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है. जब पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश होती है तो नदियों का जलस्तर काफी अधिक बढ़ जाता है.

लोग उफनती नदियों में सेल्फी लेने का रिस्क ले रहे हैं (Photo- ETV Bharat)
तीन साल पहले सॉन्ग नदी ने मचाई थी तबाही: जिस सॉन्ग नदी में पर्यटक बेखौफ नहा रहे थे और वहां पानी के तेज बहाव के बीच सेल्फी ले रहे थे, उस नदी में पहले भी कई घटनाएं घट चुकी हैं. यही नहीं, साल 2022 के दौरान बादल फटने की घटना की वजह से सॉन्ग नदी के आसपास के क्षेत्र में भारी तबाही मची थी. उसके निशान अभी भी यहां दिखाई देते हैं. अमूमन हर मानसून सीजन के दौरान ही इस नदी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ जाता है, जिसके चलते आसपास काफी अधिक नुकसान होता है. बावजूद इसके पर्यटक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और बिना किसी डर के नदी में नहा रहे हैं. हालांकि, इस नदी में पहले हो चुकी घटनाओं को देखते हुए सिंचाई विभाग की ओर से चेतावनी के वोट तो लगा दिए गए, लेकिन वहां कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं है जो पर्यटकों को नदी के समीप जाने से रोके. ऐसे में प्रशासन की सक्रियता पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है.

मानसून की बारिश में नदियों में नहाना रिस्की हो सकता है (Photo- ETV Bharat)
दूसरे राज्यों से आए पर्यटक भी नदी में नहाने पहुंच रहे: सॉन्ग नदी में नहा रहे पर्यटकों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. इस बातचीत के दौरान कुछ पर्यटकों ने कहा कि वो उत्तर प्रदेश से आए हैं और इस पर्यटक स्थल पर पहली बार आए हैं. ऐसे में उन्हें इस चीज की जानकारी नहीं है. कुछ लोग ऐसे भी नहाते हुए दिखाई दिए जो देहरादून के ही रहने वाले हैं और वह उस क्षेत्र की स्थिति से पूरी तरह से वाकिफ हैं. बावजूद इसके उनका कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि सॉन्ग नदी में पानी का बहाव कब तेज होगा, लिहाजा वो उससे पहले ही अपने घर को रवाना हो जाएंगे. वहीं एक पर्यटक ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि अचानक ही सॉन्ग नदी में पानी भर जाता है, यही वजह है कि वह सॉन्ग नदी के अंदर न जाकर बाहर ही एन्जॉय कर रहे हैं.

चेतावनी बोर्ड के बावजूद लोग सॉन्ग नदी में नहाने पहुंच रहे हैं (Photo- ETV Bharat)
आपदा प्रबंधन विभाग का अपना दावा: पर्यटकों की ओर से उठाया जा रहा ये कदम साहसिक नहीं कहा जा सकता, क्योंकि हर साल सॉन्ग नदी में पानी का बहाव काफी अधिक होता है. इसके चलते तमाम लोग फंस जाते हैं. बावजूद इसके पर्यटक अपनी जान को जोखिम में डालकर नदी में नहा रहे हैं और सेल्फी ले रहे हैं. इस सवाल पर आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि-
प्रदेश में मौजूद तमाम पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों की ओर से लापरवाही बढ़ती जा रही है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन को पहले ही दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं. ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से इन जगहों पर बोर्ड लगाए गए हैं. साथ ही चेतावनी भी दी गई है ताकि नदी नालों के किनारे ना जाएं. साथ ही कहा कि पर्यटक स्थलों के पास सेल्फी प्वाइंट और सेल्फी ना लेने वाले पॉइंट्स को चिन्हित करके वहां बोर्ड लगाए जाने की कार्रवाई भी की जा रही है. ताकि सेल्फी लेने के चक्कर में किसी पर्यटक के साथ कोई दुर्घटना ना हो.
-विनोद कुमार सुमन, सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग-
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