नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मामले में गुरुवार को ईडी ने अपनी दलीलें पूरी कर ली. राउज एवेन्यू कोर्ट में ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि यंग इंडियन दो हजार करोड़ रुपये की आपराधिक आय प्राप्त करने का एक साधन था. यह मनी लांड्रिंग का एक क्लासिक मामला है. स्पेशल जज विशाल गोगने ने अब इस मामले में 4 जुलाई को राहुल गांधी और सोनिया गांधी समेत दूसरे आरोपियों की ओर से दलीलें रखने का आदेश दिया.
आज सुनवाई के दौरान एसवी राजू ने कहा कि शेयरहोल्डिंग सिर्फ नाम के लिए है और अन्य आरोपी गांधी परिवार की कठपुतली हैं. ईडी ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी कांग्रेस को नियंत्रित करते हैं. उनका उद्देश्य 92 करोड़ प्राप्त करना नहीं था, बल्कि उनका उद्देश्य दो हजार करोड़ रुपये प्राप्त करना था.
ईडी ने 2 जुलाई को कोर्ट को बताया था सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने दो हजार करोड़ की संपत्ति के लिए मात्र 50 लाख रुपये ही दिए. ईडी ने कहा था कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का स्वामित्व लेने के बाद गांधी परिवार के नियंत्रण वाली यंग इंडियन लिमिटेड ने घोषणा की कि वो नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन नहीं करेगा.
ईडी ने कहा था कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटे की संपत्तियां दिल्ली के अलावा लखनऊ, भोपाल, इंदौर , पंचकुला, पटना और देश के दूसरे स्थानों पर स्थित हैं. देश भर की ये संपत्तियां 1947 के बाद केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों ने एसोसिएटेड जर्नल्स को दी थी. उन्होंने कहा कि एसोसिएटेड जर्नल्स की संपत्तियां यंग इंडियन को पैसे बनाने के लिए हस्तांतरित की गई थी.
ईडी ने 21 मई को कहा था कि इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपराध से 142 करोड़ रुपया कमाया. आरोपी तब तक अपराध की आय का आनंद ले रहे थे. गांधी परिवार पर अपराध से प्राप्त धन को अपने पास रखने और उसे वैध बनाने का आरोप है. ईडी ने कहा था कि प्रथम दृष्टया सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला बनता है. उन्होंने कहा था कि ईडी नवंबर 2023 में नेशनल हेराल्ड की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त किया था. ईडी ने कहा था कि यंग इंडियन कंपनी का लाभकारी स्वामित्व हमेशा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास रहा.
बता दें कि 2 मई को कोर्ट ने इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सात आरोपियों को नोटिस जारी किया था. ईडी ने 15 अप्रैल को कोर्ट में अभियोजन शिकायत दाखिल किया था. ईडी ने इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया है. ईडी ने मनी लांड्रिंग कानून की धारा 44 और 45 के तहत शिकायत दाखिल किया है. ईडी की ओर से पेश वकील एनके माटा ने कहा था कि इस मामले में 2019 में सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 403, 406 और 420 के तहत एफआईआर दर्ज किया था.
इस मामले में शिकायतकर्ता सुब्रह्मण्यम स्वामी का आरोप है कि दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया. स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. जबकि गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है.
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