किरनकांत शर्मा, देहरादून: उत्तराखंड में मानसून की बौछार साहसिक पर्यटन पर कुछ महीनों के लिए ब्रेक सा लगा देती है. बाकी दिनों में नदियां नीली और साफ नजर आती है, लेकिन मानसून सीजन में नदियां मटमैली हो जाती है और उनका रौद्र रूप देखने को मिलता है. जिससे नदियों की लहरों पर रोमांच के सफर यानी राफ्टिंग पर ब्रेक लग जाता है. इसके अलावा जहां तहां कीचड़ और लैंडस्लाइड भी पर्यटकों के कदमों को रोक देती है. इन महीनों में वन्यजीवों के दीदार भी नहीं कर सकते हैं. क्योंकि, तमाम पार्क के गेट बंद कर दिए जाते हैं. इससे पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आ जाती है. लिहाजा, मानसून के महीने में नजारे तो खूबसूरत हो जाते हैं, लेकिन इनके दीदार के लिए पर्यटक नहीं आ पाते हैं.
बारिश की बौछार पड़ते ही थम सा जाता है सब कुछ: उत्तराखंड में लोग जहां आस्था के साथ चारधाम समेत तमाम मठ मंदिर में मात्था टेकने आते हैं तो वहीं कुछ साहसिक पर्यटन का लुत्फ उठाने भी आते हैं. इससे पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आमद हर साल रहती है, लेकिन मानसून की वजह से कुछ महीने पर्यटकों की आमद थम सी जाती है. ये वही महीना होता है, जिसमें बारिश का कहर भी देखने को मिलता है. ऐसे में गढ़वाल हो या कुमाऊं के तमाम नेशनल पार्क बंद जाते हैं. जबकि, नदियों में राफ्टिंग करना तो संभव ही नहीं होता है.
मानसून में पर्यटकों की संख्या में गिरावट (फाइल फोटो- ETV Bharat)
उत्तराखंड में ऋषिकेश और चंपावत में चलने वाली रिवर राफ्टिंग को नदियों के जलस्तर बढ़ने पर बंद कर दिया जाता है. ऋषिकेश के मुनिकी रेती कौड़ियाला इको टूरिज्म क्षेत्र में गंगा की लहरों पर चलने वाली राफ्टिंग तो पर्यटकों को खूब भाती है. यही कारण है कि हर साल ऋषिकेश में क्या देसी और क्या विदेशी, पर्यटक इसका आनंद लेने के लिए पहुंचते हैं.
गंगा की लहरों में अठखेलियां हर किसी को पसंद है, लेकिन मानसून में जलस्तर बढ़ जाता है. लिहाजा, सुरक्षा के लिहाज से रोक लगा दी जाती है. इनदिनों भी गंगा नदी से राफ्टिंग गायब हैं. वहीं, पुलिस की ओर से भी लगातार लोगों को घाटों पर अनाउंसमेंट कर गंगा किनारे न जाने की अपील कर रही है.

राफ्टिंग का लुत्फ (फाइल फोटो- ETV Bharat)
हर साल किया जाता है बंद, रिकॉड तोड़ रही इस बार भीड़: अगर आप भी राफ्टिंग करने के शौकीन रखते हैं और चाहते हैं कि ऋषिकेश में इस शानदार अनुभव का आनंद लिया जाए तो आपको दो महीने का इंतजार करना होगा. अब ऋषिकेश में राफ्टिंग पर्यटकों के लिए 15 सितंबर से शुरू होगी. इस बार सीजन के दौरान 2,64,380 लोगों ने ऋषिकेश में स्थित रिवर राफ्टिंग का आनंद लिया है.
अब जलस्तर बढ़ने और पानी के साथ मलबा आदि आने से राफ्ट को उतारने की इजाजत नहीं होती है. इसलिए प्रशासन पूरी तरह से पानी में होने वाले साहसिक खेलों पर प्रतिबंध लगा देता है. टिहरी एसपी जेआर जोशी का कहना है कि ‘पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है. पानी का बहाव काफी ज्यादा है, इसलिए इस वक्त राफ्टिंग करना खतरे से खाली नहीं होता है.‘
कॉर्बेट में बंद हुई सफाई, लाखों पर्यटकों ने किए वन्यजीवों के दीदार: इसके साथ ही मानसून ने उत्तराखंड के तमाम नेशनल पार्क के भी दरवाजे बंद कर दिए हैं. गंगोत्री नेशनल पार्क से लेकर गढ़वाल के राजाजी नेशनल पार्क, शिवालिक नेशनल पार्क, मोतीचूर नेशनल पार्क के अलावा कॉर्बेट नेशनल पार्क की कई रेंज को भी बंद कर दिया गया है.

सफारी के दौरान बाघ को करीब से निहारते पर्यटक (फाइल फोटो- Corbett Administration)
मानसून के दौरान जंगलों में बाढ़ का खतरा रहता है. ऐसे में पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. भारी बारिश की वजह से जंगलों से आ रही उफनती नदियां इन पार्क में भी अपना रौद्र रूप दिखाती हैं. इस दौरान पार्क की कई सड़क पूरी तरह से खत्म हो जाती हैं.
अब करना होगा पार्क के लिए इंतजार: लिहाजा, बारिश के चलते अब पर्यटक उत्तराखंड के किसी भी पार्क में सफारी का आनंद नहीं ले पाएंगे. कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला रेंज, बिजरानी रेंज, झिरना, ढेला, गर्जिया जैसी तमाम रेंज को बंद कर दिया गया है. अब यह सभी पार्क 15 अक्टूबर को खोले जाएंगे.
कॉर्बेट के अलावा उत्तराखंड का राजाजी नेशनल पार्क भी पर्यटकों की पहली पसंद रहता है. यहां की तमाम रेंज को भी भारी बारिश और मानसून की वजह से फिलहाल बंद कर दिया गया है. इस बार सीजन के दौरान करीब 1 लाख पर्यटक कॉर्बेट नेशनल पार्क में पहुंचे हैं. जबकि, राजाजी पार्क में भी पर्यटकों की संख्या काफी ज्यादा रही है.

मसूरी में छाता ओढ़कर जाती युवतियां (फाइल फोटो- ETV Bharat)
अन्य जगहों पर बिता सकते हैं टाइम: अगर आप उत्तराखंड आकर कुछ खास जगह पर समय बिताना चाहते हैं तो रिजर्व पार्क और राफ्टिंग के अलावा भी बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं, जहां पर आप अपना समय बेहद शांति से बिता सकते हैं. लैंसडाउन आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. जंगलों से घिरा हुआ यह खूबसूरत हिल स्टेशन जहां पर भूस्खलन और बारिश बाढ़ का जोर इतना नहीं चलता है. यहां पर आप आकर अपना समय बिता सकते हैं.
इसके अलावा ऋषिकेश में भी कई ऐसी जगह हैं, जहां पर आपको प्राकृतिक सुंदरता और शांति की अनुभूति हो सकती है. आप मानसून के समय में ऋषिकेश जाकर अपना अपनी ट्रिप को खास बना सकते हैं. देहरादून से लगाते हुए कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर बारिश आपको परेशान नहीं करेगी. मौसम की जानकारी लेकर आप चकराता की तरफ भी जाकर भी अपने दिन बिता सकते हैं.
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