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सरकार का बड़ा फैसला: पीक ऑवर्स में कैब कंपनियों को दोगुना किराया वसूलने की छूट


नई दिल्ली: भारत के राइड-हेलिंग और बाइक-टैक्सी इंडस्ट्री ने सरकार के नए मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश (एमवीएजी) 2025 का वेलकम किया है. इसे नियामक स्पष्टता, इनोवेशन और देश भर में किफायती गतिशीलता के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है.

पीक ऑवर्स में दोगुना चार्ज की अनुमति
केंद्र सरकार ने उबर, ओला, रैपिडो और अन्य कैब एग्रीगेटर्स को अपने संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत पीक ऑवर्स के दौरान यात्रियों से बेस किराए से दोगुना तक चार्ज करने की अनुमति दे दी है. इसके अलावा, गैर-भीड़ वाले घंटों के दौरान किराया बेस दरों के 50 फीसदी से कम नहीं हो सकता. इससे पहले, ये राइड हेलिंग फर्म यात्रा के पीक ऑवर्स के दौरान 1.5 गुना तक चार्ज कर सकती थीं. अगर राज्यों के किराया अधिसूचित नहीं किया गया है, तो कंपनियों को अपनी आधार दरें घोषित करनी होंगी.

यात्रा रद्द पर जुर्माना
इस कदम से यात्रा की लागत में बढ़ोतीर होने की संभावना है. क्योंकि कुछ राज्य पुराने वाहनों पर फ्यूल के सख्त प्रतिबंध को लागू कर रहे हैं, जिससे बढ़ती लागत के दबाव को लेकर चिंता बढ़ रही है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देश मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश (एमवीएजी) 2025 में यह भी कहा गया है कि अगर बिना किसी विशेष कारण के यात्रा रद्द की जाती है तो चालकों पर किराये का 10 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा, जो 100 रुपये से अधिक नहीं होगा.

इसके अलावा राज्य सरकारों को अगले तीन महीनों में नए दिशा-निर्देश अपनाने की सलाह दी गई है क्योंकि वे राइड एग्रीगेटर्स द्वारा वसूले जाने वाले किराए को तय करने के लिए जिम्मेदार होंगे. इसके अलावा ड्राइवरों के लिए किराए और प्रोत्साहन का हिस्सा राज्य सरकार की सिफारिशों पर आधारित होगा.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश (एमवीएजी) 2025 जारी किए, जो भारत के साझा गतिशीलता क्षेत्र के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित विनियामक स्पष्टता देते हैं, जिसमें राज्यों को एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म के माध्यम से यात्री सवारी के लिए गैर-परिवहन (निजी) मोटरसाइकिलों के उपयोग की अनुमति देने की आधिकारिक अनुमति दी गई है.

यह कदम रैपिडो और उबर जैसे बाइक टैक्सी ऑपरेटरों को राहत देता है, जो लंबे समय से कानूनी ग्रे एरिया में काम कर रहे हैं. खासकर कर्नाटक जैसे राज्यों में, जहां हाल ही में बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध के कारण तनाव और व्यापक विरोध प्रदर्शन बढ़े हैं. उबर और रैपिडो सहित प्रमुख उद्योग खिलाड़ियों ने इस कदम का स्वागत किया है. इनोवेशन को बढ़ावा देने, सस्ती गतिशीलता का विस्तार करने और नए आजीविका के अवसर पैदा करने की इसकी क्षमता को स्वीकार किया है.

उबर ने सरकार के दिशानिर्देशों की तारीफ की

उबर ने दिशानिर्देशों की सराहना करते हुए इसे इनोवेशन और रेगुलेटरी स्पष्टता को बढ़ावा देने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम बताया है. उबर के प्रवक्ता ने कहा कि राज्यों द्वारा समय पर अपनाए जाने से सभी हितधारकों के लिए समान कार्यान्वयन और बहुत जरूरी पूर्वानुमान सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. हम मंत्रालय के परामर्शी और संतुलित दृष्टिकोण की सराहना करते हैं, और फ्रेमवर्क के प्रभावी और समावेशी रोलआउट का समर्थन करने के लिए सभी स्तरों पर सरकारों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

रैपिडो ने दिशानिर्देशों पर क्या कहा?

रैपिडो ने एक बयान में कहा कि गैर-परिवहन मोटरसाइकिलों को साझा गतिशीलता के साधन के रूप में मान्यता देकर, सरकार ने लाखों लोगों के लिए अधिक किफायती परिवहन विकल्पों के द्वार खोले हैं. खासकर कम सेवा वाले और अति स्थानीय क्षेत्रों में… यह कदम यातायात की भीड़ और वाहनों के प्रदूषण जैसी चुनौतियों का समाधान करने में भी मदद करेगा, जबकि अंतिम मील कनेक्टिविटी और अति स्थानीय वितरण सेवाओं की पहुंच का विस्तार करेगा.

इसमें कहा गया है कि नीतिगत बदलाव शहरी और ग्रामीण भारत में सवारियों के लिए लाखों लचीले आजीविका के अवसर पैदा करने, भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं के अनुरूप साझा और कम उत्सर्जन वाले परिवहन को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी समर्थित प्लेटफार्मों और नियामक समर्थन के साथ गिग अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा.

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