नई दिल्ली : मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. कंपनी पर 4843.7 करोड़ रुपये अवैध तरीके से कमाने के आरोप लगे हैं. सेबी ने इसे जमा कराने के आदेश दिए हैं. पैसे जमा हो जाने के बाद सेबी कंपनी को दोबारा से कारोबार करने के आदेश दे सकती है. क्या है पूरा मामला, इसे समझने के लिए पढ़ें पूरी खबर.
आइए सबसे पहले समझते हैं कि जेन स्ट्रीट क्या है. यह दुनिया की सबसे बड़ी क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग फर्मों में से एक है. यह आमतौर पर बड़े ट्रेडिंग करने के लिए जानी जाती है. इसकी स्थापना 2000 में की गई थी. इसमें 3,000 से अधिक कर्मचारी हैं. इनका कार्यालय अमेरिका, यूरोप और एशिया के कई शहरों में है. इस समय यह 45 देशों में काम करती है. एशिया में हांगकांग में इसकी सबसे बड़ी इकाई है.
कंपनी पर क्या आरोप हैं – इंडेक्स स्तर में हेरफेर करने का आरोप – विशेष रूप से निफ्टी और बैंक निफ्टी के जरिए. इसे आसान भाषा में इस तरह से समझ सकते हैं.
मॉर्निंग पंप, आफ्टरनून डंप – जेन स्ट्रीट मॉर्निंग में बैंक निफ्टी स्टॉक्स या फिर एनएसई इंडेक्स के फ्यूचर्स में बड़ी खरीदारी करते थे. इससे इंडेक्स काफी हाई हो जाता था. बाद में वे अपने पॉजिशंस को अग्रेसिवली सेल करते थे. जिसकी वजह से इंडेक्स में बड़ी गिरावट आ जाती थी. इस तरह से रिटेल का पैसा डूब जाता था. रिटेल इन्वेस्टर्स को लगता था कि इंडेक्स वाकई स्ट्रॉंग है, लेकिन इसे मैनिपुलेट करके बढ़ाया जाता था. इसी तरह से कंपनी एक्सपायरी डे के दिन भी इंडेक्स को मैनुपेलेट करती थी. एक्सपायरी के दिन अंतिम समय में फिर से ये बड़े ट्रेड को एग्जक्यूट करते थे. यहां पर भी रिटेल इन्वेस्टर्स बाजार को समझ नहीं पाते थे, और उनका पैसा डूब जाता था. शेयर मार्केट के एक्सपर्ट मानते हैं कि पॉजिशंस लेकर खरीदना और बेचना शेयर मार्केट का हिस्सा है, लेकिन इन्होंने अनएथिकल तरीके से पूरा काम किया, इसलिए उन पर सवाल उठ रहे हैं. यानी पॉजिशंस को बढ़ा-चढ़ाकर मैनुपेलेट करना. आप इसे इस ट्वीट से भी समझ सकते हैं.
सेबी ने भारत में इनकी सहयोगी कंपनियों के कारोबार करने पर रोक लगा दी है. इन कंपनियों के नाम हैं – जेएसआई इन्वेस्टमेंट्स, जेएसआई2 इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग.
कैसे आया पूरा मामला सामने
पीटीआई के अनुसार सेबी ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक एक जनवरी 2023 से 31 मार्च 2025 तक कंपनी ने इंडेक्स ऑप्शंस के जरिए 43289 करोड़ प्रोफिट कमाए हैं. कंपनी ने खुद स्वीकार किया है कि उसने 2023 में इस रणनीति से एक बिलियन डॉलर की कमाई की है.
- अप्रैल 2024 – जेन स्ट्रीट ने अपनी कंपनी के दो पूर्व ट्रेडर्स पर गोपनीय प्रॉप ट्रेडिंग रणनीतियों को चुराने का आरोप लगाया. कंपनी ने कहा कि ऐसा करके दोनों मिलेनियम मैनेजमेंट में नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं. कंपनी ने कहा कि उसने इस रणनीति से भारत के ऑप्शन मार्केट में काफी पैसे कमाए हैं. मिलेनियम मैनजमेंट जेन स्ट्रीट का कॉंप्टिटर रहा है.
- 2024 में ही इसकी शिकायत सेबी को की गई. शिकायत मिलने के बाद सेबी ने जांच शुरू की.
- जेन स्ट्रीट के दोनों ट्रेडर्स ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि उनकी रणनीति की वजह से ही जेन स्ट्रीट को बड़ा मुनाफा हुआ, जो कि पहले बहुत कम हुआ करता था. दोनों ट्रेडर्स ने अमेरिकन कोर्ट का रूख किया. उन्होंने जेन स्ट्रीट पर आरोप लगाए.
- अमेरिकी कोर्ट ने जेन स्ट्रीट को 23 मई, 2024 तक डिटेल सौंपने को कहा. कोर्ट ने पूछा कि वह कौन सी रणनीति है, उसका ब्योरा दें, जिसे उन दोनों ट्रेडर्स ने कथित तौर पर चुराया है.
- इस मामले पर पूरी सुनवाई हुई. उसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जेन स्ट्रीट ने दोनों ट्रेडर्स पर जो भी आरोप लगाए हैं, उनकी (कंपनी) नीयत में कोई खोट नहीं है. यानी दोनों ट्रेडर्स ने कंपनी पर बदनीयती बरतने के जो आरोप लगाए थे, उसे खारिज कर दिया गया.
- उसी समय सेबी ने भी एनएसई को पूरे मामले में जांच करने को कहा.
- अगस्त 2024 में सेबी ने जेन स्ट्रीट कंपनी से पूरा ब्योरा मांगा.
- अक्टूबर 2024 में सेबी ने खुदरा निवेशकों पर एफ एंड ओ में लगाम लगाने को लेकर नया सर्कुलर जारी किया.
- नवंबर 2024 में एनएसई ने सेबी को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी.
- दिसंबर 2024 में जेन स्ट्रीट और मिलेनियम कंपनी ने आपस में सेटलमेंट कर लिया. हालांकि, इनकी शर्तें क्या थी, इसे सार्वजनिक नहीं किया गया.
- सेबी ने वीकली इंडेक्स ऑप्शंस के एक्सपायरी डे पर असामान्य वॉलेटिलिटी को ऑबजर्व किया. इसने पाया कि कुछ संस्थाएं फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में बहुत बड़ा जोखिम ले रही हैं. खासकर एक्सपायरी के दिन इसमें जबरदस्त वोलेटिलिटी देखी गई. सेबी ने इस पर जांच जारी रखने के आदेश दिए.
- फरवरी 2025 में सेबी ने जेन स्ट्रीट को कटघरे में खड़ा किया. सेबी के निर्देश पर एनएसई ने जेन स्ट्रीट को कॉशन लेटर जारी किया. कंपनी को बड़ा कैश पॉजिशन लेने से रोक दिया गया.
- जेन स्ट्रीट ने एनएसई को जवाब दिया.
- जेन स्ट्रीट के इंडिया पार्टनर नुवामा वेल्थ को जांच की जानकारी दी गई. इसके बावजूद जेन स्ट्रीट ने इंडेक्स ऑप्शंस में बड़ा पॉजिशन लेना जारी रखा.
- जुलाई 2025 – सेबी ने अंतरिम आदेश जारी किया. जेन स्ट्रीट को मार्केट एक्सस करने से रेस्ट्रिक्ट किया और उस पर 4843 करोड़ रु. के अवैध तरीके से कमाने के आरोप लगाए.
- सेबी के अनुसार जेन स्ट्रीट ने एक जनवरी, 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच भारतीय एक्सचेंजों के इंडेक्स ऑप्शंस में ट्रेडिंग के ज़रिए 43,289 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा कमाया.
क्या कंपनी ये पैसे देगी
मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक जेन स्ट्रीट के सरकारी प्रतिभूतियों में मार्जिन डिपॉजिट के रूप में 15 हजार करोड़ रुपये रखे हुए हैं. इसलिए अगर कंपनी ने पैसे देने में आनाकानी की तो सेबी आसानी से इस राशि को रोक सकती है. सेबी का कहना है कि जेन स्ट्रीट के पास इक्विटी में बहुत कम हिस्सेदारी है और सरकारी बांड में बड़ी हिस्सेदारी से पता चलता है कि उनका उद्देश्य शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के जरिए लाभ कमाना है.
क्या कहते हैं नितिन कामत
You’ve got to hand it to SEBI for going after Jane Street. If the allegations are true, it’s blatant market manipulation.
The shocking part? They kept at it even after receiving warnings from the exchanges. Maybe this is what happens when you’re used to the lenient U.S.… pic.twitter.com/pZGEnfnDXl
— Nithin Kamath (@Nithin0dha) July 4, 2025
जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, यह घटना बहुत ही अफसोसनाक है. उन्होंने कहा कि अमेरिकन मार्केट में डार्क पूल, ऑर्डर फ्लो के लिए भुगतान, और अन्य खामियां हैं, जो हेज फंड को रिटेल इन्वेस्टर्स से अरबों कमाने की अनुमति देती हैं. जबकि इसकी तुलना में भारतीय मार्केट और सेबी कई गुणा बेहतर तरीके के काम कर रही है.
हालांकि, निखिल ने यह भी कहा कि जेन स्ट्रीट जैसी प्रॉप ट्रेडिंग फर्म ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम का लगभग 50 फीसदी हिस्सा हैं. अगर वे पीछे हटते हैं, तो खुदरा गतिविधि भी प्रभावित हो सकती है. इसलिए यह एक्सचेंज और ब्रोकर दोनों के लिए बुरी खबर हो सकती है.
ये भी पढ़ें : ‘दमानी को मिल सकते हैं 9300 करोड़ रुपये’, जानें कौन-सी कंपनी देगी ये पैसे, आप भी लगा सकते हैं दांव